फ्रेंड वाइफ सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे मेरे पार्टनर दोस्त की बीवी बहुत पसंद थी. मैं उसे चोदना चाहता था. अचानक उन दोनों को तलाक हो गया. एक दिन वो मुझे बाजार में दिखी.
नमस्कार दोस्तो, मैं कोमल अपनी नई सेक्स कहानी के साथ आप लोगों के सामने हाजिर हूँ.
आपने मेरी पिछली कहानियों को इतना ज्यादा पसंद किया, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
मेरी पिछली प्रकाशित कहानी थी: जीजाजी ने मेरी जवानी को मसल दिया
आज की कहानी मेरे एक ऑनलाइन दोस्त विनय वर्मा की है.
उन्होंने अपनी ये कहानी मुझे फोन पर बताई, जिसे मैंने अपने शब्दों में ही लिखा है.
मैं उम्मीद करती हूं कि आपको ये फ्रेंड वाइफ सेक्स कहानी भी पसंद आएगी.
दोस्तो, मैं विनय वर्मा अपनी सेक्स कहानी लेकर आप लोगों के सामने हाजिर हूँ.
सबसे पहले मैं अपने बारे में बता दूँ.
मेरी उम्र 55 साल है और मैं एक बिजनेसमैन हूँ.
मैं एक लंबे और वजनी शरीर का आदमी हूँ, मेरा वजन 91 किलो है.
हम दो दोस्त हैं, जो मिलकर बिजनेस चलाते हैं.
मेरे बिजनेस पार्टनर का नाम अमित है और वो 35 साल का है.
ये कहानी 7 साल पहले उस समय शुरू हुई थी, जब उसकी नई नई शादी हुई थी.
शादी के बाद अक्सर मैं उसके घर जाया करता था.
उसकी बीवी का नाम सविता है और वो 25 साल की थी.
सविता दिखने में बेहद खूबसूरत और कामुक बदन की मालकिन थी. वो मुझे काफी अच्छी लगती थी.
अक्सर मैं उनके यहां खाना खाने के लिए जाता था और उसे देखने के बाद मेरे अन्दर कामवासना जाग जाया करती थी.
सच में उसका बदन काफी सेक्सी था, उसका फिगर 34-30-36 का था.
उसके तने हुए दूध और पीछे उभरी हुई गांड किसी को भी अपना दीवाना बना सकती थी.
मैं उसे देखकर बस खुश ही हो सकता था क्योंकि वो मेरे बिजनेस पार्टनर की बीवी थी.
इसके अलावा वो मुझसे आधी उम्र की थी और वो मेरी बेटी की उम्र की थी.
कई बार मैं सविता को याद करते हुए अपनी बीवी की चुदाई किया करता था.
लेकिन मेरी बीवी में वो बात नहीं थी. मेरी बीवी काफी मोटे जिस्म की थी और सेक्स में उसकी बिल्कुल भी रुचि नहीं थी.
वो किसी लाश की तरह बिस्तर पर लेटी रहती थी.
मैं अपनी बीवी से सेक्स में बिल्कुल भी खुश नहीं था इसलिए मैं कई बार होटल में कॉलगर्ल के साथ रात बिताकर अपनी प्यास बुझाया करता था … या अपने हाथों से ही काम चला लिया करता था.
कई बार तो मैंने सविता को याद करते हुए भी मुठ मारी थी.
ऐसे ही एक बार मैं और मेरा बिजनेस पार्टनर अमित बिजनेस के काम से मुंबई गए.
नई नई शादी के कारण अमित ने सविता को भी अपने साथ ले लिया.
बिजनेस का काम करने के बाद हम लोग दो दिनों तक मुंबई घूमने के लिए रुक गए.
अगले दिन हम लोग बीच पर गए, जहां वो दोनों समुद्र में मस्ती करने लगे.
मेरी नजर तो केवल सविता पर ही टिकी हुई थी.
उस वक्त सविता ने हाफ पैंट और एक सफेद रंग की टीशर्ट पहन रखी थी.
