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प्रेम की रसधार में चूत चुदाई का मजा- 1 (Young Bhabhi Romantic Story)

यंग भाभी रोमांटिक स्टोरी में मेरी दोस्ती फेसबुक के माध्यम से एक युवा भाभी से हो गयी. वह पास की ही सोसाइटी में रहती थी. एक दिन मुझे महसूस हुआ कि वह कुछ उदास है.

हाय, कैसे हो दोस्तो आप सब!
आप सभी ने मेरी सेक्स कहानी
बस स्टॉप से चुदाई तक का सफर
को बहुत सराहा.

आशा करता हूँ सबने उस कहानी को पढ़ कर अपनी अपनी पसंद की भाभी को सोच कर लंड जरूर हिलाया होगा.

बहुत सारे मित्रों के और कुछ भाभियों के मेल्स भी आए. उन सभी को दिल से धन्यवाद.

आप सबके आग्रह पर मैं आपका दोस्त वापस अपना एक निजी अनुभव लेकर आया हूँ.
यह यंग भाभी रोमांटिक स्टोरी भी एकदम सच्ची घटना है.
मैं बस गोपनीयता के कारण पात्रों नाम बदल कर लिख रहा हूँ.
आशा है आप मेरी मंशा समझेंगे.

यह बात ज्यादा पुरानी नहीं है, जनवरी 2021 की है.

मैंने मेरा फेसबुक अकाउंट 2010 मैं बनाया था पर मुझे बहुत ज्यादा समय न होने के कारण उससे बंद कर दिया था.

पर न जाने क्यों मन हुआ तो मैंने 2020 में मेरा एक अकाउंट बनाया, जिसमें मैंने अपने परिवार या परिचित दोस्तों को नहीं जोड़ा था.

यह अकाउंट मैंने अपनी फैंटसीज के चलते हुई सेक्स घटनाओं को कहानी के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने के लिए बनाया था.
यहां मेरे बहुत से दोस्त बने, खास कर महिला मित्र ज्यादा बनी थीं.
सभी के साथ मेरे अच्छे सम्बन्ध थे.

चूँकि हम लोग एक दूसरे के लिए पूर्ण रूप से अपरिचित थे और मिलने या किसी भी प्रकार से बातों का इधर उधर होने का संशय नहीं था, तो अक्सर मेरी सभी महिला मित्र मुझसे अपने बारे में सब कुछ बताने लगी थीं.
कोई अपने परिवार में बहुत खुश थी तो कोई बहुत परेशान!

इन्हीं सब मित्रों में मेरी एक दोस्त बनी अश्लेषा.
दोस्तो, सच अभी नाम लिखा न … तो वह पहला दिन याद आ गया. उस दिन ऐसे ही सर्च करते उसका प्रोफाइल मेरे सामने आया था.

अश्लेषा गुप्ता. हां यही तो लिखा था उसने अपनी प्रोफाइल में … और भीगे खुले बालों वाली उसकी एक तस्वीर देख कर मैं सम्मोहित हो गया था.
सच कहूँ तो मुझे उसी पल उससे प्यार हो गया हो गया था. उसके जैसी खूबसूरती और सादगी का ऐसा मेल मैंने पहले कभी देखा ही नहीं था.

उसके खुले बाल देखते ही उसे चूम लेने का मन करने लगा.
एकदम गुलाब की पंखुरी से पतले पतले गुलाबी होंठ, तीखी सी सुतवां नाक, गोल और बड़ी बड़ी काजल सी स्याह आंखें.
सच कहूँ दोस्तो, उसके इन तीखे नैन नक्श देखने के बाद तो मानो उसका बदन देखने की जरूरत ही नहीं पड़ी.

मैंने झट से ऐड फ्रेंड का बटन दबा दिया … और बस फिर क्या था, जीवन का सबसे मुश्किल काम शुरू हो गया.

समझे या नहीं!
जी हां, सबसे मुश्किल काम इन्तज़ार …

मैं हर आधा घंटा में अकाउंट चैक करता, पर तीन दिन तक उसका कोई भी रिस्पांस नहीं आया.

मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था.
जितनी बार मैं चैक करता, उतनी बार उसको मैसेज भी करता.

शायद इसी से उसको कुछ चिढ़ हो गयी थी … और उसने नॉट इंट्रेस्टेड का मैसेज भेज दिया.

उसने नॉट इंट्रेस्टेड का मैसेज भेजा, तो ऐसा लगा कि किसी ने बैकग्राउंड में छन से जो टूटे कोई सपना वाला गाना बजा दिया हो.
पर ये लाजिमी था न कि कोई कैसे हां कह देता.

