देवर और उसके दोस्त ने मेरी चूत गांड मार ली- 2 (Bhabhi Ji Ki Chudai Kahani)

भाभी जी की चुदाई देवर से हुई. देवर ने अपने दोस्त को बताया तो दोस्त भी भाभी की चूत मारने की कोशिश में लग गया. भाभी जी की गांड और चूत एकसाथ कैसे चुदी?

दोस्तो, मैं एक बार फिर से दो लंड से एक बार में चुत गांड एक साथ चुदवाने वाली सेक्स कहानी लेकर आपके सामने हाजिर हूँ.
भाभी जी की चुदाई के पहले भाग
जिस्म दिखाकर देवर को सेक्स के लिए पटाया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे देवर ने मुझे चोद दिया था और अब वो अपने एक दोस्त रोहित के साथ मिलकर मुझे चोदना चाहते थे.

अब आगे भाभी जी की चुदाई:

इस कहानी को सुनें.

फिर उनका वह दोस्त एक दिन फिर से घर पर आया और मेरे देवर ने मुझे चाय बनाने के लिए कहा.

मैं उन दोनों के लिए चाय लेकर गई.
उनके दोस्त ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी गोद में खींच लिया.

उसने मेरे होंठों पर किस करना चाहा तो मैंने उसे रोक दिया.
मेरे देवर का दोस्त कहने लगा कि भाभी आप मुझे बहुत पसंद हो, मैं आपकी हर जरूरत का ख्याल रखूंगा. बस मुझे एक बार अपने पास आने का मौका दे दो. मैं आपको कभी परेशान नहीं करूंगा.

वो दोनों मुझे मनाने लगे और ऐसी ऐसी बातें करने लगे कि मैं उन्हें फिर कुछ कह भी नहीं पाई.

तभी मेरे देवर के दोस्त ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा.

कुछ देर के लिए मैंने भी उसका साथ दे दिया.
फिर मैंने उनसे कहा- अभी घर पर सब हैं, आप दोनों लोग चाय पी लो.

इतना कहकर मैं वहां से चली गई.
लेकिन अब एक बात पक्की हो गई थी कि कुछ नया करने की शुरुआत हो चुकी थी.

अब जो आगे होने वाला था, वह बहुत ही धमाकेदार और मजेदार होने वाला था.

बहुत दिन तक ऐसे ही चलता रहा.
मेरे देवर को तो मेरे पास आने का थोड़ा बहुत टाइम मिल जाता था लेकिन उसके दोस्त को जब भी घर पर आता था तो वो मुझे कुछ न कुछ कर ही देता था.

कितनी ही बार तो उसने मुझे तब भी किस कर दिया था जब मेरे पति भी घर में होते थे.
कभी किस नहीं कर पाता था, तो मेरे दूध मसल देता था या मेरी गांड दबा देता था.

चूंकि घर में हमेशा कोई ना कोई रहता था, तो मैं ज्यादा कुछ नहीं कर पाती थी.

जब कभी भी हम तीनों को टाइम मिलता था तो उस वक्त मेरे देवर पीछे रहते थे और उनका दोस्त आगे.
क्योंकि देवर जानते थे कि वो तो घर पर ही रहते हैं लेकिन उनके दोस्त रोहित को यह मौका नहीं मिलता है. इसलिए देवर जी हर संभव कोशिश करते थे कि रोहित मेरे साथ खेल ले.
वो रोहित और मुझे इंजॉय करने के लिए ज्यादा मौके दे देते थे.

फिर एक दिन थोड़ा सा टाइम मिला. उस दिन मेरे हस्बैंड किसी काम से बाहर गए थे. मेरी सास भी पड़ोस में कीर्तन में गई थीं.

उसी समय मेरे देवर ने अपने दोस्त को फोन कर दिया और वह घर पर आ गया.

उन दोनों ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया. उन दोनों में से कोई मेरी कमर पर किस करने लगा तो कोई मेरी गर्दन पर किस करने लगा.

इन दोनों के बीच में मैं बस खड़ी थी. आगे से भी पीछे से भी दोनों ने मेरी कोली भर रखी थी. दोनों मेरे सारे जिस्म को खा लेना चाहते थे.

मुझे भी ऐसा अहसास मदहोश कर रहा था कि चार चार हाथ मेरे मादक जिस्म पर चल रहे हैं. दो दो जीभें मेरे जिस्म पर फिर रही हैं.

सच बताऊं तो मैं तो पागल सी हुई जा रही थी. मेरी चूत में से तो अपने आप ही पानी निकलने लगा था.
मेरे बूब्स एकदम अकड़ कर टाइट हो गए थे.

तभी अचानक घर की डोर बेल बजी और हम सब अलग हो गए.

मेरे देवर और उनका वह दोस्त अपने रूम में बैठकर बातें करने लगे.
और मैंने अपने आपको ठीक किया, अपने बाल वगैरह ठीक किए और जाकर दरवाजा खोला.