अचानक से सविता समुद्र में डुबकी लगाने लगी जिससे उसका पूरा बदन भीग गया.
वो दोनों काफी देर तक वहां नहाते रहे और मैं किनारे पर बैठे हुए सविता के बदन को देखे जा रहा था.
कुछ देर बाद दोनों बाहर आए और दोनों मेरे करीब आकर मुझसे फ़ोटो लेने के लिए बोले.
सविता मेरे काफी करीब खड़ी हुई थी और मेरी नजर उसकी भीगी हुई टी-शर्ट पर थी.
उसके अन्दर की लाल रंग की ब्रा साफ साफ दिख रही थी क्योंकि उसने सफेद रंग की पतली सी टी-शर्ट पहनी हुई थी.
टी-शर्ट भीगने से उसकी लाल रंग की ब्रा में कैद उसके मम्मे साफ़ दिखने लगे थे.
मेरी नजरें उसके नीचे गईं तो उसकी गोरी गोरी चिकनी जांघें देख कर मेरे लंड में हरकत शुरू हो गई.
मैंने उन दोनों की बहुत सारी फ़ोटो ली और सविता की कुछ क्लोजअप फ़ोटो भी ली.
फिर हम लोग 2 दिन घूमने के बाद अपने घर वापस आ गए.
अब मैं हमेशा सविता की फ़ोटो अपने फोन में रखने लगा जो मैंने मुंबई में ली थी.
मैं अक्सर उसकी फोटो को जूम करके देखा करता, जिसमें उसकी लाल ब्रा दिखती और साथ ही उसके निप्पलों की जामुनी घुंडियां भीगी हुई टी-शर्ट से दिखती थीं.
उसकी जांघों को जूम करके देखता रहता था, जिसमें 2 तिल भी मस्त दिखते थे.
मेरे अन्दर उसे चोदने का बहुत मन था लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता था.
सविता मेरी किस्मत में नहीं थी, वो किसी और की बीवी थी.
समय चलता रहा और 2 साल बीत गए.
अब 2017 का साल आया और अमित ने एक दिन अचानक से कहा कि मैं कुछ दिन काम पर नहीं आऊंगा, तुम कुछ दिन काम सम्हाल लेना.
मेरे पूछने पर भी उसने गोलमोल जबाव दिया और चला गया.
करीब हफ्ते भर बाद मुझे पता चला कि अमित और सविता का तलाक हो गया है.
मैं यह सुनकर उस वक्त एकदम से सकते में आ गया था. मैं सोचने लगा कि दोनों कितने खुश रहते थे और ऐसा क्या हुआ कि उनका तलाक हो गया.
फिर मुझे धीरे धीरे पता चला कि सविता के कई मर्दों के साथ संबंध थे और अमित ने रंगे हाथ सविता को चुदाई करवाते पकड़ लिया था.
मुझे बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा था कि सविता इस तरह की लड़की थी.
क्योंकि जब भी मैं उससे मिलता, उसका व्यवहार बिल्कुल घरेलू लड़कियों की तरह ही रहता था और अमित के साथ वो काफी खुश भी थी.
कुछ दिन बाद अमित ने ऑफिस आना शुरू कर दिया मगर अब वो थोड़ा तनाव में रहने लगा था.
मैंने किसी तरह से उसे समझाया और वो धीरे धीरे नॉर्मल होने लगा.
एक दिन शाराब पीते हुए अमित ने ही मुझे बताया कि सविता उसके न रहने पर अपने पुराने दोस्त को उसके घर बुलाया करती थी और उसके कितने ही मर्दों के साथ संबंध थे.
अमित ने ये भी बताया कि उसने सविता को घर पर पूरी नंगी होकर चुदते हुए देख लिया था.
सविता को संभलने का मौक़ा ही नहीं मिला था.
मैंने अमित से कहा- अब भूल जा उसे … किसी दूसरी से शादी कर लेना.
