हाय फ्रेंड्स.. मैं मोहित कपूर 25 साल का दिल्ली से हूँ। मैंने काफ़ी सेक्स स्टोरीज पढ़ी हैं.. आज मुझे भी अपनी कहानी लिखने का मन हुआ।
यह बात तब की है जब मैं 18 साल का हुआ था और मेरे 12वीं के बोर्ड के एग्जाम खत्म हुए थे। रिज़ल्ट आने में दो महीने बाकी थे.. तो मैंने कुछ कंप्यूटर कोर्स करने का सोचा।
मैंने अपने घर के पास एक इंस्टिट्यूट का नाम सुना था.. वो जगह बड़ी नहीं थी.. पर घर के पास होने के कारण मैंने वहाँ ज्वाइन कर लिया।
मुझे सुबह का फर्स्ट बैच मिला था।
पहले दिन मैं जब वहाँ गया तो देखा कि वहाँ मेरे जैसे 4 लड़के थे और इंस्टिट्यूट के सर.. दूसरे धर्म के थे।
एक हफ़्ता सब कुछ नॉर्मल चला। अगले दिन जब मैं इंस्टिट्यूट गया तो देखा- वहाँ एक लड़की बैठी है। मुझे लगा कि कोई नई लड़की होगी.. सर आए नहीं थे और कोई और वहाँ पर था नहीं.. तो मैंने सोचा ये अच्छा मौका है।
मैं लड़की के पास गया और उससे पूछा- आर यू न्यू हियर? (क्या आप यहाँ नई हैं?)
उसने कहा- मैं इस इंस्टिट्यूट के सर की वाइफ हूँ.. और कभी-कभी यहाँ पढ़ाने आती हूँ।
‘ओह्ह..’
उसने मुझसे पूछा- तुम्हें पहले यहाँ देखा नहीं है।
मैंने कहा- मैं यहाँ नया हूँ.. अभी एक हफ़्ता ही हुआ है।
यह कह कर मैं अपनी जगह बैठ गया।
आई वाज़ रियली शॉक्ड.. (मैं हैरान रह गया था…) क्योंकि वो काफ़ी छोटी लग रही थी।
कुछ दिन सामान्य बीते। सर के साथ कभी-कभी उनकी वाइफ भी हमें पढ़ाने आ जाती थीं।
वो वास्तव में एक गदर माल थीं.. मेरे लिए ये सम्भव ही नहीं था कि मैं उनकी तरफ न देखूँ।
फिर एक दिन सर ने हमें बताया- मैं कुछ काम से एक वीक के लिए अपने गाँव जा रहा हूँ.. और मेरी वाइफ आप सभी को पढ़ाएंगी।
मैं यह सुनकर बहुत खुश हो गया था। मैं प्लानिंग करने लगा कि क्या किया जाए। मैं इतना अच्छा मौका हाथ से छोड़ना नहीं चाहता था।
अगले दिन मैं सुबह जल्दी इंस्टिट्यूट पहुँच गया, वहाँ पर सर की वाइफ अकेले बैठी थीं।
जैसा कि मैंने सोचा था.. मैंने उन्हें ही कहा.. तो उन्होंने स्माइल देते हुए पूछा- तुम इंस्टिट्यूट काफ़ी जल्दी आ जाते हो?
मैंने भी स्माइल देते हुए कहा- मैं घर पर बोर हो जाता हूँ.. यहाँ मेरा अच्छा टाइम पास हो जाता है।
फिर उन्होंने बताया- मैं भी घर पर बोर हो जाती हूँ.. मैं और मेरे पति यहाँ पर अकेले रहते हैं.. हमारे पेरेंट्स भी यहाँ नहीं रहते हैं।
मैंने स्माइल देते हुए उनसे कहा- आप सर से उम्र में काफ़ी छोटी लगती हो?