मेरे हस्बैंड वापस आ गए थे.

फिर हमें टाइम नहीं मिला. मैं घर पर अपना काम करने लगी और वह सब भी अपना अपना काम करने लगे.
कुछ देर बाद देवर का दोस्त रोहित अपने घर चला गया.

फिर कुछ दिन ऐसे ही बीते.

कुछ दिनों के बाद मेरे हस्बैंड ने मुझसे कहा- मैं मां को साथ ले जाकर अपनी बहन के यहां हो आता हूं.
मैंने भी उनसे कह दिया कि हां चले जाइए.

दूसरे दिन तैयारी करके वह मां जी के साथ अपनी बहन के यहां निकल गए.

अब हमारे पास में बढ़िया मौका था. हम सब आजाद थे.

मेरे पति के जाते ही मेरे देवर ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और चारों ओर घुमाने लगे.
देवर जी मुझसे कहने लगे- भाभी अब तो मैं आपको बहुत प्यार करूंगा … बल्कि मैं रोहित को भी बुला लेता हूं. हम दोनों आपको बहुत प्यार करेंगे, आपकी हर इच्छा को पूरी करेंगे.

मेरी चुत खुद खौल रही थी कि रोहित का नया लंड भी मेरी चुत में घुस कर मेरी चुत की खुजली मिटा दे.
मैंने हां में सर हिला दिया.

देवर जी ने अपने दोस्त रोहित को फोन कर दिया.
कुछ देर के बाद वह भी घर पर आ गया.

हम तीनों अपने रूम में अकेले थे.

वे दोनों फिर से मुझे चूमने और चाटने लगे. उन्होंने मेरी सारी कमर और मेरी गर्दन पर अपना थूक लगा दिया था.

फिर वे दोनों मेरे बदन को मेरे कपड़ों से अलग करने लगे और धीरे-धीरे करके मेरे सारे कपड़े निकाल दिए.

मेरे देवर का दोस्त तो मुझे लेटाकर मेरे बूब्स को बुरी तरह से चूसने लगा; मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा.

इस बीच मेरे देवर जी थोड़ा सा अलग हो गए थे. वे शायद पहले रोहित को मजा दिलवाना चाहते थे.

उधर रोहित तो मुझे ऐसे चूस रहा था जैसे मुझे अपने अन्दर समा लेगा.

फिर उसने अपने कपड़े निकाल दिए और अपना लौड़ा सीधा मेरी चूत में डाल दिया.

उसका लंड लेकर मैं अभी संभल ही नहीं पाई थी कि वो बहुत तेज तेज धक्के लगाने लगा.

फिर मेरे देवर जी भी मेरे पास आ गए और मुझसे अपना लंड चूसने को बोले.
मैं उनके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

कमरे में सिर्फ हमारी कामुक सिसकारियां गूंज रही थीं.
ऐसा माहौल देख कर मेरा तो पानी निकल गया और मैं रोहित के लंड से झड़ गई.

मुझे झड़ता देख रोहित से भी नहीं रहा गया और उसने भी अपना सारा पानी मेरी चूत में निकाल दिया.

फिर वह अलग हट गया और अब मेरे देवर जी मेरे पास आ गए.
उन्होंने मुझसे घोड़ी बनने को कहा तो मैं उनके लिए घोड़ी बन गई.

उन्होंने पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे घोड़ी बनाकर चोदने लगे.

धीरे-धीरे वह मेरे चूतड़ों पर चांटे मारने लगे. मेरी कमर को पकड़ कर वह बहुत तेज तेज धक्के लगा रहे थे.

मेरे चूतड़ों का आनन्द लेते हुए दस मिनट बाद देवर जी ने भी अपना वीर्य मेरी चूत में निकाल दिया.

इस प्रकार की एक एक बार हम सब झड़ गए थे.

कुछ देर बाद देवर का वह दोस्त फिर से तैयार हो गया.
इस बार वह नीचे लेट गया और उसने मुझे अपने ऊपर आने को कहा.
मैं उसके ऊपर जाकर राइडिंग करने लगी.

मेरे बूब्स ठीक उसके मुँह के सामने थे. वह मेरे बूब्स को चूमने और चाटने लगा.
मैं उसके लौड़े पर ऊपर नीचे हो रही थी.

फिर कुछ देर के बाद मेरे देवर भी फिर से तैयार हो गए और उन्होंने अपना लंड मेरी गांड में डालना चाहा.

मैंने मना किया … मगर वो बोले- भाभी, सैंडविच सेक्स में बहुत मजा आता है. ऐसा मौका न जाने कब मिले … आज आप एक साथ दोनों छेद की सर्विस करवा ही लो.