फिर बात खत्म हो गई.
इस बात को लगभग 4 महीने बीत गए.
अब अमित भी अच्छे से अपने काम पर ध्यान देने लगा.
मैं अभी भी कभी कभी अपने फोन पर सविता की फ़ोटो देखा करता था लेकिन मुझे ये पता नहीं था कि अब वो कहां रहती है.
कुछ दिनों बाद मैं ऑफिस से घर की तरफ़ अपनी कार से जा रहा था.
अचानक एक महिला ने मेरी कार को रोकने का इशारा किया.
मैं समझ गया कि इसे लिफ्ट चाहिए होगी.
उस महिला ने अपने दुपट्टे से चेहरा ढका हुआ था.
वैसे मैं बहुत कम ही लिफ्ट देता हूँ, मगर लड़कियां और औरतें मेरी कमजोरी हैं, मैं उन्हें जरूर लिफ्ट दे देता हूँ.
मैंने उस महिला के बगल में कार रोक दी.
उसने मुझे देखा तो उसकी आंखों में एक चमक सी आ गई. उसने अपना दुपट्टा हटाया.
वो सविता थी.
पहले उसने कुछ नहीं कहा शायद ये सोचकर कि शायद मैं उसे लिफ्ट न दूँ.
मगर मैंने दरवाजा खोल दिया और पूछा- कहां जा रही हो सविता?
उसने बताया कि वो घर जा रही है.
मैंने उसे कार में बैठने का इशारा कर दिया.
वो कार में बैठ गई और मैं उससे बातें करने लगा.
उससे बात करने पर मुझे पता चला कि वो इस समय अकेली रहती है और किसी काम की तलाश में है.
मैंने उसे उसके फ्लैट तक छोड़ा और जाने लगा लेकिन उसने मुझे चाय के लिए आमंत्रित किया.
थोड़ा सोचने के बाद मैं उसके साथ उसके फ्लैट पर चला गया.
अन्दर जाकर मैं सोफे पर बैठ गया और वो अन्दर के कमरे में जाकर कपड़े बदलने लगी.
थोड़ी देर बाद वो बाहर आई.
उसने बिना बांह का एक सिल्क गाउन पहना हुआ था.
उसके नुकीले दूध उस सिल्की गाउन में बिल्कुल मस्त लग रहे थे. उसके निप्पल्स देखने से ही पता चल रहा था कि उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी हुई थी.
वो किचन की तरफ जाने लगी और मैं उसकी मटकती हुई गांड को देख रहा था.
उसकी गांड की दरार में उसका गाउन घुसा जा रहा था मतलब उसने चड्डी भी नहीं पहनी हुई थी.
सविता के ऊपर तो मेरा दिल तभी से आ गया था, जब वो अमित के साथ रहती थी.
आज अकेले उसके घर पर उसके साथ उसे इस रूप में देखकर मेरे लंड से पानी रिसने लगा.
कुछ समय बाद वो चाय लेकर आई और हम दोनों ने चाय पी.
चाय पीते हुए हम दोनों बातें कर रहे थे, मेरी नजर बार बार उसके तने हुए मम्मों और उसकी गोरी गोरी बांहों पर जा रही थी.
जब वो अपने बाल संवारने के लिए अपने हाथ उठाती, तो उसके अंडरआर्म देख कर मेरा लंड झटके मारने लगता.
मैंने उससे कहा- अगर मैं तुम्हारी जॉब के लिए कुछ कर सकता हूँ, तो बताओ.
वो मेरी मदद लेने के लिए तैयार हो गई.
मैंने उसका नम्बर ले लिया और अपना नम्बर उसे दे दिया.
चाय पीने के बाद मैं वहां से आ गया.
उसके बाद हम दोनों के बीच रोजाना बातें होने लगीं और रात में घंटों तक व्हाट्सएप पर चैटिंग होने लगी.
लेकिन अभी हम दोनों साधारण दोस्तों की तरह की बातें करते थे.
