जयपुर में दोस्त की चुदाई का मजा

Xxx दोस्त सेक्स कहानी में पढ़ें कि जयपुर की एक लड़की से मेरी दोस्ती थी. एक बार मैं जयपुर गया तो उससे मिला. हमारे बीच सेक्स जैसी बात नहीं थी पर हालात के चलते हमने सेक्स किया.

दोस्तो, मेरा नाम रिकी है.
अगर आपने मेरी पहली कहानी
मौसा की भानजी के साथ सेक्स का आनन्द
पढ़ी होगी तो आप मुझे जरूर जानते होंगे।

वह कहानी मेरे जीवन के बहुत ही कीमती पलों में से एक है, जो मैंने आप लोगों के साथ शेयर किया था जिसे आप लोगों ने बहुत प्यार दिया।

अब आज मैं आपको ऐसे ही एक और कीमती पल के बारे में बताने फिर से यहां आया हूं जो हाल ही में मेरे साथ हुआ है.

तो मजा लें इस Xxx दोस्त सेक्स कहानी का!

उससे पहले मैं मेरे नए दोस्तों को अपने बारे में बता दूं कि मैं 25 साल का हूं, मेरी हाईट 5’11” है, गोरा रंग और काफी फिट बॉडी है.
और हां मेरा लंड 7″ का है।
क्योंकि मैं रोज़ वर्कआउट करता हूं तो कभी कभी लड़कियां और भाभियां देख कर ही लाइन मारने लगती हैं।

अब ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए मैं सीधा कहानी पर आता हूं.

तो यह कहानी है अभी कुछ दिनों पहले की जब मैं एग्जाम देने जयपुर गया हुआ था।

वैसे तो मेरे लिए वो सिटी पूरी तरह अनजान ही थी पर उस शहर में मेरी एक फ्रैंड रहती है जो कि मेरी बहुत अच्छी फ्रैंड है।
अब मैं आपको बताऊंगा कि कैसे हमारी दोस्ती बिस्तर तक आ गई और चुदाई में बदल गई।

मेरी फ्रेंड का नाम शिवानी है, वह मुझे सोशल मीडिया पर मिली थी.

वैसे तो वह मुझसे 3 साल बड़ी थी पर हमारी दोस्ती बिल्कुल हम उम्र दोस्तों जैसी थी.
और काफी गहरी दोस्ती थी, हम हर बात शेयर करते थे जैसे कि वह जब भी अपने बॉयफ्रेंड से चुद कर आती थी तो बताया करती थी और मैं भी अपने सारे राज़ उसको बताता था।

शिवानी दिखने में काफी हॉट देसी माल टाइप लड़की है.
उसकी उम्र अब 25 होगी और हाईट करीब 5 फिट, रंग एकदम दूध सा गोरा, लंबे कमर तक आते बाल और नशीली आंखें.
साथ ही 34D-28-36 का ज़हर सा फिगर, जिसको देखते ही लंड चड्डी के अंदर ही पानी छोड़ दे।

मैं उसको पसंद करने लगा था पर कभी उसको यह नहीं कह पाया.
पर उसके साथ फ्लर्ट बहुत किया और वह भी पूरी मजे से बात करती थी।

पर इसी बीच उसकी शादी हो गई थी जो उसके लिए एक बुरे अनुभव से कम नहीं था.
उसके ससुराल वाले उसे परेशान करते थे इसलिए उसने 1 साल के अंदर ही तलाक ले लिया था और अब वह अकेली रह रही थी और जॉब भी कर रही थी।

तो बात है जून के महीने की भरी गर्मी की!
मुझे जयपुर एग्जाम देने जाना था.

जैसे कि मैंने बताया कि मुझे वहां के बारे कुछ भी नहीं पता था इसलिए मैंने उससे एग्जाम सेंटर के बारे में पूछा.

