पार्क से बेड तक का सफ़र

दोस्तो, मैं अन्तर्वासना 5 साल से नियमित रूप से पढ़ता हूँ। यह मेरी पहली कहानी है। आशा करता हूँ आप सबको पसंद आएगी।

मैं गुजरात का रहने वाला हूँ। मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई राजकोट(गुजरात) से पूरी की है और फ़िलहाल में बड़ोदरा में जॉब कर रहा हूँ। मेरी उम्र 23, 5.7 लम्बा और गोरा-चिट्टा हूँ। मेरा लण्ड 6.2 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा है। मुझे शुरू से ही भाभियाँ अच्छी लगती हैं जो उम्र में बड़ी हों।

अब मैं कहानी पर आता हूँ, बात कुछ 2 साल पहले की है जब मैं लास्ट-ईयर में था। मुझे दौड़ना और कसरत करना अच्छा लगता है इसलिए मैं कैसे भी कर के समय निकाल लेता हूँ।

दो साल पहले की बात है, जब ठंड का मौसम आरम्भ हुआ, मैं रोज 5.30 सुबह राजकोट के एक जाने-माने पार्क में हर रोज दौड़ने के लिए जाता था। कई दिन तो ऐसे ही निकल गए लेकिन एक दिन में दौड़ने के बाद थक गया तो मैं बैठ गया था। इतने में मेरी नजर वहाँ से निकल रही एक भाभी पर पड़ी।

मैं तो देखता ही रह गया, क्या फिगर था! मस्त गोरी-चिट्टी और क्यूट सी! मस्त चूतड़ और बड़े-बड़े स्तन, चेहरा एकदम मासूम जैसे ‘प्रिटी जिंटा’ हो। मन ही मन सोच रहा था कि इतनी अच्छी फिगर वाली को कसरत की क्या जरूरत भला!

उसकी उम्र करीबन 26-27 के आस-पास लग रही थी। मुझे तो उसकी पिछाड़ी ने दीवाना कर दिया था। उस दिन उसके बारे में ही सोचता रहा और रूम पर जाकर उसकी कामुक बदन के बारे में सोच के दो बार मुठ मारी और अगले दिन सुबह जाकर उसको ही ढूँढने लगा।

पहले मैं आप लोगों को उस भाभी के बारे में बता दूँ, उसका फिगर लगभग 34-30-34, उम्र 30 साल दिखने में एकदम गोरी-चिट्टी और कपड़े वो इस तरह कर पहन कर आती थी कि लगता था कोई स्पोर्ट गर्ल हो। उन कपड़ों में उसकी उभरी हुई पिछाड़ी और दूद्दू साफ़-साफ़ दिखाई देते थे।

अब मैं उसे हर रोज देखता था और अपने रूम पर जाकर मुठ मारता था। मन में एक ही बात आती थी उसको चोदने की। मेरा लौड़ा उसके बारे में सोच-सोच कर ही खड़ा हो जाता था।

मैं ऐसे ही 10-12 दिन उसके आस-पास मंडराता रहा। थोड़े दिनों के बाद मैं उसे देख कर मुस्कुराया लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। मैं सोचने लगा, उसको कोई इंटरेस्ट नहीं है मुझेमें! फिर भी, दूसरे दिन मुस्कुराया तो भी कोई रिस्पोंस नहीं मिला। मैंने फिर भी अपनी कोशिश जारी रखी।

एक दिन सुबह उसने भी मुस्कुराया, मैं तो उसकी मुस्कराहट देख कर जैसे पागल सा हो गया और मेरा लौड़ा तन गया। अब तो मुस्कुराने का सिलसिला शुरू हो गया लेकिन हम बातें कभी नहीं करते थे।

अब मेरे इम्तिहान नजदीक आ गए तो में अपने गाँव चला गया और 6-7 दिन वहाँ रहा, लेकिन उस भाभी के बारे में सोच कर घर में मन ही नहीं लग रहा था, सो मैं वापिस राजकोट आ गया। अगले दिन मैं दौड़ने के लिए गया और दौड़ रहा था, इतने में थोड़ी देर के बाद पीछे से कोई बोला- हाय मिस्टर, हैलो!

मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वो ही भाभी थी। उसने मुझे गुस्से और हक़ से पूछा- कहाँ थे इतने दिन? क्यों नहीं आते थे?

उसने हक़ से पूछा जैसे मैं उसका कोई दोस्त हूँ और फटाफट पूछ लिया- तबियत खराब थी क्या?

