दोस्तो, आप लोगों के प्यार को देख कर मैं अपनी एक और दास्तान ले कर वापस आया हूँ.
मैं अन्तर्वासना का बहुत शुक्रगुज़ार हूँ क्योंकि इसके कारण बहुत से नए दोस्त बन गए हैं.. जिनसे मैं मिला नहीं हूँ, पर ऐसा लगता है कि हम एक-दूसरे को बहुत समय से जानते हैं.
मुझे लगता था कि 40 के बाद आदमी सुधर जाता है, लेकिन ऐसा मेरे साथ नहीं हुआ.
जैसा कि मैंने अपनी पहली कहानियों में लिखा है कि मेरा काम कुछ इस तरह का है कि मुझे पूरे देश में जाना पड़ता है.
ऐसे ही कुछ दिन पहले मैं अपने एक दोस्त के साथ महाराष्ट्र में कुछ काम से गया था.
पिछले करीब एक महीने से मैं घर के बाहर ही था, तो मुझे चुदाई की गर्मी कुछ ज्यादा ही हो गई थी.
मैं अपने दोस्त से बोला- यार तू तो यहाँ आता रहता है.. तू किसी को जानता है क्या.. जो मेरी गरमी निकाल दे.
तो मेरे दोस्त ने कहा- मेरी एक सहेली है जो मजे के लिए मेरे पास आती है. वो है तो डाक्टर.. पर उसे कभी-कभी बाहर का चिकन खाना पसन्द है, मैं उससे बात करता हूँ.
शाम को जब वो आई तो मैं तो देखता ही रह गया, एकदम मस्त फ़िगर.. हाँ.. उसकी चूचियाँ ज्यादा बड़ी नहीं थीं.. पर फ़िगर एकदम मस्त था.
उसने लाल रंग की टी-शर्ट और नीली जीन्स पहनी हुई थी.
कुछ देर बात करने के बाद वो मान गई कि कुछ देर के लिए मुझसे मिल लेगी.
रात को करीब 9 बजे वो मेरे कमरे में आई और चुपचाप पलंग पर बैठ गई.
मैंने पूछा- क्या पियोगी?
तो वो बोली- जो पिलाओगे..
मैं बोला- जो तुम्हें पसन्द हो.
वो बोली- तो एक-एक बीयर पीते हैं.
मैंने दो बीयर मंगवा लीं और हम दोनों पीने लगे.
उसने केवल एक गिलास ही पिया था कि उसे नशा चढ़ने लगा.
वो बोली- मुझे पेशाब करने जाना है.. पर खड़े होने की हिम्मत नहीं हो रही.. तुम मुझे ले चलो.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं उसका हाथ अपने कन्धे पर रख कर बाथरूम में ले गया.
वहाँ जाकर वो सीधे पॉट पर बैठने लगी तो मैं बोला- अरे जीन्स तो नीचे करो.
वो ‘ओह’ करके बोली- मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा… तुम कर दो.
मैंने उसकी जीन्स खोल कर नीचे खिसका दी.
इससे पहले कि मैं उसकी चड्डी नीचे करता.. वो बैठ कर पेशाब करने लगी और उसकी चड्डी पूरी गीली हो गई.
खैर.. मैंने उसके बैठे-बैठे ही उसकी जीन्स पूरी उतार दी और फिर उसकी चड्डी भी उतार दी.
उसको पूरा पानी से साफ किया और सहारा दे कर नंगा ही वापस कमरे में लेकर आ गया और पलंग पर बैठा दिया.
वो धीरे से पलंग पर लेट गई और मैं उसके पास ही पलंग पर बैठ गया.
मैंने उससे पूछा- अगर इतनी कम बीयर तुम्हें चढ़ जाती है तो तुमने पी क्यों?
वो बोली- असल में मैं मेरे दोस्त के साथ पहले पी कर आई हूँ और अभी आपके साथ पहली बार के कारण थोड़ी तनाव में हूँ.. इसलिए मैंने जल्दी-जल्दी पी ली और ये सब हो गया.