तब उसने कहा- तू बिल्कुल भी परेशान मत हो, बस जयपुर आ जा, सब आराम से हो जाएगा.
तो मैंने भी सोचा कि अच्छी बात है, परेशान नहीं होना पड़ेगा.
और मैंने रिजर्वेशन कर लिया।

क्योंकि मुझे उसने अपनी शादी के बारे में सब बताया था इसलिए मैं भी उससे ज्यादा बात नहीं करता था जिससे वो कुछ गलत न समझ ले।
इसलिए मैंने भी ज्यादा कुछ नहीं पूछा और होटल बुक किया और निकल पड़ा।

पहुंचने के बाद होटल में चेक इन किया और फ्रेश हुआ फिर फोन चेक किया तो उसका मैसेज पड़ा हुआ था कि मैं कब पहुंच रहा हूँ.

तब मैंने उसको रिप्लाई किया कि मैं तो पहुंच गया हूं।

फिर करीब 1 घंटे बाद उसका कॉल आया. तब मैं नाश्ता कर रहा था.

वह बोली- तूने बताया नहीं कि आज आ रहा है?
मैं- मैंने सोचा तू काम में बिजी होगी तो क्यों डिस्टर्ब करूं!

शिवानी- अच्छा मतलब ऐसे तो बात बात पे डिस्टर्ब करता था. अब जब जरूरी काम है तुझे … तो बता भी नहीं रहा खुद से!
मैं- अरे ऐसा नहीं है, मैंने सोचा आकर बताता हूं.

शिवानी- चल छोड़ … ये बता कि रुका कहां है?

मैं- स्टेशन के पास ही होटल बुक कर लिया था.
होटल का नाम एड्रेस बता दिया मैंने उसको!

शिवानी- अच्छा, और एग्जाम कब है तेरा?
मैं- एग्जाम तो कल है.

शिवानी- तो इतना जल्दी क्यों आ गया? आज पूरा दिन क्या करेगा अब?
मैं- कुछ नहीं, रूम पे पड़ा रहूंगा. अकेले जाऊंगा भी कहां! और वैसे भी तुझे काम पर जाना होगा.
शिवानी- मेरा तो आज ऑफ डे है, आज कोई काम नहीं है.

मैं- चल फिर मुझे भी अपना शहर घुमा दे.
शिवानी- हां हां, क्यों नहीं, पिंक सिटी आया है तो घूमना बनता है तेरा!

हमने प्लान बनाया कि पहले घूमने जायेंगे और उसके बाद साथ में लंच भी कर लेंगे.

तो मैं फटाफट तैयार हो गया.
वह 11 बजे के लगभग अपनी स्कूटी पर मुझे लेने आ गई.
वहां से हम लोग घूमने निकल गए।

मुझे उसके पीछे बैठने में बहुत अच्छा लग रहा था पर थोड़ा डर भी था कहीं उसको टच होने से वो गलत न समझे.
इसलिए मैं उससे थोड़ा दूर ही बैठा था।

हम लोग ऐसे ही नॉर्मल बातें करते हुए जा रहे थे.
तब उसने बोला- तू इतना दूर से क्यों बोल रहा है? मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा, थोड़ा पास आ के बोल!

तब मैं उसके थोड़ा करीब जा के बैठा.

फिर बातों बातों में उसने स्पीड ब्रेकर को देखा नहीं और स्पीड में ही स्कूटी निकाल दी जिससे जर्क की वजह से मैं उससे एकदम चिपक गया और झटके की वजह से मेरे हाथों ने उसकी कमर को कस के पकड़ लिया.
उसने कुछ नहीं बोला और बातें करने लगी.

मैं थोड़ा पीछे को आ गया.
फिर मैंने भी ध्यान नहीं दिया कि मेरे पीछे होते ही वह भी थोड़ा पीछे को आ गई और हमारी बॉडी थोड़ा थोड़ा टच हो रही थी।

उसके बाद ऐसे ही बातों बातों में हमने आम्बेर किला घूमा और उसने साथ ही उसने मुझे अपने शादी के बुरे अनुभव के बारे में सब बताया और बताते बताते रोने लगी.
मैंने उसको चुप कराने के लिए हग किया.
और वह मेरी बाहों में ही रोने लगी.