मैं दिखने में बुरा था और ऐसे एक दिन में इतने मैसेज लिख कर अपने उतावलेपन का आभास भी करा दिया.

जिन दोस्तों ने मेरी पहली कहानी ‘बस स्टॉप से चुदाई तक का सफर.’ पढ़ी होगी, वे मेरे बारे में सब जानते ही होंगे.
पर नए पाठकों के लिए अपने बारे में एक बार वापस बता देता हूँ.

मैं 40 वर्षीय एक मध्यम वर्ग का पुरुष हूँ.
दिखने मैं बहुत अच्छा नहीं दिखता, पर जिन लोगों से परिचित हूँ. उनका कहना है कि बोलने में मेरा कोई जवाब नहीं है.

मैं अच्छा लिखता हूँ, अच्छा बोलता हूँ … डांस, गाना, खेल, लीडरशिप … यूं कहिए कि दिखने के अलावा मेरे अन्दर सब कुछ है.

कभी कभी वह कहते हैं ना कि फर्स्ट इम्प्रेशन इज लास्ट इम्प्रैशन.
शायद इसी कहावत की वजह से कुछ लोग मेरे लिए बुरा विचार बना लेते हैं पर जब एक दो बार बात करने के बाद मेरा इम्प्रैशन बहुत अच्छा रहता है, तो वे वापस मुझसे जुड़ जाते हैं.

मैं अपनी सोसाइटी या अन्य मित्र समूहों में सभी महिला सदस्यों का पससंदीदा हूँ.

अच्छा लगता कि अच्छा ना दिखते हुए भी मेरी बहुत सी खूबसूरत महिला मित्र हैं.

मैं शुरू से ही महिलाओं के प्रति आकर्षित रहा हूँ … और बहुत कम उम्र से सेक्स करता आ रहा हूँ. जिसकी वजह से मेरी टाइमिंग भी बहुत ज्यादा है.

अमूमन 90 फीसदी महिलाएं या लड़कियां मेरे साथ संभोग में दो बार स्खलित होती हैं, तब मेरा स्खलन हो पाता है.

आज तक की जितनी भी पार्टनर रही हैं, मैंने उन सभी को ना केवल संतुष्ट किया है बल्कि उनके मुँह से ये सुन कर कि ‘अब मैं थक गयी हूँ … छोड़ दो प्लीज.’ काफी अच्छा लगता है.

मैंने कभी अपने लंड को नापा नहीं है, पर हर पार्टनर ने ये तारीफ की है कि तुम्हारा बहुत बड़ा और मोटा है.

खैर … तारीफ तो तब समझूंगा, जब आप में से कोई पढ़ने वाली भाभी या महिला मुझसे मिलने के बाद कहेगी कि हां मैं संतुष्ट हुई.

बोलने और चीजों को संभालने में मैं माहिर था, तो अब उस फ़ेसबुक वाली शै को कैसे भी अपना बना कर चोदने के सपने को भी पूरा करना था.
अब मैंने उसको सॉरी कह कर अपनी सहजता और सरलता का आभास करवाने के लिए अगला मैसेज अंग्रेजी में किया.

“Sorry for being irritating and intruptive but the reason was you… As you are having such a magnificent personality that no one can resist to fall in love with you.
I am sorry these are my last words and promise if you don’t wanr to be friend, I would not disturb you but seriously had a great crush on you, specially on those loving kajaled eyes.”
साथ में हिंदी में भी लिखा:
‘आप जैसी जादुई आंखों वाली सुंदरी को परेशान करने के लिए मैं दिल से क्षमाप्रार्थी हूँ. यदि आप मुझसे दोस्ती करना नहीं चाहती हैं तो ये मेरा वादा है कि ये मेरे आपके लिए आखिरी शब्द हैं. सत्य ये है कि मैं आपकी नशीली आंखों पर मर मिटा हूँ.’

इसी तरह के कुछ और दिल को लुभा लेने वाले शब्दों के साथ मैंने उसको मैसेज डाला.
और उसके बाद जैसा कहा था कि मैं तुम्हें, जब तक तुम नहीं लिखोगी, मैसेज नहीं लिखूंगा.

अब मैं उसकी पिक्स को लाइक करता, पर कुछ लिखता नहीं.
उसके हर अपडेट्स के साथ ही मेरा इमोजी उसको मिलता.
यह कुछ वैसा हो गया था कि पुराने ज़माने में जैसे ऋषि मुनि तपस्या करते थे न … वैसे मैंने मेरी अश्लेषा के लिए पूरे 15 दिन कड़ी तपस्या की.