मैंने उसे अपने इम्तिहान के बारे में बताया और बोला- मैं स्टडी के लिए घर गया था।

और इस तरह वहाँ से हमारी दोस्ती शुरु हुई उसने अपना नाम बताया। मैंने भी अपने बारे में बताया और हम रोज सुबह पार्क में मिलते और साथ-साथ दौड़ा करते।

इस तरह ही 10 दिन निकल गए, तीन दिन के बाद मेरे इम्तिहान थे तो मैंने उससे कहा- मैं कल से पार्क नहीं आ सकता।

उसने मेरा मोबाइल नंबर लिया। उस वक्त तो ऐसा लग रहा था कि वो मुझे फ़ोन करेगी लेकिन दो दिन उसका फ़ोन नहीं आया, मेरे इम्तिहान के दिन सुबह एक मैसेज आया और उसके बाद में हम मैसेज से चैट करने लगे।

इम्तिहान के समय कम और इम्तिहान के बाद तो ज्यादा और एक समय ऐसा आया कि हम पूरी-पूरी रात बात करने लगे और पक्के दोस्त बन गए। लेकिन मेरा मन उसे चोदने का ही था क्योंकि उसकी उभरी हुई पिछाड़ी ने मुझे पागल कर दिया था।

उसने अपने बारे में सब बताया, वो बहुत पैसे वाली है और उसका पति विदेश में है और साल में दो बार आता है, उसके साथ घर में सिर्फ उसकी सास रहती है। ऐसे ही दोस्ती में दो महीने निकल गए लेकिन मैं कभी भी उसको सेक्स के लिए कुछ नहीं बोलता था क्योंकि डरता था कि कहीं दोस्ती टूट ना जाए।

हम लोग कॉफी और उसकी कार में लॉन्ग-ड्राइव पर जाते थे। मैं स्टूडेंट था तो वो मुझे पैसों से और शॉपिंग में भी हेल्प करती थी। मैं उसकी बहुत रिस्पेक्ट करने लगा था, इसलिए सेक्स के बारे में कहने से डरता था। लेकिन कितने दिन… वो भी तो एक प्यासी औरत थी, अब मैं पहल नहीं कर रहा था, तो उसने ही कुछ सोच लिया।

एक दिन शाम के समय फ़ोन आया और बोली- तुम फ्री हो क्या?
मैंने बोला- हाँ, पर क्यों?
वो बोली- मैं अपनी सहेली की शादी में अहमदाबाद जा रही हूँ, तुम चलोगे?
और मैं तैयार हो गया।

उसने मुझे दूसरे दिन सुबह 7 बजे मुझे लिया, अपनी कार में आई थी वो! वो अपने पति को फोन पर और सास को 3 दिन के लिए बोल कर निकली थी तो घर पर 3 दिनों तक कोई चिंता नहीं थी।

रास्ते में बात करते-करते उसने बोला- हम शादी में जाने की बजाय कहीं और टूर पर 3 दिन के लिए चलते हैं, और हम लोग माऊंट आबू घूमने के लिए चले गए। वहाँ हमने मस्त सा होटल 3 दिनों के लिए लिया। पहले वो फ्रेश होने गई और जब वो बाथरूम से आई, मैं तो देखता ही रह गया।

क्या लग रही थी!
उसके बड़े-बड़े बूब्स कपड़ों से साफ़ दिखाई दे रहे थे और वो देख कर मेरा लौड़ा तन गया।
उसने भी मेरा तना हुआ लौड़ा देखा और वो मुस्कुरा कर बोली- जाओ और फ्रेश हो जाओ।

उसके बाद में फ्रेश होने चला गया, फ्रेश होने के बाद हम ने चाय पी और बातें कर रहे थे, तो उसने बोला- मुझे बियर पीनी है।
सो मैं बोला- आप पीती हो क्या?
तो उसने बोला- आज तक नहीं पी है, लेकिन आज काफी कुछ पीना है।

और हमने होटल में से ही 12 बियर मंगा लीं क्योंकि मैं तो पीता ही हूँ और 3 दिन रुकना था इसलिए स्टॉक ले लिया। शाम 9 बजे तो हमने खाने का ऑर्डर होटल में दे कर बाहर घूमने गए और 10 बजे वापिस घूम कर होटल आ गए। उसने कपड़े बदले और मैंने भी। उसने छोटी सी चड्डी और टी-शर्ट पहनी थी, मैंने उसको इस तरह के कपड़ों में पहली बार देखा था और उसे देख कर देखते ही देखते मेरा लौड़ा खड़ा हो गया।

वो मुस्कुराई तो मैं भी मुस्कुराया और उसके टी-शर्ट्स में से साफ पता चल रहा था कर उसने ब्रा नहीं पहनी है।

अब हमने पीना शुरु किया, उसका पहली बार था तो उसे पीने में मजा नहीं आ रहा था, लेकिन कैसे भी कर के उसने एक बियर की बोतल खत्म की क्योंकि उसको नशा करना ही था, जिससे हमारी दोस्ती भी टिकी रहे और हम एक-दूसरे को चोद सकें।