तो मैंने उससे कहा- जब तुम मेरे साथ अच्छा महसूस करोगी.. तभी हम आगे कुछ करेंगे.
यह सुन कर उसे कुछ तसल्ली हुई, फिर मैंने उसे पानी पिलाया और कुछ देर बाद वो हिम्मत करके उठ कर बैठ गई और मेरे गले में बाँहें डाल कर मुझसे लिपट कर बोली- जिस तरह आपने मुझे इतने प्यार से सम्भाला है.. अब मुझे बिल्कुल डर नहीं लग रहा है. अब मैं एकदम आराम से हूँ और ठीक हूँ.
इसके साथ ही उसने मेरे होंठों पर एक जोरदार पप्पी कर दी. मैंने कहा- तुम इतनी प्यारी हो कि जबरन कुछ करने का तो किसी का दिल ही नहीं करेगा और वैसे भी मुझे प्यार में मजा आता है.. केवल चुदाई करने में नहीं.
मैंने जैसे ही चुदाई का नाम लिया तो वो एकदम से बोली- अभी तक तो इतने शरीफ बन कर बैठे हो.. मुझे तो लगा कि तुम मुझे केवल खिला-पिला कर ही वापस भेजने वाले हो.
मैं बोला- लगता है नशा उतर गया है अब मैडम का…
वो बोली- तो मैं क्या सारी रात नशे में झूमने के लिए यहाँ आई हूँ.
मैंने कहा- अच्छा ये बात?
मैंने उसकी कमर में हाथ डाल कर अपने सीने से लिपटा लिया और हम दोनों के होंठ आपस में जुड़ गए.
कुछ देर बाद मैंने अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डाल दिया और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा.
वो भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, उसने सीधे ही अपना हाथ मेरे निक्कर पर रख कर मेरे पप्पू को दबा दिया…
मेरा पप्पू तो पहले से ही खड़ा था.. उसके दबाने से और जोश में आ गया.
वो बोली- यह तो पहले से ही तैयार है..
तो मैं बोला- ये तो शाम से.. जब से तुम्हें देखा था, तब से तैयार है.
वो बोली- फिर भी तुमने मेरे साथ इतने मेरे नशे में होने के बाद भी कोई गलत हरकत नहीं की.. तुम बहुत अच्छे हो.
इसके साथ ही उसने अपनी टी-शर्ट निकाल दी और मेरी गोदी में बैठ गई. अब उसके शरीर पर केवल एक ब्रा रह गई थी, वो मैंने खोल दी और उसकी चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा.
वो इतनी जल्दी गरम हो गई कि उसने अपनी चूत मेरे लन्ड पर मेरे निक्कर के ऊपर से ही रगड़नी शुरू कर दी.
केवल दो मिनट ही हुए होंगे कि उसने एकदम से मुझे धक्का देकर पलंग पर लेटा दिया और मेरा निक्कर उतार कर फेंक दिया और मेरे लन्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी.. मेरी ‘आहें’ निकलने लगीं.
मैंने भी दो मिनट में उसे 69 की अवस्था में किया और अपने ऊपर लिटा लिया. अब मैं उसकी चूत चूसने लगा और वो तो जैसे मेरा लन्ड खा जाना चाहती हो.. ऐसे चूस रही थी.
थोड़ी देर में उसका पानी निकल गया.. लेकिन मेरा पानी आज तक कोई भी लड़की चूस कर नहीं निकाल पाई और उसके साथ भी ऐसा ही हुआ.
उसने और दो मिनट तक कोशिश की फिर बोली- तुम्हारा पानी क्यों नहीं निकल रहा.. मेरा तो मुँह दु:खने लगा है.
तो मैंने कहा- यह पानी असली वाले होंठों से ही निकलता है.
‘ऐसा क्या..?’
