प्रणाम दोस्तो,
आपके मेल मिले, पढ़कर अच्छा लगा। मेरी आप सभी से गुजारिश है कि कोई भी किसी लड़की का नंबर ना मांगे। वो सब मेरे साथ सेक्स कर चुकी हैं इसका मतलब यह नहीं कि वे कॉल गर्ल हैं। आपने मेरी कहानी के दोनों भाग पढ़े हैं, अब मैं आगे बढ़ता हूँ।
अगले दिन मैं फिर उसकी राह देखने लगा। समय पर वो आ गई। मैंने उसे अन्दर लिया और पकड़कर चूमने लगा।
उसने खुद को छुड़ा लिया और कहा- दो दिन पढ़ाई नहीं हुई है, आज हमें पढ़ना चाहिए।
मैं नाराज हो गया और अन्दर जाकर बैठ गया। हम पढ़ने लगे पर मेरा मन नहीं लग रहा था। यह बात उसने पहचान ली और अपनी जगह से उठकर मेरे गोद में आकर बैठ गई। वो मेरे ओठों का चुम्बन करने लगी। दस मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसके उरोजों को छूना चाहा पर उसने मना कर दिया और कहा- फिर कभी करेंगे, आज पढ़ते हैं।
पढ़ने के बाद मैंने फिर उसे किस किया और उसने मेरा लंड हाथ से ही सहलाया और सारा माल निकाल दिया।
फिर कुछ दिन ऐसा ही चला। हम पढ़ते और वो निकल जाती पर मैं इस बात से खुश नहीं था, मैंने एक दिन उसे कह ही दिया- आज मुझे सेक्स करना है पर तुम करने ही नहीं देती, क्यों?
उसने कहा- सबर करो, चलो कल करते हैं।
मैं मान गया पर मुझे विश्वास नहीं था कि वो कुछ करने देगी। फिर भी मैंने रत को उसके बारे में सोचा और मुठ मारी।
दूसरे दिन मैं उसका इंतजार करने लगा। वक़्त पर वो आ गई और मैंने उसे अन्दर लिया। मैं आज उससे कुछ कहने वाला नहीं था।
वो आकर बैठ गई और पढ़ने लगी। मैं भी पढ़ने का नाटक करने लगा हालांकि मेरे दिमाग में कुछ और ही चल रहा था, दिल तो कर रहा था कि उसे पास खींच लूँ और उसके मम्मे दबाऊँ, उसके लबों को चूस लूँ, खा जाऊँ उसे ! पर मैं ऐसा करने वाला नहीं था।
थोड़े ही देर में मेरे घर के दरवाजे पर घण्टी बजी और मैं उठने लगा।
पर उसने कहा- मैं खोलती हूँ, तुम इस प्रॉब्लम को सोल्व करो।
उसने जाकर दरवाजा खोला और वहीं किसी से बात करने लगी। मुझे ठीक से कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। उसने दरवाज़ा बंद किया और अन्दर आकर बैठ गई।
मैंने पूछा- कौन था?
उसने कहा- कोई नहीं।
इतने में फिर से आवाज आई- प्रिया, यहाँ आ जाओ, मुझे शर्म आ रही है।
मैं चौंक गया !
आवाज तो कहीं सुनी हुई लग रही थी। पर मैं कुछ कहता उससे पहले ही प्रिया झट से उठी और बाहर चली गई।
जाते जाते मुझसे कहा- यहीं रुकना, बाहर मत आना।
मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। पाँच मिनट बाद वो अन्दर आई, उसके पीछे पीछे रीना थी। मैं तो एक बार फिर से चौंक गया। उसने सफ़ेद कुर्ती और जीन्स पहनी हुई थी। उसके बड़े बड़े तने हुए कुच और आगे साफ दिखते हुए कुचाग्र जैसे बाहर आने को तरस रहे हों।
क्या सेक्सी लग रही थी रीना !
प्रिया ने मुझसे कहा- इसे भी ज्योमेट्री सिखनी है और उसके साथ वो एडिशनल सब्जेक्ट भी। तुम इसे सिखाओ, तब तक मैं घर जाकर आती हूँ।
इतना कहकर वो चली गई। मैं और रीना एक दूसरे को देखते ही रह गये। मैंने उसे बैठने को कहा और खुद भी बेड पर बैठ गया।
उसने बात शुरू की- प्रिया ने मुझे सब बताया कि तुम यहाँ कैसे पढ़ते हो।
मैंने कहा- तो तुम्हें भी एन्जॉय करना है?