उसके बाद हम वहां से निकल कर एक बढ़िया से रेस्टोरेंट गए, वहां खाना खाया.
तब मैंने पूछा- अब आगे का क्या प्लान है?

तो उसने बोला- एक जगह और है, वहां भी घूम कर आते हैं.
मैं बोला- इस बार स्कूटी मैं चलाऊंगा तू बस रास्ता बताती जाना!
उसने बोला- हां ठीक है. चला लेना तू भी क्या याद रखेगा कि पिंक सिटी में लड़की को घुमा कर आया है.

इस बात पर हम दोनों हंसने लगे.

वह मेरे पीछे बैठ गई, फिर हम वहां से निकले.
और वह भी थोड़ा दूर ही बैठी थी.

पर स्पीड ब्रेकर्स की वजह से थोड़ी देर में वह एकदम मेरे पास ही आ गई.
उसने अपना मुंह मेरे कंधे पर रख दिया और बात करने लगी.

अब जैसे ही सड़क की वजह से झटका लगता, उसके दोनों बूब्स मेरी पीठ पे मसल जाते.
मुझे मज़ा आने लगा.

ऐसा होने की वजह से मेरे मन में अब चुदाई के ख्याल आने लगे.

थोड़ी देर बाद उसका एक हाथ मेरे दूसरे कंधे पर और दूसरा मेरी जांघ पे था.
उसके ऐसे करने से मेरा खड़ा भी होने लगा.
पर अब मैं अपने आपको कंट्रोल करने में लगा हुआ था.

थोड़ी देर में हम पहुंच गए और घूमने लगे.
हम दोनों इतना करीब होकर चल रहे थे जैसे कपल हों.

आगे जाकर हम सनसेट प्वाइंट पर पहुंचे.
वहां कुछ लोग थे तो हमने फोटो निकाले.

फिर हम खाली जगह पर आ कर बैठ गए और बातें करने लगे.

फ्लर्ट करते करते अचानक से हमारी नज़रें मिलीं.
पता नहीं मुझे क्या हो गया, मैंने अचानक से उसको किस कर दिया.
वह शॉक हो गई पर कुछ बोली नहीं!

फिर ऐसे ही थोड़े देर शांति रही.
मुझे लगा कि मैंने बहुत गलत कर दिया.

फिर हम वहां से निकले तो मैं रास्ते में उसको सॉरी बोलने लगा- सॉरी यार, वो बस फ्लो फ्लो में हो गया, माफ कर दे!

शिवानी- तू स्कूटी रोक!
मैं- अरे सॉरी न यार, ऐसे सुनसान जगह में बीच रास्ते में मुझे उतार कर चली जाएगी क्या?
शिवानी- तू स्कूटी रोक रहा है या नहीं?

यह सुनते ही मैंने स्कूटी रोकी.
रुकते ही वह उतर गई और मेरे साइड में आकर खड़ी हो गई.

जैसे ही मैं उसकी तरफ घूमा तो उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए.

मैं समझ नहीं पर रहा था कि अभी अभी ये क्या हुआ.

इतने में ही उसने मुझे कस के पकड़ लिया और मेरे होंठ चूसने लगी.
मैंने भी उसकी कमर को कस के पकड़ा और उसके होंठ चूमे.

तब उसने बोला- तुझे किसी ने ठीक से किस करना भी नहीं सिखाया क्या?
मैं- हां कौन सिखाएगी, तू तो यहां रहती थी उधर में अकेला!

शिवानी- चल चल … सिर्फ फ्लर्ट करना ही आता है तुझे! एक किस तक ठीक से नहीं होता तेरे से!