वो एकदम से घूम कर मेरे लन्ड पर बैठ गई और कुछ देर उसे अपनी चूत पर रगड़ने के बाद उसे अपने अन्दर लेने लगी. जैसे-जैसे लन्ड अन्दर जा रहा था.. मुझे मजा आ रहा था और वो ‘आह.. उह’ कर रही थी.
पूरा लन्ड अन्दर जाने के बाद वो ऊपर-नीचे होने लगी. साथ में मुझे कहने लगी- मेरी चूची को जोर से दबाओ और चूसो पूरे जोर से… जब तक मेरी चूची में दर्द नहीं होता.. मुझे मजा नहीं आता!
बस फिर क्या था.. मुझे तो वैसे ही चूची चूसने में और दबाने में मजा आता है और ये मेरा सबसे पसन्दीदा तरीका है कि लड़की गोदी में बैठ कर उछले और मैं उसकी चूची पीते हुए उसे चोदूँ.
मैंने भी उसकी पसन्द का ख्याल रखते हुए चोदना और चूसना चालू कर दिया.
लेकिन ये खेल ज्यादा देर नहीं चल पाया और वो जल्द ही थक गई और कहने लगी- अब तुम्हारी बारी है.. धक्के मारने की..
मैं हमेशा लड़की की इज़्ज़त करता हूँ.. चाहे वो कोई भी हो और कैसी भी स्थिति हो. मैंने उसे गोद में उठाया और खड़ा हो गया.
वो बोली- वाह.. मजा आ गया.. आज तक मैंने यह आसन केवल फिल्म में ही देखा थ और आज इस तरह से मैं खुद चुद रही हूँ.
कहने लगी- क्या तुम ऐसे धक्के लगा सकते हो?
मैंने कुछ कहा नहीं और बस खड़े-खड़े धक्के मारने लगा..
तो वो तो जैसे पागल हो गई और जोर-जोर से आवाज़ निकाल कर चुदने लगी और साथ में ही अपनी चूची मेरे मुँह में लगा कर बोली- इस भी चूसो और काटो.
अब तो मजा ही दुगना हो गया और हम दोनों इसी तरह से कुछ देर चुदाई करते रहे.
फिर वो बोली- और भी कोई तरीके से चोदो..
तो मैंने उसे खड़ा किया और उसका एक पैर पलंग पर रखा और सामने से ही धक्के मारने लगा, लेकिन इस तरीके से ऊपर के मज़े बन्द हो गए क्योंकि बैलेन्स करना पड़ रहा था.
तो वो बोली- कोई और तरीके से करो.
मैंने उससे कहा- अपना एक पैर स्टूल पर रखो और सामने मेज़ को पकड़ कर झुक जाओ.
उसने ऐसा ही किया और फिर मैं पीछे से उसकी चूत में लन्ड डाल कर शुरु हो गया. इस तरीके में मैं उसके चूचे पकड़ कर दबा कर पीछे से ठोक रहा था और साथ में उसकी पीठ पर पप्पी भी कर रहा था तो बहुत मजा आ रहा था.
इस तरीके से हमने काफ़ी देर तक मज़े लिए.
फिर जब दोनों के झड़ने का समय आया तो हम असली तरीके पर आ गए और मैं उसके ऊपर लेट कर धबाधब धक्के मारने लगा और इस तरीके में मैं आराम से उसकी चूची चूस और दबा रहा था और जहाँ तक मेरा अन्दाज़ा है..
झड़ने के ठीक पहले लड़कियों को चूची चुसवाने में और दबवाने में बहुत अच्छा लगता है.
बस फिर हम दोनों ही एकदम जोर लगा कर पस्त हो गए क्योंकि दोनों का पानी निकल गया था और उसके बाद तो हम कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे.
फिर उठ कर नहा कर आए.
और आगे क्या हुआ.. वो मैं अगले भाग में लिख रहा हूँ.. तब तक मज़े लो और मज़े दो.
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कहानी का अगला भाग: चूची चूस चूस कर दोस्त की गर्लफ्रेंड को चोदा-2