वो बस शरमा गई और मुझे हरी झंडी मिल गई। मैं उसके पास सरक कर बैठा और उसके चेहरे को ऊपर उठाया। उसने आँखें बंद कर ली और यह भी इशारा समझ कर मैं उसके ओंठों पर चुम्बन करने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी। मैं अपना हाथ उसके खरबूजों पर ले गया और उन्हें ऊपर से सहलाने लगा।
वो आँखें खोल ही नहीं रही थी। मैंने उसकी कुर्ती उसके बदन से अलग की और देखा तो उसने अन्दर ब्रा-शमीज आदि कुछ भी नहीं पहना था।
मैं उसके खरबूजों के साथ खेलने लगा, उनको चूसने लगा। वो भी इसका आनन्द ले रही थी- सी…सीई…सीय…अह…अम्म…सीह… ऐसे सिसकारियाँ भर रही थी। मैंने उसका हाथ उठाकर मेरे लंड पर रख दिया। वो उसे ऊपर से ही सहलाने लगी। फिर मैंने उसे जीन्स उतारने को कहा।मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए। वो मेरा तना लंड देखती ही रह गई। मैं आगे गया और उसके सामने खड़ा होकर उसे नीचे झुकाया।
वो मेरा इशारा समझ गई और उसने प्यार से मेरे लौड़े की चुम्मी ली, उसके साथ खेलने लगी उसे चूसने लगी, जैसे प्रिया ने उसे पूरा पाठ पढ़ाकर भेजा हुआ था।
मैंने भी उसकी चूत को छुआ और उसे सहलाने लगा। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। हम 69 की अवस्था में हो गए और एक दूसरे को आनन्द दे रहे थे, वो मजे से मेरा लंड चूस रही थी और मुँह के अन्दर बाहर कर रही थी जिससे कमरे में पुच्च पुच्च की आवाजें गूंज रही थी।
वक़्त ज्यादा नहीं था तो मैं उठ गया और लंड उसकी बुर पर रगड़ने लगा। वो जोर जोर से सिसकारियाँ भरने लगी और मुझे लंड अन्दर डालने को कहने लगी। मैंने भी देर न करते हुए लण्ड का दबाव उसकी चूत पर बनाया, उसकी चूत अब तक कुंवारी थी तो उसे दर्द होने लगा।
मैंने उसे उठाया और उसके चूतड़ों के नीचे एक तौलिया बिछाया, उसे लिटा कर फिर से प्रयास किया।
पर वो ‘हाय्य्य्य्य मर गई… ! मत करो ! बहुत दर्द हो रहा है। मैं मर जाऊँगी !’ ऐसे करके चिल्लाने लगी।
मैंने कहा- बस हो गया !
और उसके मुख को अपने होंठों से दबा कर एक जोर का धक्का मारा। वो कसमसा उठी, दर्द के मारे मेरे पीठ पर नाख़ून गड़ाने लगी। मुझे अपने लिंग पर कुछ गीला गीला सा अहसास हुआ तो देखा कि उसकी योनि से खून बह रहा था। मैं रुक गया और उसकी चूत सहलाने लगा। उसे थोड़ा सुकून मिलता नजर आया तो मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और हल्के हल्के धक्के देने लगा। उसे भी मजा आने लगा और वो उछल उछल कर मेरा साथ देने लगी।
जब मैं झड़ने वाला था, मैंने उसे बताया तो उसने ‘फेस शॉवर’ देने को कहा। मैंने अपना माल उसके चहरे पर डाल दिया। वो उसे आईने में देखने लगी और खुश हो गई। उसने मुझे प्यार से गले लगाया।
मैं ऐसा ही पड़ा रहा, वो अपना चेहरा साफ करके आई और जाने के लिए कहने लगी।
मैंने कहा- प्रिया के आने तक रुक जाओ।
उसने कहा- जब तक मैं नहीं जाऊँगी, वो नहीं आएगी।
वो चली गई।
आगे क्या हुआ जानने के लिए अगले पाठ का इंतजार करें।
आपकी राय भेजना ना भूलना।