जब तक हम दोस्त नहीं बने, तब तक मुझे केवल उसको चोदने की धुन सवार थी.
पर दोस्त बनाने के बाद जब हम करीब आए और एक दूसरे को जाना समझा.
तब सच में एक अच्छा रिश्ता जीने का मौका मिला.

खैर … पंद्रह दिन बाद उसका मैसेज आया ‘हाय!’
मेरे तो दिलो दिमाग में जैसे घंटियां बजने लगीं.

दूसरी लाइन ये कि ‘फ़्लर्ट अच्छा कर लेते हो.’
मैंने लिखा- कमेंट कर रही हो या कॉम्पलिमेंट!
उसने हँसते हुए लिखा- कॉम्पलिमेंट.

अब हम दोनों रोज़ बातें करने लगे.
दोनों को एक दूसरे का इन्तज़ार रहता था.

यह पहले से ही तय था कि पहले वह ही कुछ लिखेगी, तभी मुझे लिखना है.

दोस्तो, मैं इस मामले मैं बहुत ही सरल हूँ.

मेरे अन्दर ये तय रहता है कि ऐसा कोई भी काम नहीं करना जो मेरी किसी भी महिला मित्र को परेशान या किसी भी दिक्कत में डाले.
जब तक वह सहज न हो, मैं कभी भी आगे नहीं बढ़ता.

शायद यही बात मेरी सभी महिला मित्रों को पसंद आती है.

खैर … हमारी दोस्ती अब नजदीकी में बदलनी लगी.
हम दोनों केवल फेसबुक पर ही नहीं बल्कि फ़ोन पर भी बात करने लगे.

अब सुबह घर से निकलते ही मैं उसको फ़ोन कर लेता और ऑफिस पहुंचने तक हम ‘कल शाम क्या हुआ, क्या किया, कहां गए, क्या खाया … आपस में सब शेयर करते. साथ ही साथ ‘आज कहां जाना है, कब जाना है.’ ये सब बातें करते.

वह शादीशुदा थी और एक बच्चे की मां थी.
मैं भी शादीशुदा हूँ.

एक दिन ऐसे ही मैं उसके बेटे के ट्यूशन के पास कुछ काम से गया था, तो उसको फ़ोन किया कि कहां हो?

उसने बताया कि मैं कुछ सामान लेने आयी हूँ. यहां से बेटे को ट्यूशन से लेकर घर जाऊंगी. अभी रखती हूँ. टू व्हीलर पर हूँ, ज्यादा बात नहीं कर सकती.
मैं वहीं रुक कर उसके आने का इन्तज़ार करने लगा.

वह आयी.
सच कहूँ, मन किया कि भूल जाऊं कहां हूँ. बस उसको कसके सीने से लगा लूँ.
मेरी रोमांटिक स्टोरी बनाने लगी थी.

पर उसको बिना मिले, बिना कुछ कहे, मैं वहां से ऑफिस चला गया.
कुछ देर बाद उसका कॉल आया- अब बोलो!

तो मैंने कहा- इतना लाल क्यों हुई हो? कहां भाग दौड़ करके आयी हो. वैसे ऐसा गुलाबी चेहरा भी वाओ लगता है न!
वह बोली- कुछ भी … तुम्हारा फ़्लर्ट हमेशा चालू रहता है. तुम्हें क्या पता लाल चेहरा या पीला?

मैंने कहा- पीला कहां, रेड हो गया था … शायद ज्यादा चलने की वजह से और उस पर तुम्हारा पिंक टॉप एंड ब्लू जीन्स … वाऊ क्या लग रही थीं तुम. एकदम कमाल!

यह सुनकर उसको तो जैसे सांप सूंघ गया हो, एकदम चुप.
‘तुम्हें कैसे पता कि मैंने पिंक टॉप एंड ब्लू जीन्स पहना है?’

इससे पहले मैं कुछ कह पाता, उसने कहा- अभी प्रवीण आ गए हैं, अभी फ़ोन रखती हूँ. तुम बहुत ख़राब हो.
उसने बाय कह कर फ़ोन रख दिया.

हम दोनों काफी अच्छे दोस्त हो गए थे.
हमारे बीच कोई औपचारिता नहीं थी इसलिए मैंने भी फ़ोन रख दिया.

रात साढ़े दस पर उसका मैसेज आया.
उसने लिखा- तो जनाब चोरी छुपे देखने भी आते हैं!