मैं चुप हो गई.
मैंने बहुत सारी ब्लूफिल्म्स देखी थीं जिसमें मैंने पोर्न ऐक्ट्रेस को एक साथ आगे पीछे लंड से चुदते हुए देखा था.

मैं कुछ नहीं बोली तो देवर जी ने मेरी गांड में अपना लंड लगा दिया.

मुझे बहुत दर्द हुआ और मैंने उनको मना कर दिया.
तो वह वैसलीन लेकर आए और उन्होंने मेरी गांड में उंगली की मदद से ढेर सारी वैसलीन मल दी.

काफी सारी वैसलीन देवर जी ने अपने लंड पर भी लगा ली.
फिर उन्होंने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया.

मुझे शुरू में दर्द तो बहुत हुआ, मैं बहुत ज्यादा चिल्लाई भी … मगर बाद में मजा भी बहुत आने लगा था.

थोड़ी देर बाद सब नॉर्मल हो गया और मेरी गांड और चूत की जमकर चुदाई होने लगी.
उन दोनों ने मुझे अपने बीच में दबा रखा था.

मैं उन दोनों के बीच में अपने आपको असहाय कुतिया सी महसूस कर रही थी.
लेकिन यह आनन्द भी बहुत मजेदार था.

कुछ देर बाद मेरा फिर से पानी निकलने लगा और मैं अपनी गांड और चूत को चुदवाते हुए एक बार फिर से झड़ने लगी.
लेकिन वे दोनों अबकी बार झड़ने का नाम नहीं ले रहे थे.

फिर उन दोनों ने अपनी अपनी पोजीशन बदल ली.
मेरे देवर जी मेरे नीचे चुत चोदने आ गए और उनका वह दोस्त मेरी गांड मारने के लिए आ गया.

उसने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया और वह मेरी गांड को चोदने लगा.
चूंकि मैं झड़ गई थी तो अब उनके धक्के मुझसे नहीं सहे जा रहे थे और मैं चिल्ला रही थी.

मुझे ऐसे दर्द से चिल्लाता देख कर न जाने क्यों … मेरे देवर जी के लंड का पानी निकल गया.
उन्होंने अपना सारा वीर्य फिर से मेरी चूत में निकाल दिया.

फिर हम सब रुक गए और मैंने अपने देवर जी को अपने नीचे से निकाला.

वे हम दोनों से अलग हो गए. अब उनके दोस्त ने मुझे फिर से बेड पर पटक लिया और फिर से मेरी गांड में अपना लौड़ा डाल दिया.
मैं पेट के बल सीधे लेटी थी; वह मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था.

कुछ देर बाद वह भी झड़ने के करीब आ गया और उसने अपना सारा वीर्य मेरी गांड में निकाल दिया.
मेरी चूत और गांड वीर्य से भर गई थी.

भाभी जी की चुदाई खत्म हुई.

मैं अपने कपड़े पहनने लगी.
लेकिन उन्होंने मुझे रोक दिया और मुझसे कहने लगे- प्लीज भाभी, अभी नहीं.
मैंने उनसे कहा- देखो, अब मुझसे नहीं होगा … मैं बहुत थक गई हूं.

उन्होंने मुझसे बहुत रिक्वेस्ट की, लेकिन मेरी बिल्कुल भी हिम्मत नहीं हो रही थी.

फिर मैंने अपने देवर से कहा- तुम आज रात अपने दोस्त को यहीं पर रोक लो … अब हम जो कुछ करेंगे, रात में कर लेंगे.

अभी जो हुआ था यह दिन का सीन था.

मेरी रजामंदी देख कर उन दोनों में तो खुशी की लहर दौड़ गई.
उनकी आंखें एकदम से ऐसे चमकने लगीं, जैसे उन्हें मनमानी मुराद मिल गई हो. पूरी रात एक औरत उनकी भाभी, उनको मजा देने वाली थी.

मैंने उनसे कहा- तुम लोग अच्छे इंसान हो … इसलिए मैं तुमसे रिलेशन रखना चाहती हूं.
हमेशा से यही होता है, औरत को हमेशा एक अच्छा इंसान ही चाहिए होता है.

दोस्तो, आप लोग सोच सकते हैं कि उस रात मेरे साथ क्या-क्या हुआ होगा.
हम सबने मिलकर खूब इंजॉय किया … पूरी रात भर सेक्स का नंगा नाच चला.

मेरे देवर जी ने सेक्स पॉवर वाली गोली खा कर और मुझे भी खिला कर रात भर में मुझे बाजारू रंडी सा बना दिया था.

भाभी जी की चुदाई कहानी आपने पढ़ ली है.
इस पर आपको क्या कहना है … प्लीज़ सेक्स कहानी के नीचे कमेंट्स में जरूर कहें. इसी के साथ आप मुझे ईमेल करके भी बताएं कि आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी.
मेरी ईमेल आईडी है
[email protected]

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