यह सुनते ही मैंने उसको अपनी तरफ खींचा और उसको कस के पकड़ कर किस करने लगा और अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी.

वह भी अपनी जीभ से मेरी जीभ के साथ खेल रही थी.
मेरा कंट्रोल खोने लगा और मेरा हाथ उसके टॉप के अंदर चला गया.

उसकी कमर को रगड़ते हुए सीधा उसकी चूचियों पर पहुंचा और उनको कस के पकड़ कर दबाने लगा.

थोड़ी देर में वह बोली- अरे बस कर! यहाँ सड़क पर कोई देख लेगा. चल इधर से!

फिर हम वहां से निकले.

उसने बोला- भूख लगी है, डिनर कर लेते हैं.
तब हम डिनर करने चले गए.

डिनर से वापस आते हुए मैंने स्कूटी पर पीछे बैठ कर उसके बहुत मजे लिए.
जैसे खाली जगह देख कर उसकी चूची दबाना, उसकी गर्दन पे बाइट देना!

वह भी फुल मजे ले रही थी.

थोड़ी देर में हम होटल पहुंचे, मैं उसे रूम में ले गया.

रूम में पहुंचते ही मैं उसे दरवाजे के साइड में ही दीवार से लगा कर उसे किस करने लगा.
वह फुल मूड में मुझे किस कर रही थी.

मैं उसके दोनों हाथों को उसके सिर के ऊपर दीवार पर करके उसके होंठ चूसने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.

फिर मैंने उसको ऊपर उठाया तो उसने अपनी टांगें मेरी कमर के चारों ओर करके मुझे कस लिया.

मैंने ऐसे ही उसे दीवार पर टिकाया और उसकी टॉप में हाथ डाल कर चूचियां मसलने लगा.
वह आआह्ह उफ्फ करके मजे लेने लगी.

मैं कहां अब रुकने वाला था, मैं भी अब दनादन उसकी गर्दन और होंठों पर बाइट करने लगा.
वह ज़ोर ज़ोर आउच उफ्फ करने लगी.

उसकी आवाज़ों से मेरे अंदर का शैतान पूरा जाग गया.
तो मैं उसे ऐसे ही उठा कर बेड पर ले गया.

अब मैंने उसके टॉप के अंदर से उसकी ब्रा निकाल कर दी और टॉप ऊपर करके चूचियों पे किस करने लगा.
तभी उसने अपना टॉप निकाल कर रख दिया.
अब वह आधी नंगी मेरे नीचे लेटी हुई थी और मैं उसकी दोनों चूचियों के साथ खेल रहा था.

मैं भी जोश जोश में उसकी निप्पल को जोर से काटने लगा तो वह जोर आह करती हुई मुझे धक्का देने लगी.
तब मैंने उसके दोनों हाथ उसकी पीठ पर करके उसी की ब्रा से बांध दिए.

अब मैं फुल मजे से कभी उसके निप्पल चूसता और कभी उनको काटता.
वह अब सिर्फ आआह्हह उफ्फ करती हुई मचल रही थी.

अब मैंने अपना एक हाथ धीरे से उसके नंगे पेट से रगड़ते हुए हुए उसकी जींस के अंदर डाल दिया और पैंटी पर रख दिया.

गीली चूत की वजह से उसकी पैंटी बहुत गीली हो चुकी थी.
मैं पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत रगड़ने लगा.
वह सिसकारियां लेने लगी.

मैं फिर से उसके गर्दन पर किस करने लगा और थोड़ी देर बाद हाथ को पैंटी के अंदर डाल कर चूत सहलाने लगा.

मेरा हाथ टच होते ही वह मचल गई.
फिर मैंने उसकी चूत रगड़ना शुरू किया.
वह ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां भरने लगी

थोड़ी देर बाद मैंने नीचे जाकर उसकी जींस और पैंटी निकाल कर उसको नंगी कर दिया और दोनों टांगें फैला कर उनके बीच आ गया.

