हेल्लो, अन्तर्वासना की कामवासना उत्तेजित करने वाली कहानियाँ पढने वाले मेरे प्रिये मित्रो,
मैं रजत एक हृष्ट-पुष्ट लड़का हूँ, मेरी उम्र साढ़े उन्नीस की वर्ष है। मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और आज आप सबको अपने जीवन का एक ऐसा सच बताने वाला हूँ जिसे अधिकतर सब गुप्त ही रखते है। पाठकों को मैं यह बताना चाहूँगा कि इस लेख की रचना तो मैंने ज़रूर की है लेकिन मेरी बहन मीनाक्षी ने ही मेरी इस कहानी को संपादित किया है और वही इस कहानी की प्रेषिका भी है। मैं अपनी इस रचना को अपनी बहन मीनाक्षी को समर्पित कर रहा हूँ क्योंकि वह ही इसकी असली हकदार है।
यह घटना लगभग पाँच माह पहले की है जब गर्मियों की छुट्टियाँ शुरू ही हुई थी और एक महीने की छुट्टियों पर मेरी इक्कीस साल की बहन मीनाक्षी (मिनी) हॉस्टल से घर आई हुई थी। मिनी दिल्ली के एक मेडिकल कॉलेज में ऍम बी बी एस के तीसरे वर्ष की छात्रा है, वह मुझे से लगभग डेढ़ वर्ष बड़ी है लेकिन फिर भी अभी तक हम दोनों की एक दूसरे से बिल्कुल नहीं बनती थी, हम दोनों हर वक्त दो छोटे बच्चों की तरह एक दूसरे लड़ते झगड़ते और मार-पीट करते रहते थे।
क्योंकि मिनी के लड़की होने के नाते और घर से दूर हॉस्टल में रहने के कारण मेरे माँ और पापा, हमेशा उसका पक्ष ही लेते थे और उसे नहीं बल्कि हमेशा मुझे ही डांट देते थे, इसी कारण मैं हमेशा मिनी से बदला लेने की फिराक में रहता था और उसकी कोई न कोई कमजोरी ढूँढने में लगा रहता था लेकिन वह बहुत ही चालाक थी और मेरे को किसी बात का भी पता नहीं लगने देती थी।
मिनी को घर आये दूसरी रात ही हुई थी जब यह घटना घटित हुई जिसने हमारी लड़ाई झगडों को दूर कर हम दोनों के बीच में एक अटूट प्रेम की नींव डाल दी जो आज भी कायम है।
उस रात को बारह बज चुके थे, घर में सब सो रहे थे, अचानक हाल में से फ्रिज का दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ से मेरी नींद खुल गई। मैंने उठ कर हाल में जाकर देखा लेकिन वहाँ किसी को भी नहीं पाया। मैंने घर के सामने और पीछे के दरवाज़ों का निरीक्षण किया और उन्हें भी बंद पाया। इसी असमंजस में कि वह आवाज़ किसने की होगी, मैं अपने सिर खुजलाता हुआ अपने कमरे की ओर चल दिया। जब मैंने माँ और पापा के कमरे के बाहर खड़े होकर उनकी आहट सुनने के चेष्टा की तो पापा के खर्राटे सुनाई दिए। तब मैंने मिनी के कमरे के बाहर खड़े होकर आहट सुनने की कोशिश की लेकिन मुझे कुछ ठीक से सुनाई ही नहीं दिया। आखिर में जब मैं अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगा तभी मुझे मिनी के दरवाज़े के नीचे से बाहर आती हुई रोशनी पर नजर पड़ी तो मेरे पाँव वहीं रुक गये।
जैसे ही मैंने दरवाज़े को हाथ लगाया तो उसे खुला हुआ पाया और मेरा हाथ लगते ही वह थोड़ा सा खुल भी गया। मैंने दरवाज़ा को हल्का सा धकेल कर थोड़ा और खोल कर अंदर झाँका तो दंग रह गया!
मैंने देखा कि मिनी अपने बिस्तर पर बिल्कुल नग्न, दोनों टांगें चौड़ी कर के लेटी हुई थी और उसके हाथ में एक आठ इंच लंबा और डेढ़ इंच मोटा बैंगन था जिस पर वह कंडोम चढ़ा कर अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी!