उस समय तक मैं दो बोतल खत्म कर चुका था और बातों ही बातों में उसने दो और मैंने तीन बियर की बोतलें खत्म कर लीं। अब उसे और मुझे भी नशा होने लगा था।

पीने के बाद इंसान अपनी इमोशनल बातें शुरु करता है, वैसा भी हमारे साथ हुआ। उसने मुझे साफ़-साफ़ बताया कि मैं तुम्हारी एक अच्छी दोस्त हूँ, तो मेरा एक काम करोगे? मैं बहुत प्यासी हूँ। मुझे तेरे साथ सेक्स करना है, तू मुझे पसंद है और तू मेरी प्यास बुझा दे।

मैं पहले तो अवाक हो गया लेकिन मैं भी तो वही चाहता था।

मैंने उसे वहीं पर मस्त चुम्बन ले लिया और 5 मिनट लगातार उसको चूमता रहा। उसके बाद मैं उसको उठा कर बेड पर ले गया और बेहताशा चूमने लगा, वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी। मैं अपने हाथ उसकी कमर पर ले जाकर घुमाने लगा और वो बहकने लगी, वो बहुत गर्म होने लगी और उसने मेरे होंठ पर हल्का सा काट लिया, मैं भी बहुत गर्म हो गया था, तो कुछ पता ही नहीं चला।

क्योंकि शराब और शवाब दोनों का नशा था। मैंने उसकी गर्दन पर हल्का सा चूमा और उसने एकदम से मुझे जकड़ लिया और शायद वो झड़ गई थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

अब मैं उसके उरोजों को टी-शर्ट के ऊपर से ही दबा रहा था और वो मेरी पीठ सहला थी। मैं इतना गर्म हो चुका था कर उसकी टी-शर्त उतारने की बजाए फाड़ दी और मैंने जैसे कि बताया, उसने ब्रा नहीं पहनी थी और उसके गोरे-गोरे मम्मे मेरे सामने थे और मैं तो पागल सा हो रहा था।

उसके बाद मैं उसके मम्मों को 10 मिनट तक चूसता रहा। अपना हाथ उसकी चूत पर ऊपर से ही घुमा रहा था।

जब मेरा हाथ उसकी चूत पर घूम रहा था तो वो मचल रही थी और बोली- तड़पाओ नहीं, अब मेरी चूत को फाड़ डालो।

अब मैंने देर ना करते हुई उसकी पैन्टी निकाल दी।

उफ़! क्या नजारा था, एकदम गुलाबी बिना बालों वाली मस्त चूत मेरे सामने थी, मैंने देर ना करते हुए उसको चूम लिया और वो तड़प उठी। उसके बाद मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और अब हम दोनों नंगे थे।

अब मैं भाभी को चूम रहा था और उसका हाथ मेरे लंड को सहला रहा था। मैंने उसकी चूची को दबाया और वो जोश में आ गई और मेरी गर्दन पर काट लिया, मैंने उसकी गोरी चूत को मुँह में ले कर चूस रहा था।

क्या बताऊँ दोस्तो! बहुत ही नमकीन स्वाद आ रहा था।

और अब उसने भी मेरा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और हम 69 की पोजीशन में आ गए और मैं उसकी चूत को बड़े प्यार से चूस रहा था और उसकी चूत का रस पी रहा था।

कुछ ही देर में वो झड़ने वाली थी तो उसने बोला- अब मत तड़पाओ, अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत को फाड़ दो।

मैं देर ना करते हुए उसके दोनों पैरों के बीच आ गया और लौड़ा उसकी चूत पर रगड़ने लगा, वो अपनी कमर उठा कर मेरा लौड़ा लेने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैं उसे तड़पाना चाहता था तो मैं अंदर नहीं डाल रहा था।

उसने मुझे बोला- अब मेहरबानी करके डालो ना! मैं मर जाऊँगी।
मैंने जोर से एक झटका मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया।
और वो चिल्लाई- मार डाला! निकालो!!

लेकिन मैंने एक ना सुनते हुई दूसरा झटका मारा और पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया। वो लगातार चिल्ला रही थी तो मैं थोड़ी देर रुक गया। जैसे ही वो सामान्य हुई, हमारा चुदाई का कार्यक्रम चालू हो गया। उसके चोदते समय पर वो गन्दी-गन्दी गालियाँ बक रही थी और वो सुन कर मैं और उत्तेजित हो जाता था।

हमने बियर पी रखी थी, तो चुदाई करीबन आधे घंटे तक चली और तब तक वो 2 बार झड़ चुकी थी। उस रात हमने 4 बार चुदाई की। फिर हम लोग सो गए।

दूसरे दिन मैंने उसे फिर से कैसे चोदा और उसकी कुंवारी गांड कैसे मारी वो बाद में लिखूँगा। आप लोगों को मेरी कहानी कैसी लगी कृप्या आप मुझे मेल करना।
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