उन्होंने बताया- हाँ मैं अभी 22 साल की हूँ और तुम्हारे सर की उम्र 29 साल है।
तभी मेरे साथ के स्टूडेंट आ गए और मैं अपनी जगह पर जा कर बैठ गया।
मैंने उस दिन नोटिस किया कि वो मुझे काफ़ी देख रही थीं.. इससे मैं काफ़ी खुश था कि मैंने जल्दी ही कुछ प्रोग्रेस कर ली।
फिर अगले दिन में सुबह आधा घंटा पहले ही इंस्टिट्यूट पहुँच गया।
इंस्टिट्यूट बंद था.. फिर 5 मिनट बाद सर की वाइफ आ गईं।
वे मुझे दूर से देख कर ही मंद-मंद हँसने लगीं।
शायद वो मेरी इंटेन्शन समझ रही थीं।
हम अन्दर गए.. थोड़ी बहुत बातों के बाद मैंने सर की वाइफ से कहा- मेरा लैपटॉप वाइरस के कारण प्राब्लम कर रहा है.. और उसे फ़ॉरमेट करने की ज़रूरत है.. नहीं तो कहीं प्राब्लम ज्यादा ना बढ़ जाए।
‘ओह्ह..’
मैंने कहा- मुझे फ़ॉरमेट करना आता नहीं है.. और मेरे पास विंडोस की सीडी भी नहीं है.. क्या आप मेरी हेल्प कर दोगी?
उन्होंने कहा- विंडोस की सीडी मेरे घर पर है।
उनका घर इंस्टिट्यूट से 10 मिनट की वॉकिंग डिस्टेन्स पर था।
मैंने कहा- ठीक है.. फिर आपके घर ही चला चलूँगा.. अगर आपको कोई ऐतराज नहीं हो तो..
उन्होंने स्माइल देते हुए कहा- कोई प्राब्लम नहीं है.. वैसे भी दिन में 12 से 4 इंस्टिट्यूट क्लोज़ रहता है और उस टाइम पर मैं घर पर ही रहूँगी।
मैंने कहा- ठीक है.. मैं 12 बजे अपना लैपटॉप ले कर इंस्टिट्यूट ही आ जाऊँगा।
फिर 12 बजे जब सर की वाइफ इंस्टिट्यूट से बाहर निकलीं.. तो वो इधर-उधर देख रही थीं।
मैं भी जानबूझ कर पास में शॉप के पास छुपा हुआ था और उनके हाव-भाव देख रहा था।
फिर जब वो लॉक लगा रही थीं.. मैं वहाँ पर पहुँच गया।
फिर उन्होंने मुझे जब देखा तो स्माइल देते हुए कहा- मुझे लगा.. कहीं तुम नहीं आ रहे हो।
मैंने कहा- आना तो मुझे था ही.. ज़रूरी काम जो है.. आई मीन लैपटॉप ठीक कराना है।
वो मंद-मंद मुस्कुराने लगीं।
अब मुझे क्लियर हो गया था कि उनके घर में अब क्या-क्या होगा।
घर पहुँच कर उन्होंने कहा- मैं काफ़ी थक गई हूँ.. तुम बैठो.. मैं शावर ले कर आती हूँ।
मैंने सिर्फ़ स्माइल दी.. कुछ नहीं कहा।
पांच मिनट बाद जब वो बाहर निकलीं.. तो उन्होंने घर की ड्रेस पहन रखी थी और वो तौलिया से अपने गीले बालों को झाड़ रही थीं।
मैं बस उन्हें घूरे जा रहा था।
मैंने कहा- यू आर रियली गॉर्जियस..
उन्होंने कुछ नहीं कहा.. बस मुझे देख कर स्माइल पास करने लगीं।
मैं थोड़ा नर्वस था, वो भी मुझे नशीली आँखों से देख रही थीं।
मैं उठा और उनके पास गया, मैंने देखा कि वो भी काफ़ी नर्वस हैं।
मैंने हिम्मत करके उनके गाल पर हाथ रखा.. उन्होंने कुछ नहीं कहा.. फिर मैं उन्हें किस करने लगा।
पांच सेकंड बाद मैं रुका तो देखा उनकी आँखें बंद थीं।
फिर उन्होंने आँखें खोलीं और आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगीं।
मैं भी उन्हें किस करने लगा..