अब मैं उसकी जांघों को किस और बाइट करते हुए मसल रहा था.
वह भी पूरी गर्म हो चुकी थी.

किस करते हुए मैं उसकी चूत पर पहुंचा और उसपर किस किया और चूत को फैला कर उसे चाटने लगा.
उसकी चूत गर्म और गीली थी.
मैं पूरे जोश से उसकी चूत के रस का मजा ले रहा था.

साथ साथ मैं उसकी चूत को अपनी उंगली से चोदने लगा.
जोर जोर से चोदने पर वह उछलने लगी.
उसकी ‘आआ आह उफ्फ’ पूरे कमरे में गूंज रही थी.

तब मैंने उठ कर अपने कपड़े उतारे और नंगा होकर उसके मुंह के ऊपर लंड करके 69 पोजिशन में उसकी चूत चाटते हुए उंगली करने लगा.
उसने एक झटके में पूरा लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी.

उधर मैं उसकी चूत को जोर जोर से चोदने लगा और उसके मुंह में पूरा लंड डाल कर मुंह भी चोदने लगा.

10 मिनट तक उंगली करने पर उसकी चूत ने अपना माल निकाल दिया.

अब मैं फुल स्पीड में उसके मुंह को भी चोद रहा था, साथ में उसकी चूत का मस्त माल चाट रहा था.

कुछ देर उसके मुंह को चोदने के बाद मैंने पूरा लंड उसके गले तक उतार दिया और वहीं सारा माल निकाल दिया.

और शिवानी शौक से मेरा सारा माल पी गई।

मेरा माल पीने के बाद वह बोली- कितने दिन से मुठ नहीं मारी तूने?
मैं- क्यों क्या हुआ?
शिवानी- इतना सारा माल निकाल दिया तूने मेरे मुंह में!
मैं- तेरे लिए तो मैं दिन भर अपना माल निकालता रहूं!

यह सुनते ही उसने मुझे अपने कंधे से धक्का दे कर नीचे बैड पर गिरा दिया और मेरे पेट पे बैठ कर मुझे किस करने लगी.

मैं साथ में उसकी चूचियां दबाने लगा.

फिर थोड़ी देर बाद वह मेरी टांगों के बीच पहुंच गई और मेरे लंड पर झुक कर फिर से उसे चूसने लगी.

उसके होंठ लगते ही मेरा लंड लोहे की रॉड जैसा तन गया और थोड़े देर चूसने के बाद वह पुनः मेरे पेट पर बैठ गई और धीरे लंड के ऊपर अपनी चूत रख कर रगड़ने लगी.
ऐसा करने से मैं तो पागल होने लगा.

वह मुझे 10 मिनट तक ऐसे ही छेड़ती रही.

फिर मैंने उसकी गांड पे जोर से थप्पड़ मारा तो वह रुकी और समझ गई कि अब लंड को चूत में लेना है.

वह थोड़ा ऊपर उठी.
तब मैंने लंड को सेट किया और वह धीरे से लंड पर बैठ गई.

उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड फिसलते हुए सीधा चूत के अंदर पहुंच गया.

मैंने भी उसकी कमर पकड़ कर उसे नीचे धक्का दिया.
जिससे पूरा लंड उसकी चूत को चीर कर अंदर पहुंच गया.

वह जोर से चिल्लाई- आआआ ह्हह्ह मादरचोद … मार डालेगा क्या!!
मैं- नहीं बहन की लौड़ी, पूरा लंड डाल के तेरी मारूंगा!

यह कहते ही मैं उसकी कमर पकड़ कर उसकी गांड को अपने लंड पर उछालने लगा.
उसके हाथ अभी भी बंधे हुए ही थे.

अब मैंने उसकी चूचियां पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया.
उधर वह मजे से मेरे लंड पर उछल रही थी और ‘आह्ह ह उफ्फ’ कर रही थी.

