Tanha Ladkiyon Auraton ki Khushiyan
दोस्तो, मैं एक बार फिर से आपके सामने अपनी एक और दास्ताँ लेकर हाजिर हूँ।
मेरी पिछली कहानी ‘जब कंडोम फट गया‘ को आप लोगों ने बहुत पसंद किया और मुझे बहुत सारे ईमेल भेजे।
उम्मीद है आपको मेरी यह कहानी भी पसंद आएगी।
कहानी इस तरह शुरू होती है।
मोहिनी की चुदाई के बाद मैं और मोहिनी अक्सर चुदाई करते थे जिससे उसका अकेलापन दूर हो गया और मेरी कमाई होने लगी।
2 महीने बाद मेरा बारहवीं का परिणाम आ गया।
मैं आगे पढ़ना चाहता था लेकिन घर के हालात ठीक न होने के कारण मैं कॉलेज में दाखिला नहीं ले पाया।
मैंने अपने लिए कोई नौकरी ढूंढना शुरू कर दिया जिसके कारण मैं मोहिनी को ज्यादा समय नहीं दे पाता था।
एक दिन मुझे परेशान देखकर मोहिनी ने मुझसे पूछा तो मैंने बताया कि घर की तंगी के कारण मैं परेशान हूँ, नौकरी तलाश रहा हूँ लेकिन कुछ नहीं हो रहा।
तो मोहिनी ने कहा- तुम जब इतनी बढ़िया चुदाई कर सकते हो तो तुम्हें नौकरी की क्या जरूरत है।
मैंने कहा- मैं कुछ समझा नहीं।
तो मोहिनी ने कहा- जैसे तुम मुझे चोदते हो, दूसरी भाभियों की चुदाई करो और पैसा कमाओ। इससे तुम्हारा घर और पढ़ाई दोनों पटरी पे आ जायेंगे।
मैंने कहा- लेकिन मैं तो सिर्फ आप को ही जानता हूँ, मुझसे कौन चुदाई करवाएगी?
तो मोहिनी कहा- तुम फ़िक्र न करो… मेरी कुछ सहेलियाँ हैं जो तुमसे बहुत खुश होंगी। जहाँ मैं कहूँ वहाँ जाना और उनको खुश करके पैसे कमाओ।
घर जाकर मैं मोहिनी के फ़ोन का इन्तजार करने लगा।
उसी शाम को मोहिनी का एक मैसेज आया जिसमे एक लड़की का नाम और पता लिखा हुआ था।
उसके बाद मोहिनी का फ़ोन आया और कहा- ठीक 10 बजे पहुँच जाना और जाने से पहले मालिश करने के 2-4 वीडियो देख लो और सीख लो, जरूरत पड़ सकती है।
मैंने तुरंत यू टयूब पर 3-4 वीडियो देखी और रात का इन्तजार करने लगा।
ठीक 9 बजे मैं अपने घर से यह कहकर निकला कि मैं अपने दोस्त के यहाँ जा रहा हूँ और रात को वहीं पर रुकूँगा।
मुझे चाणक्यपुरी, दिल्ली जाना था जो मेरे घर से करीब 30 किलो मीटर दूर था।
मैं पते पर समय से पहुँच गया।
मैंने जैसे ही डोर बैल बजाई तो एक 32-33 साल की महिला ने दरवाजा खोला।
मैंने उनसे पूछा- मुझे सीमा जी से मिलना है, मुझे मोहिनी जी ने भेजा है।
तो उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और कहा- अन्दर आ जाओ, मैं ही सीमा हूँ।
और वो मुझे अंदर लेकर गई।
सीमा बहुत अमीर थी, उसका घर बहुत आलीशान था। सीमा का बदन भरा हुआ था और साइज़ करीब 36-28-36 लग रहा था।
उसने नाइटी पहन रखी थी।
उसने मुझे सोफे पर बिठाया और मेरे लिए कोल्ड ड्रिंक लेकर आई।
फिर सीमा ने मुझसे पूछा- तुम तो अभी कच्ची उम्र के हो, तुम मुझे खुश कर पाओगे क्या?