मैंने हंस कर लिखा कि अरे क्या करूं … मैसेज से या आवाज़ से मन नहीं भर रहा था तो देखने आ गया.

वह बोली- तो अब मन भर गया?
मैंने कहा- नहीं, अब तो भूख और बढ़ गयी है.

वह बोली- तुम ना एकदम बकवास हो … मौका मिलता नहीं कि चालू हो जाते हो! मैंने कितने अच्छे से पूछा और तुम हो कि बस चालू हो जाते हो. अच्छा बताओ क्यों आए थे?
मैंने कहा- तुम्हें देखने.

वह बोली- अच्छा … तो क्या देखा?
मैंने कहा- एक बला की खूबसूरत लड़की, जिसकी आंखों में कोई भी खो जाए. जिसकी मुस्कराहट से किसी को भी प्यार हो जाए.

वह मुस्कुराती हुई बोली- फिर चालू हो गए ना … कहां देख लिया?
मैंने बताया- जब बेटा क्लास से बाहर आया और उसने तुम्हें हग किया, तब!

‘सच बोलो न … क्यों आए थे?’
मैंने बताया कि अरे उधर मेरे ऑफिस का काम था.

तो वह बोली- वहां ऑफिस का काम … ट्यूशन के पास? सच सच बोलो क्यों आए थे?

मैंने कहा- सच, ट्यूशन के पास के काम्प्लेक्स में काम था. काम जल्दी खत्म हुआ तो तुम्हें मैसेज किया. तुमने बताया कि तुम वहां आने वाली हो, तो रुक गया … और तुम्हें देखा तो खो गया.

वह बोली- तुम एक नंबर के चालू हो. मैं नहीं फंसने वाली तुम्हारी बातों में … मुझे पता है कि मैं एकदम साधारण दिखती हूँ, कोई हीरोइन नहीं. तुम अपना दाना कहीं और डालो.

मैंने कहा- दाना नहीं डालना … न ही झूठ कहा. तुम सच में बला सी खूबसूरत हो कि बस देख कर प्यार करने का मन करे. सच कहूँ तो आज मैंने कैसे कण्ट्रोल किया, यह मैं ही जानता हूँ. मुझे तुम्हें कस के गले से लगाना था. उस बालों को, कानों पर, उस कातिल चेहरे को हाथों में लेकर प्यार करना था.

वह एकदम चुप थी.
कुछ पल बाद बोली- क्या मैं सच में ऐसी हूँ कि कोई क्या करना चाहे, गले लगाना चाहे …

फिर वह एकदम से जैसे गायब हो गयी.
मैंने न जाने कितना लिखा.
पर उसका कोई जवाब नहीं.

मैंने पूछा- मैं कॉल करूं क्या?
उसने बताया- हां करो, प्रवीण खाना खाकर दोस्तों से मिलने नीचे गए हैं.

मैंने कॉल किया.
उसको हैलो हैलो कहा, पर वह कुछ बोल ही नहीं रही थी.

मैंने पूछा हो या नहीं … क्या हुआ चुप क्यों हो?

उसने पूछा- तुम्हारी वाइफ कहां है?
मैंने बताया- अभी वाक पर गयी है और बेटी सो गयी है.
वह चुप हो गई.

मैंने पूछा- हुआ क्या?
वह शायद रो रही थी.
उसकी आवाज़ में भारीपन महसूस हो रहा था.

वह बोली- क्या सच में मैं अच्छी दिखती हूँ?
मैंने कहा- अच्छी नहीं, बहुत अच्छी.

‘तो प्रवीण क्यों प्यार नहीं करते, क्यों नहीं देखते मुझे?’
मैंने कहा- मतलब? तुम दोनों में सब ठीक है न?
उसने कहा- कुछ होगा तो ठीक होगा न!

मैं सच में हैरान था.
इतनी खूबसूरत प्यारी बीवी से कोई कैसे दूर रह सकता है.

दोस्तो, मैं अपनी प्रेमिका अश्लेषा से किस तरह से आगे बढ़ा और उसे प्रेम में सराबोर करते हुए चोदा, वह सब मैं आपको अपनी इस मनमोहक चुदाई की कहानी के अगले कुछ भागों में विस्तार से बताऊंगा.
यंग भाभी रोमांटिक स्टोरी पर आपके विचार मेरे लिए उत्साहवर्धक होंगे.
[email protected]

यंग भाभी रोमांटिक स्टोरी का अगला भाग: प्रेम की रसधार में चूत चुदाई का मजा- 2

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