थोड़ी देर बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में आने को बोला.
वह झट से कुतिया बन गई.

मैंने भी देर ना लगाते हुए उसकी गांड पर जोर से थप्पड़ मारे और लंड को चूत पर रगड़ते हुए अंदर पेल दिया और जोर से चोदने लगा.

स्पीड बढ़ाने के लिए मैंने उसके पीछे से उसके गले को पकड़ा और दूसरे हाथ से उसके बाल खींचते हुए फुल स्पीड में चोदने लगा.

वह पागलों की तरह तड़पने लगी और जोर जोर से आआ ह्ह उफ्फ करती हुई ‘फ़क मी … फ़क मी हार्ड’ चिल्लाने लगी.

उसके ऐसा कहते ही थोड़ी देर मैंने उसे फुल स्पीड में चोदा, फिर लंड निकाल कर उसकी चूत चाटने लगा और गांड में अपना अंगूठा डाल के चोदने लगा.

उसकी गांड़ एकदम टाइट थी.
शायद कभी किसी ने मारी नहीं थी.

अंगूठा गांड में जाते ही वह दर्द से कराहने लगी और मचलने लगी.
दूसरे हाथ से अब मैं साथ में उसकी चूत भी चोद रहा था.

वह बोली- आज ही फाड़ डालेगा क्या मेरी …

यह सुनते ही मैंने दोनो छेदों में उंगली अंदर तक घुसा दी और जोर से चोदने लगा.
5 मिनट ये करने के बाद अब मैं वापस से उसके ऊपर आ गया.

अब फिर से मैं उसकी चूत में लंड पेल के जोर जोर से चोदते हुए उसकी गांड पे थप्पड़ मार रहा था.

थोड़ी देर बाद जब उसका माल निकलने वाला था तो वह बोली- रिकी रुक जा, मेरा निकलने वाला है!
मैंने उसकी एक न सुनी और स्पीड बढ़ा दी.

वह कराहती हुई बोली- प्लीज रुक जा.
मैंने पीछे से उसके मुंह में अपनी उंगलियां डाल दीं और चुदाई को जारी रखा.

थोड़ी देर में उसकी चूत माल छोड़ने लगी जो हर स्ट्रोक में मेरे लंड को कवर करने लगा और उसकी चूत और भी चिकनी हो गई.
अब उसे चोदने में और भी मजा आने लगा।

ऐसे ही 15 मिनट चोदने के बाद जब मैं झड़ने वाला था तब उससे बोला- बोल माल कहां निकालूं?
शिवानी- जहां तेरी मर्जी हो!

यह सुनते ही मैंने जोर जोर से स्ट्रोक मारे और पूरा लंड उसकी चूत में घुसा के अंदर ही सारा माल निकाल दिया.

कुछ देर ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा.
फिर अपना लंड बाहर निकाल कर उसे बोला- चल अब इसको साफ कर दे!

तो उसने झट से लंड मुंह में लिया और चाट कर पूरा साफ कर दिया.
वह भी मेरे मुंह के ऊपर आई और बोली- चल अब तेरी बारी … मेरी चूत साफ कर.

मैंने भी उसकी चूत चाटी और साफ की.

फिर हम Xxx दोस्त सेक्स के बाद ऐसे ही नंगे लेटे रहे.

वह बोली- अब तो मेरे हाथ खोल दे!
तब मैंने उसके हाथ खोले.

ऐसे ही नंगे लेटे हुए हम लोग बातें करने लगे.

कुछ देर बात करने के बाद वह बोली- चल अब सो जा, कल तेरा एग्जाम है.

हम दोनों ऐसे ही नंगे एक दूसरे से लिपट कर सो गए।

तो दोस्तो, आपको मेरी Xxx दोस्त सेक्स कहानी कैसी लगी?
जरूर मुझे बताइएगा.
[email protected]

About Abhilasha Bakshi

Check Also

Sali aur uski saheli

Sali aur uski saheli

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *