भाभी की चूत की चटनी

प्रेषक : नीरव शाह
मेरा नाम नीरव है। मैं सुरेन्द्रनगर में रहता हूँ। मेरी उम्र 22 साल है। मैं कॉलेज में पढ़ाई करता हूँ। मेरी लंबाइ 5’8” है। मैं देखने में स्मार्ट और हैण्डसम हूँ। जब मैं कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था तो मैं एक किराए के मकान में रहता था और मेरे सामने वाले मकान में एक नया युगल रहने के लिए आया था। उसको देखते हुए ऐसा लगता था कि उनकी नई-नई शादी हुई थी।
भाभी का नाम प्रियंका था। उनकी उम्र करीब 24 साल थी। वो दिखने में सुन्दर थीं। उनकी फिगर 36-34-38 होगी। उसका पति चिराग कंपनी में जॉब करता था। वो सुबह जाता था और शाम को वापस आता था।
एक दिन जब वो दोनों रात को चुदाई कर रहे थे और उनके कमरे की लाइट ऑन थी, तो मैं अपनी खिड़की से छुपकर उन्हें देख रहा था। तभी अचानक भाभी की नजर मुझ पर गई और मुझे लगा कि शायद वो मुझे देख चुकी होंगी।
मेरी भाभी के साथ अच्छी बनती थी और मैं कभी-कभी उनके साथ समय बिताया करता था। थोड़े दिन के बाद मुझे भाभी अच्छी लगने लगी और उस दिन के बाद मैं हर दिन सोचता था कि एक दिन उनकी चुदाई करने का मौका मिल जाए। मैं हर रोज उनके नाम की मुठ्ठ मारा करता था।
तभी अचानक एक दिन भाभी के पति को कुछ काम के सिलसिले में 12-15 दिन के लिये बाहर जाना पड़ा। मेरे पास उनको अपनी दिल की बात बताने का यही सही मौका था। फिर दूसरे दिन मैं उनके घर गया तो मैंने देखा कि प्रियंका केवल ब्लाउज-पेटीकोट में टीवी देख रही थी। अचानक मुझे देख कर वो चौंक गई और बोली- इतनी रात को तुम्हें क्या काम है?
मैं थोड़ा घबरा गया और हिम्मत जुटाकर बोला- कुछ नहीं भाभी, मैंने सोचा आप अकेले बोर हो रही होंगी.. तो मैं आपके साथ बैठने चला आया।
फिर हम दोनों बातें करते-करते टीवी देख रहे थे। तभी मैंने देखा कि भाभी की चूचियाँ उनके ब्लाउज से साफ दिख रही थीं। यह देखकर मेरा 8 इंच का लन्ड सलामी देने लगा।
जब मैं उनकी चूचियाँ देख रहा था तो प्रियंका ने मुझे देखा और बोली- ऐसे तुम घूर-घूर के क्या देख रहे हो?
मैं घबरा गया, मुझसे कुछ बोलते नहीं बना और वहाँ से चला गया। दूसरे दिन मैं फिर से रात को वहाँ गया तो देखा कि भाभी नहा रही थी। मैं चुपके से देखने लगा। फिर वो नहा कर वापिस आई, तो मैंने देखा कि उसने सिर्फ अपना गाउन ही पहना हुआ था।
उसे देखकर अब मेरा लन्ड बेकाबू हो रहा था। अब वो चोदने के लिये तड़प रहा था। शायद भाभी भी यही चाहती थी कि ये कब मेरी चुदाई करे। अब मैंने हिम्मत जुटा कर भाभी को अपनी बाँहों में उठा लिया।
भाभी ने कहा- यह क्या कर रहे हो?
लेकिन उनकी इच्छा चुदवाने की ही थी.. सो उन्होंने ज्यादा विरोध नहीं किया। मैंने भी उसको छोड़ा नहीं और थोड़ी देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी। मैं उसको उठा कर बेडरूम में ले गया। फ़िर मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से 10-15 मिनट तक चूमा।
बाद में मैंने उनके कपड़े उतारना शुरू किए और उन्होंने भी मेरे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों नंगे हो चुके थे। मैं उनको जगह-जगह चूमने लगा और मैंने देखा कि वो लम्बी साँसें लेते हुए गरम हो रही थीं। उसने मेरा लन्ड पकड़ लिया और मुँह में लेने लगी।
अब मुझे भी मजा आ रहा था। मैंने देखा कि प्रियंका की चूत गीली और एकदम टाइट थी। शायद उसका पति उसे पूरा मज़ा नहीं दे पाता था। फ़िर मैं उसकी गुलाबी चूत को चाटने लगा और उसकी चूचियाँ मसलने लगा। मैं कभी उसकी चूत को चाटता तो कभी चूचियाँ। मैंने देखा कि अब वो पूरी तरह गरम हो चुकी थी।
“अब मुझे और मत तड़पाओ और कर दो मेरे चूत की चटनी।”
फ़िर मैंने उसके दोनों पैरों को ऊपर उठाया और लन्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। फ़िर मैंने अपना 8 इंच लम्बा लन्ड उसकी चूत में धीरे से डाला।
उसकी ‘आह’ सी निकली और वो बोली- धीरे से डालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
अब दूसरे धक्के में मैंने अपना पूरा लन्ड उसकी चूत मे डाल दिया और धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। थोड़ी देर के बाद वो मेरा पूरा साथ देने लगी और कहने लगी, “फ़ाड़ दो मेरी चूत… आज मुझे जी जान से चोद लो मेरे यार। तुम तो बहुत बड़े चूतिया हो.. मेरे पति ने भी मुझे कभी ऐसा मजा नहीं दिया।”
थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद प्रियंका झड़ गई और उसके बाद मैं भी झड़ गया और सारा माल उसकी चूत में डाल दिया और बाद में उसने मेरे लन्ड को मुँह में लेकर साफ़ कर दिया।
चुदाई करने के बाद हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे पर पड़े रहे और उस रात हमने 4 बार चुदाई की। जब तक उसका पति नहीं आया, तब तक हमने हर रोज जी भर के चुदाई की और जब भी मौका मिलता है तो हम दोनों चुदाई का मजा ले लेते हैं।
अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो मुझे जरुर ई-मेल करना। यह मेरी पहली कहानी है और मैं आपको ऐसी मस्त कहानियाँ देता रहूँगा।
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