यह मेरा फर्स्ट टाइम था.. तो मेरी खुशी चरम सीमा पर थी कि मेरा फर्स्ट अटेंप्ट सक्सेसफुल रहा।
मैं थोड़ी देर में ही अपनी वर्जिनिटी लूज़ करने वाला था।
फिर मैं उन्हें गालों पर.. गर्दन पर चूमने लगा। वो भी सिसकारियाँ लेने लगीं।
मुझसे और कंट्रोल नहीं हो रहा था, मैं उनके कपड़े उतारने लगा। उनका टॉप उतारने के बाद.. मेरी नज़र उनकी चूचों पर गईं.. उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी।
मैं पागलों की तरह उनके मम्मों को चूसने लगा और साथ-साथ हाथों से मसलने लगा।
फिर मैंने चूचे चूसते-चूसते अपने हाथ को उनकी सलवार में डाल दिया, फिर धीरे से सलवार को निकाल दिया।
उन्होंने पैंटी भी नहीं पहनी थी.. इससे मैं समझ गया कि इनके अन्दर सेक्स के लिए कितनी आग भरी है।
वो इतनी अधिक चुदासी थीं कि शावर के बाद अन्दर से कुछ भी पहन कर नहीं आई थीं।
शायद वो भी मेरी सोच को शुरुआत से ही जानती थीं।
मैंने अपनी उंगली उनकी चूत में डाली.. जो कि बहुत ही ज्यादा गीली थी, गीली चूत होने के कारण उंगली आसानी से अन्दर चली गई।
जब मैंने देखा कि उनका छेद काफ़ी बड़ा है और मेरी एक उंगली से उनका कुछ नहीं होगा तो मैंने अपनी बीच की दोनों उंगलियों उनकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा।
अब वो ज़ोर-जोर से सिसकारियां लेने लगीं।
मैं उन्हें अब पागलों की तरह किस करने लगा।
थोड़ी देर इस पोज़िशन में रहने के बाद उन्होंने कहा- उन्हें नीचे बहुत खुजली हो रही है।
मैं समझ गया कि वो मेरे लण्ड की माँग कर रही हैं।
मैंने जल्दी-जल्दी अपने कपड़े निकाले.. बस अब मेरा अंडरवियर रह गया था जो टेंट की तरह खड़ा हो गया था।
उनसे रहा नहीं जा रहा था, उन्होंने मेरा अंडरवियर नीचे करके.. मेरे लण्ड को अपने हाथ में कस कर पकड़ लिया और उसे चूसने लगीं। कुछ देर बाद मैं भी उनकी चूत को चाटने लगा।
थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा- मुझसे और नहीं रहा जा रहा है।
दोस्तो, मेरा एक सपना था कि जब मैं पहली बार चुदाई करूँ.. तो मेरा पहला आसन खड़े होकर सेक्स करने वाला हो। जिसमें मैं खड़ा रहूँ और लेडी को अपनी गोदी में उठाकर सेक्स करूं।
मेम का वजन भी ज्यादा भी नहीं था तो यह पोस्चर मेरे लिए आसान था।
मैंने उनका एक पैर अपने कंधे पर रखा और उनका दूसरा पैर अपने दूसरे कंधे पर रख लिया, उनसे कहा- आप अपने दोनों हाथों से मुझे मेरी गर्दन से कस कर पकड़ लो।
फिर मेरे कहे अनुसार उन्होंने वैसा किया और मैं उन्हें उठा-उठा कर सेक्स करने लगा।
इस पोज़िशन में ये प्राब्लम हो रही थी कि जब मेरा लण्ड उनकी चूत से फिसला जा रहा था.. तो दुबारा डालने में थोड़ी मेहनत लग रही थी।
इस पोस्चर में हमारे हाथ एक-दूसरे से काफ़ी टाइट जुड़े हुए थे, हमारा मज़ा भी चरम सीमा पर था।
फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा- मैं लेट कर सेक्स करना चाहती हूँ।
तो मैंने उसी पोज़िशन में उन्हें अपने ऊपर लेटा लिया, अब वो मेरे ऊपर थीं, मैं बिल्कुल सीधा लेटा हुआ था, मैं जांघें उठा-उठा कर अपने लण्ड को उनकी चूत के अन्दर डाल रहा था और साथ-साथ उनके चूचे मसलते हुए उन्हें चूस रहा था।
फिर काफ़ी देर बाद मैं झड़ने की सीमा पर पहुँच गया और झड़ गया।
मेरी हवस अभी खत्म नहीं हुई थी, मैंने उन्हें मेरे लण्ड को चूसने को कहा।
थोड़ी देर में वो खड़ा हो गया और फिर हम अलग-अलग पोस्चर में सेक्स करने लगे।
उस दिन के बाद मेरी सेक्स लाइफ शुरू हो गई।
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