उसके बाद मैंने अपने एक अन्य मित्र की कंपनी में उसकी जॉब लगवा दी.
वो काफी खुश थी.
मैंने उससे कह दिया था कि किसी भी तरह से ये बात अमित को पता नहीं चलनी चाहिए.
दोस्तो, सविता के बारे में मैं सब कुछ जान चुका था कि वो अकेली रहती है और उसे सेक्स काफी पसंद है, इसलिए तो वो अमित के अलावा कई मर्दों के साथ सेक्स करती थी, जिससे उसका तलाक हुआ.
हालांकि उम्र में वो मुझसे आधी ही थी लेकिन फिर भी वो मुझे बहुत पसंद थी और मैं उसे किसी भी तरह से पाना चाहता था.
अब ये मेरे लिए आसान हो गया था.
बस किसी तरह से सविता तैयार हो जाए.
सविता जॉब पाकर मुझसे काफी खुश थी और इसके लिए कई बार मुझे धन्यवाद बोलती थी.
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि सविता से किस तरह से अपनी बात बोलूं.
बस रोज हम दोनों एक दोस्त की तरह चैटिंग करते और कभी कभी फ़ोन पर भी देर तक बातें करते रहते.
फिर जुलाई 2017 में मेरी बीवी कुछ दिनों के लिए बाहर गई हुई थी और मैं घर पर अकेला ही रह रहा था.
एक दिन मैं अपने ऑफिस से थोड़ी देर से निकला.
उस दिन बारिश का मौसम था और काफी तेज बारिश हो रही थी.
मैं धीरे धीरे अपनी कार से घर की तरफ चला जा रहा था.
तभी सविता का फोन आ गया.
उसने बताया कि मैं अपने ऑफिस के पास बस स्टैंड पर हूँ और मुझे कोई साधन नहीं मिल रहा है.
मैंने उससे कहा- तुम वहीं रुको, मैं तुम्हें लेने के लिए पहुंच रहा हूँ.
मैं उसे लेने पंहुचा और वो कार में आकर बैठ गई.
वो बुरी तरह से भीग चुकी थी और उसकी सलवार कमीज उसके बदन पर चिपकी हुई थी.
उसके बदन की बनावट उस वक्त बिल्कुल साफ साफ दिख रही थी.
मैं उसे लेकर उसके फ्लैट की तरफ़ चल दिया.
कुछ ही देर में हम पहुंच गए और मैं उसे बाहर छोड़कर जाने लगा.
तभी वो चाय के लिए जिद करने लगी.
मैं भी उसकी बात मानते हुए चला गया.
कमरे के अन्दर पहुंचकर सविता कपड़े बदलने के लिए चली गई और मैं बाहर सोफे पर बैठ गया.
कुछ समय में सविता आई और उसने आज फिर से वही गाउन पहन रखा था, जो उसने उस दिन पहना हुआ था.
उसने आज भी ब्रा नहीं पहनी हुई थी.
थोड़ी देर में उसने चाय बनाई और चाय पीते हुए हम दोनों में बातें होने लगीं.
इसी बीच मैंने उसे बताया कि इस समय मैं अकेला रह रहा हूँ क्योंकि बीवी बाहर गई हुई है.
इतना सुनकर सविता बोली- मैं जल्दी से खाना बनाती हूं, आप खाना यहीं खाइए.
मैंने मना किया लेकिन वो जिद करने लगी.
मैं खाना खाने के लिए तैयार हो गया.
सविता मेरे बारे में जानती थी कि मैं रात के खाने से पहले व्हिस्की पीता हूँ, इसलिए उसने कहा कि अगर आप पीना चाहते हैं, तो पास में ही वाइन शॉप है, आप अपने लिए व्हिस्की ला सकते हैं.
मुझे कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि मैं पहले भी उसके पति के साथ सविता के सामने पी चुका था.
मैं व्हिस्की लेने के लिए चला गया और सविता खाना बनाने चली गई.