यह सब देख कर मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि अब मुझे मिनी से बदला लेने का मौका मिल गया था। मैं भाग कर अपने कमरे में गया और अपना हैंडी-कैम ले आया और उस थोड़े से खुले दरवाज़े में से मिनी के उस करतूत की वीडियो बनाने लगा। वीडियो बनाते समय मैंने कुछ दूर के और कुछ क्लोज-अप नज़ारे भी रिकार्ड किये। क्लोज-अप सीन में जो मैंने देखा था उससे हुई उत्तेजना के कारण मेरा साढ़े सात इंच लंबा और दो इंच मोटा लौड़ा एकदम तन गया था। मैं मिनी के गुप्तांगों को पहली बार देख रहा था इसलिए उत्तेजित होना तो स्वभाविक था, लेकिन उस समय मेरे मन में आ रहे विचारों का उस उत्तेजना में ज्यादा सहयोग था।
लगभग बीस मिनट तक मैं मिनी का वीडियो बनाता रहा और जब उसने बैंगन निकल कर एक तरफ़ रख दिया और चादर औढ़ कर बैड-स्विच से लाईट बंद करने लगी तब मैं वहाँ से हट गया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
उसके बाद मैंने अपने कमरे में जाकर उस वीडियो को अपने लैपटॉप में डाउनलोड किया और उस वीडियो को तीन सी.डी. में भी रिकॉर्ड कर दी। दो सी.डी. तो मैंने अपनी अलमारी के लॉकर में छुपा कर रख दीं और एक सी.डी. को मैंने अपनी मेज़ के दराज़ में रख दिया। इसके बाद मैंने उस वीडियो को दो बार चला कर देखा और बढ़िया क्लोज-अप सीन देख कर इतना उत्तेजित हुआ कि दो बार मुठ भी मार ली। वीडियो बहुत ही बढ़िया बनी थी, बिल्कुल इंटरनेट में दिखने वाली वीडियो की तरह थी। मैं यह सोच कर रोमांचित हो रहा था कि जब यह वीडियो मिनी देखेगी तो उसकी क्या प्रतिक्रिया होगी।
रात के तीन बज चुके थे, मैंने लाईट बंद की और यह सी.डी. मिनी को कैसे दिखाऊँ इस के बारे में सोचते सोचते सो गया। सुबह नौ बजे मेरी नींद खुली तो मैं हाल में गया और वहां मिनी को देख कर मुझे रात का सारा दृश्य मेरी आँखों के सामने घूम गया और मैं वह सी.डी. मिनी को कैसे दिखाऊँ के बारे में फिर से सोचने लगा।
इसी उलझन में मैं तैयार होकर जब नाश्ते के लिए मेज़ पर आया तो माँ ने बताया कि वह और पापा उसी दिन कुछ देर के बाद शहर से बाहर जा रहे थे और अगले दिन रात तक ही वापिस आयेंगे। जाते जाते माँ ने कई निर्देश दिए कि हम दोनों बहन भाई कोई झगड़ नहीं करेंगे और कामवाली को भी तंग नहीं करेंगे तथा कामवाली को रात के लिए बिस्तर देकर रसोई में ही सुला देंगे।
मैं बहुत खुश था कि आज से लेकर अगले दिन रात के बीच में मुझे कभी न कभी तो मिनी को वह सी.डी. दिखाने का मौका मिल ही जायेगा।
दस बजे माँ और पापा जी चले गए, तब मिनी ने कहा- मैं शॉपिंग के लिए बाज़ार जा रही हूँ, दो तीन घंटे में वापिस आऊँगी, तू घर में ही रहना!
मिनी के जाने के बाद मैं कुछ देर तो हॉल में बैठा सोचता रहा और फिर मैंने मेज़ के दराज़ से सी.डी. निकाल कर मिनी के कमरे गया और उस वीडियो को उसके लैपटॉप में लोड कर दिया, फिर लैपटॉप को ऐसे सेट कर दिया कि जब भी मिनी लैपटॉप को चलाएगी तो वह सी.डी. चालू हो जाए और वह वीडियो अपने आप चलने लगेगा!