तो मैंने कहा- अभी थोड़ी देर में आपको पता चल जाएगा।
सीमा ने हंसते हुए कहा- चलो देखते हैं कि कितना दम है तुम्हारे हथियार में।
फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और अंदर कमरे में लेकर गई और एक झटके में अपनी नाइटी उतार कर फेंक दी।
मैं उसके गोल गोल मम्मे और चिकनी गोरी जांघें को देखता रह गया।
वो तेल की बोतल मेरे हाथ में थमाकर उलटी होकर बैड पर लेट गई।
इशारा मिलते मैं अपने काम पे लग गया और पैरों से शुरुआत की, पैरों को रगड़ते-2 मैं उसके नितम्बों तक आ गया और उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाल कर उसके भारी भारी कूल्हों को मसलने लगा जिससे उसकी सिसकारियाँ निकलने लगी।
फिर मैंने धीरे उसकी पैंटी और ब्रा की डोरी खोलकर उसे निर्वस्त्र कर दिया और पलट दिया।
अब मेरा हाथ उसके भारी भारी चूचियों को मसलने लगा।
उसका पूरा शरीर तेल से भीगा हुआ था।
मेरे हाथों की रगड़ से वो गर्म हो गई और मेरे पैंट के ऊपर से मेरे लौड़े को सहलाने लगी।
मैंने उसका काम आसान करने के लिए अपनी पैंट नीचे गिरा दी।
जैसे ही मेरी पैंट नीचे गिरी, मेरा लंड स्प्रिंग की तरह उछला जिसे देखकर वो भौंचक्की रह गई और कहा- तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है और सख्त भी।
देर न करते हुए मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मैंने सीमा को उसके पैरों की तरफ से उठाकर अपने शरीर से चिपका लिया जिससे उसकी चूत मेरे मुँह के पास और मेरा लंड उसके मुँह के पास, यानि हम 69 पोजीशन में आ गये।
वो मेरे लंड को चूसने लगी और मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदना शुरू कर दिया।
वो मेरे लंड को अपने हलक तक उतारना चाहती थी।
15 मिनट की चुसाई के बाद वो चुदने के लिए मिन्नतें करने लगी- अब देर मत करो… अपने मूसल को मेरी ओखली में डालो।
आज अगर तुमने मुझे खुश कर दिया तो मैं तुम्हें मालामाल कर दूंगी। अब अपना कमाल दिखाओ। मैं रोऊँ या चिल्लाऊँ तुम मत रुकना।
‘अब तुम अपनी मर्दानगी साबित करो !’ उसने कहा।
मैंने उसे बेड पर उल्टा पटक दिया और अपना लंड उसकी चूत से सटा कर धीरे धीरे अपना लिंगमुंड उसकी चूत में घुसा दिया जिससे वो छटपटाने लगी लेकिन कमर को कसके पकड़ा और लगातार 2-3 झटकों में अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया।
इससे वो मछली की तरह तड़पने लगी लेकिन मैंने अपनी रफ़्तार जारी रखी और दनादन झटके पे झटका मारने लगा।
30-35 झटकों के बाद उसकी दर्द भरी सिसकारियाँ मीठी होने लगी वो जोर जोर से अपनी कमर को उछालने लगी।
अभी चुदाई को करीब 5-6 मिनट ही हुए होंगे कि उसने अपना पानी छोड़ दिया।
मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत के पानी से भीग गया था।
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से निकालकर उसके मुँह में दे दिया।
वो बड़े मजे से मेरे लौड़े को चूस रही थी।
दस मिनट के बाद मैं उसके नीचे आ गया और वो मेरे लंड को अपनी चूत में डाल कर ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी- चोदो मेरे राजा… और जोर से चोदो।
‘आज तुमने खरीद लिया… अब पता चला कि मोहिनी तुम्हारी इतनी तारीफ़ क्यों कर रही थी!’ वो सिसकारते हुए कहने लगी।
मैंने नीचे से झटके मारना शुरू कर दिया।
पूरा कमरा उसकी सिसकारियों और पट पट की आवाज़ से भर गया था।
15 मिनट के बाद वो थकने लगी तो मैंने उसे घुटनों के बल बिठाकर घोड़ी बना दिया और पीछे से पेलना शुरू कर दिया।
हमारी चुदाई को करीब 20 मिनट हो गए थे, मेरा लण्ड अब झड़ने वाला ही था तो वो मेरे कहने पर वो मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और मेरा सारा पानी पी गई।
हम दोनों बुरी तरह थक चुके थे, हम दोनों बेड पर लेट गए और बातें करने लगे।
वो कहने लगी- जब तुम इस उम्र में लड़की के छक्के छुड़ा देते हो तो जवान होकर क्या करोगे।
तो मैंने कहा- जो अब कर रहा हूँ। मेरा काम आप जैसी अकेली और तनहा लड़कियों और औरतों को खुशियाँ बाँटना है जो मैं आगे भी करता रहूँगा।
उसके बाद हम दोनों साथ में नहाये और रात भर चुदाई करते रहे, अलग अलग अंदाज़ में हमने 4-5 बार चुदाई करी।
सुबह ब्रेकफास्ट के बाद जब मैं वहाँ से लौटने लगा तो उसने मुझे एक लिफ़ाफ़ा दिया जिसमें 5000 रूपये थे और कहा- अब तुम्हारे दिन बदलने वाले हैं।
उसके बाद एक लंबे से चुम्बन के बाद मैं वहाँ से चला आया।
उसके बाद मैंने मोहिनी और और सीमा को कई बार चोदा और सीमा ने अपनी कई सहेलियों को भी चुदवाया।
हर चुदाई के बाद वो मुझे पैसे देती।
तो दोस्तो, यह है मेरे सफ़र की दूसरी कहानी।
अगर आप अकेली है और किसी के साथ वक़्त बिताना चाहती है तो मुझे ईमेल जरूर करिये।
एक नई कहानी के साथ मैं फिर लौटूँगा।