जब मैं वापस आया तो सविता ने लगभग खाना तैयार कर लिया था.
उसने मेरे लिए प्लेट में काजू लाकर रख दिए.
मैं बाहर कमरे में बैठकर धीरे धीरे व्हिस्की पीने लगा और सविता किचन में खाना लगाने लगी.
तभी मेरे मन में एक ख्याल आया कि क्यों न आज सविता से अपने दिल की बात कह दी जाए.
ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, वो मना ही तो कर देगी और क्या.
कुछ समय बाद सविता आई और मेरे सामने वाले सोफे पर बैठ गई.
वो बार बार छींक रही थी शायद बारिश में भीगने के कारण उसे सर्दी लग गई थी.
मुझे अब नशा आ गया था और मैंने मजाक में उससे कहा- तुम्हें सर्दी लग गई है, एक पैग लगा लो … सब सही हो जाएगा.
उसने कहा- अगर ऐसा है, तो आप ही मेरे लिए बना दीजिए.
मैंने उसे ग्लास लाने के लिए कहा और वो ग्लास ले आई.
मैंने उसे एक पैग बनाकर दिया और उसने उसे पी लिया.
शायद उसने पहले भी कभी शराब पी थी इसलिए बिना किसी दिक्कत के वो पी गई.
इसी तरह उसने एक एक करके तीन पैग लगा लिए.
अब वो भी नशे में मस्त हो गई थी.
हम दोनों अब खाना खाने के लिए डायनिंग टेबल पर चल दिए.
बातें करते हुए हम दोनों खाना खाते जा रहे थे.
फिर बात करते हुए उसके पति अमित के बारे में बातें होने लगीं और वो काफी उदास होकर रोने लगी.
किसी तरह हम दोनों ने खाना खत्म किया और मैं उसे समझाते हुए सोफे पर आ गया.
मैं उसके बिल्कुल बगल में बैठा हुआ था और उसे समझाते हुए पुरानी बातें भूलने के लिए कह रहा था.
उसी मौके का फायदा उठाते हुए मैंने उससे कहा- सविता, मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूं. अगर तुम्हें बुरा न लगे तो क्या हम दोनों एक गहरे दोस्त बन सकते हैं?
पता नहीं कैसे, पर उसने बिल्कुल भी गुस्सा नहीं किया और अपना सर मेरे कंधे पर रखते हुए बोली- मैंने तो आपको अपना गहरा दोस्त आज से ही मान लिया है, बस हमारा रिश्ता दुनिया के सामने नहीं आना चाहिए.
मैंने कहा- बिल्कुल भी नहीं आएगा, कभी किसी को पता नहीं चलेगा.
बस क्या था अब तो मेरे दिल की ख्वाहिश पूरी हो गई थी.
सविता जैसी कम उम्र की खूबसूरत और हसीन लड़की मेरे पास थी.
मैंने उसी समय सोच लिया कि आज की रात यहीं गुजारनी है.
मैंने अपना एक हाथ उसके गले से डाला और उसली खुली हुई गोरी बांहों को सहलाने लगा.
सविता भी अपना एक हाथ मेरे हाथ पर रख दिया.
अब मेरी दिल की इच्छा फ्रेंड वाइफ सेक्स की … पूरी होने वाली थी.
जिस लड़की को याद करके मैंने कई बार मुठ मारी थी, आज मैं उसे सच में चोदने वाला था.
दोस्तो, इसके आगे क्या हुआ किस तरह से मैंने सविता को पूरी रात चोदा और दोनों के बीच कैसी चुदाई हुई, ये कहानी के अगले भाग में पढ़िए.
मेरी फ्रेंड वाइफ सेक्स कहानी पर अपनी राय व्यक्त करने के लिए आप कोमल की ईमेल पर मेल कर सकते हैं.
[email protected]
फ्रेंड वाइफ सेक्स कहानी का अगला भाग: पार्टनर की जवान बीवी तलाक के बाद चोदी- 2