मैंने सी.डी. को इसीलिए मिनी के लैपटॉप के सी.डी. प्लयेर में ही छोड़ दी और उसको बंद करके वहीं रख दिया तथा अपना लैपटॉप ले कर हॉल में आ कर बैठ गया और गेम खेलने लगा!
लगभग एक बजे मिनी वापिस आई, बाजार से खरीदा हुए सामान अपने कमरे में रख कर वापिस हाल में आ कर बैठ गई! जब काम वाली मिनी को पानी पिलाने के लिए आई तो उसने उसको को खाना परोसने को कह दिया और फिर हम दोनों ने एक साथ बैठ कर खाना खाया!
खाना खाकर मैं तो अपना लैपटॉप उठा कर अपने कमरे में चला गया और मिनी अपने कमरे में चली गई!
मैं अपने कमरे में जा कर अपने कपड़े उतार कर सिर्फ जांघिये में ही बैठ गया और मिनी के आने का इंतज़ार करने लगा। मुझे वह इंतज़ार का हर एक क्षण एक घंटे का लग रहा था। लगभग एक घंटे के बाद मुझे जिस की आशा थी वही हुआ!
मिनी गुस्से से मेरे कमरे में आई और मुझे पूछने लगी कि क्या मैंने उसके लैपटॉप को छुआ था तो मैंने साफ़ मना कर दिया।
वह कहने लगी कि किसी ने बहुत ही बेहूदी हरकत की थी और उसके लैपटॉप में गन्दी वीडियो की सीडी लोड कर दी!
मैंने जब उसे वह वीडियो दिखाने के लिए कहा तो वह थोड़ा झिझक गई! मेरे बार बार कहने पर वह वीडियो दिखाने को राज़ी हो गई और अपने कमरे से अपना लैपटॉप ले आई और मुझे देकर कमरे से बाहर जाने लगी तो मैंने उसे पकड़ कर वहीं बिठा दिया और उसे कहा कि वह खुद ही उस वीडियो चला के दिखा दे, वर्ना बाद में तो यही कहेगी कि मैंने उसके लैपटॉप में कुछ कर दिया है!
मेरे जोर देने पर वह बैठ गई और वीडियो चला कर मुँह दूसरी ओर कर के बैठ गई। वीडियो देखने के बाद मैंने उसे बताया कि यह वीडियो तो उसी का है और उसके कमरे में ही बनाया हुआ है?
मैंने उसे कहा कि वह उस वीडियो को एक बार फिर देख ध्यान से देख ले। मिनी ने उस वीडियो को एक बार ध्यान से देख कर मेरी ओर थोड़ा असमंजस से देखने लगी। फिर थोड़ा झेंप कर कहा कि यह वीडियो तो उसी का है और उसी के कमरे में कल रात को ही बनाया गया लगता है।
मिनी की बात सुन कर मैंने झट से कह दिया- मुझे तो लगता है कि यह वीडियो तूने खुद ही बनाया है?
तो वह गुस्सा हो गई!
जब मैंने मिनी से पूछा कि क्या सच में वह ऐसे खेल भी खेलती है तो वह झेंप कर वहाँ से चली गई।
कुछ देर बाद अपनी झेंप मिटाने के बाद मिनी मेरे कमरे में वापिस आई और उस वीडियो का रहस्य जानने के लिए वह बिल्कुल मेरे पास आ कर बैठ गई और मेरी नंगी जांघों पर हाथ फेरते हुए पूछती रही कि क्या वह वीडियो रात को मैंने ही बनाया था! लगभग आधा घंटे तक मिनी को तंग करने के लिए मैं टालमटोल करता रहा और उसके बाद मैंने उसे रात वाली सारी बात विस्तार से बता दी! तब उसके पूछने पर कि ऐसा करते हुए क्या मुझे शर्म नहीं आई थी, तो मैंने जवाब में कह दिया कि ना तो मैं नंगा था और ना ही मैं बैंगन से खेल रहा था, इसलिए मुझे क्यों शर्म आनी थी!
मेरी यह बात सुन कर वह चुप हो गई और मुझे उस वीडियो को कैमरे से मिटाने को कहा।
कहानी जारी रहेगी।
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कहानी का अगला भाग : बड़ी बहन का पोर्न वीडियो-2