बीवी की कामुकता सेक्स स्टोरी में एक भाभी अपने पति के दोस्त की दुल्हन की अन्तर्वासना जगा कर उसे उसकी पहली चुदाई के लिए मनाने की कोशिश कर रही है.
दोस्तो, आपने मेरी कहानी के दूसरे भाग
पति के सामने दोस्त से चुद गयी
में पढ़ा कि उमेश की दुल्हन ने सुहागरात को ही सेक्स करने से मना कर दिया था, उसे इस काम से डर लगता था. तो उमेश के दोस्त जुनैद की बीवी तबस्सुम ने उसे सेक्स के लिए तैयार करना शुरू किया.
अब आगे बीवी की कामुकता सेक्स स्टोरी:
तबस्सुम ने सानिया के हाथ अपने मम्मों पर रख लिए.
सानिया बोली- क्यों?
तबस्सुम बोली- मुझे आदत है.
सानिया मुस्कुराई और बोली- आपकी और क्या क्या आदत है दीदी, तुम तो बहुत बदमाश हो.
अब तबस्सुम ने उसका हाथ अपनी चिकनी चूत पर रख दिया.
सानिया ने झटके से अपना हाथ हटा दिया, बोली- दीदी, इतनी गन्दी जगह तुम हमारा हाथ क्यों रखवा रही हो और तुम्हारे वहां के बाल कहाँ गए?
तबस्सुम ने उसे प्यार से कहा- वहां के बाल मैं हमेशा साफ़ रखती हूँ, इससे एक तो गंदगी नहीं होती, बीमारी नहीं होती और तेरे जीजू को चूसने में अच्छा लगता है.
सानिया को ये सब अच्छा नहीं लग रहा था.
पर वह इन बातों को ध्यान से सुन रही थी.
तबस्सुम ने एक बार फिर उसका हाथ अपनी चूत पर रखा और सानिया से कहा- देख, हाथ फिरा, कितना अच्छा लगेगा, तुझे भी, मुझे भी. कल मैं तेरे बाल भी साफ़ कर दूँगी.
सानिया ने हाथ तो वहां से नहीं हटाया पर शर्मा कर तबस्सुम से चिपक गयी.
तबस्सुम ने उसके गालों पर चुम्बन लिया.
सानिया ने भी उसे चूमा.
अब तबस्सुम ने उसके होंठों पर अपने होंठ से चुम्बन लिया.
सानिया के होंठ थरथराये, फिर दोनों के होंठ मिल गए.
तबस्सुम ने उसे चिपटा कर सुला लिया.
सुबह उठकर सानिया ने तो अपनी नाईटी ही पहनी पर तबस्सुम ने अपनी शोर्ट नाईटी के ऊपर गाउन डाल लिया.
सानिया बोली- दीदी, तुम्हारे निपल के तीर नज़र आ रहे हैं!
तो तबस्सुम बोली- तू कहे तो गाउन उतार दूं, अच्छे से दिख जायेंगे.
दोनों हंस पड़ी.
उमेश बहुत खुश था सानिया को खुश देख कर.
दोनों ने सबके लिए चाय नाश्ता और खाना बनाकर उमेश और जुनैद को विदा किया.
अब तबस्सुम ने सानिया के पूरे शरीर की वेक्सिंग की.
चूत के बाल साफ़ करवाने में सानिया ने बहुत ना नुकुर की पर बाद में अपनी चिकनी चूत पर हाथ फिराकर सानिया को बहुत अच्छा लगा.
सानिया की रंगत बदलती जा रही थी.
एक दिन में ही वह क्या से क्या हो गयी.
उसने तबस्सुम को शर्माते हुए बताया- कल रात पहली बार मैं उमेश से चिपकी तो मुझे अच्छा लगा. पर जब उमेश सेक्स की बात करता है तो मुझे बहुत डर लगता है.
तबस्सुम ने उससे कहा- चल आज रात को एक ब्लू फिल्म देखेंगे.
सानिया शर्मा गयी.
तबस्सुम ने उससे कहा- मैं नहाने जा रही हूँ, उसके बाद तुम नहा लेना.
नहाने केबाद तबस्सुम ने देखा तो ध्यान आया कि वह अपना तौलिया तो बाहर ही भूल आई है.
उसने सानिया को आवाज़ देकर तौलिया पकडाने को कहा.
सानिया जब तौलिया लायी तो तबस्सुम को क्या सूझा उसने सानिया को अंदर खींच लिया.
इससे सानिया घबरा गयी, बोली- दीदी, क्या कर रही हो?
तबस्सुम कुछ नहीं बोली, बस मुस्कुराते हुए चिपटा लिया और शावर चालू कर दिया.
सानिया पूरी भीग गयी.
उसने कहा- ये क्या दीदी, सारे कपड़े भीग गए.
तबस्सुम बोली- तो उतार दे! मैंने भी तो उतार रखे हैं.
सानिया सकुचाई तो तबस्सुम ने उसकी नाईटी उतार दी. सानिया का जिस्म गर्म था, निगाहें नीचें.
तबस्सुम उसकी पीठ से चिपक गयी और हाथों से उसके मम्मे मसलने लगी.
ऊपर से पानी की बौछारें पड़ रही थीं.
अब सानिया भी बेकाबू होकर तबस्सुम से चिपट गयी.
तबस्सुम ने उसकी चिकनी चूत पर हाथ फेरते हुए अपनी एक उंगली उसकी फंकों के बीच घुसा दी.
सानिया कसमसाई पर उसे अच्छा लगा.
तबस्सुम ने उंगली की स्पीड बढ़ा दी और सानिया के दाने को मसल दिया.
अब सानिया का शरीर थरथरा रहा था.
उसने तबस्सुम की चूत में अपनी उंगली कर दी और लगी जोर जोर से अंदर बाहर करने.
अब सानिया की शर्म खुल चुकी थी.
दोनों चिपट कर नहायीं.
दिन उन दोनों का बतियाते और सोते में बीता.
शाम को जुनैद और उमेश के आने से पहले दोनों अच्छे से तैयार हुईं, घर संवारा और हल्का सा म्यूजिक चला लिया.
जुनैद समोसे लाया था, सबने मिलकर चाय पी.
उमेश को अपना घर स्वर्ग सा सुंदर लग रहा था और सानिया परी.
उसने तबस्सुम से एक और ले जाकर कहा- क्या आज रात को मैं सानिया के पास सो जाऊं?
तबस्सुम ने मना कर दिया, बोली- दो दिन और रुको, फिर हमेशा सोना.
उमेश ने उनको बताया- मुझे कम्पनी के काम से कल शाम को बाहर जाना है, परसों दोपहर तक आ जाऊंगा.
रात को तबस्सुम और सानिया जब बेड पर लेटी तो सानिया खुद बखुद तबस्सुम से लिपट गयी, बोली- दीदी आप बहुत अच्छी हो. आपके बूब्स कितने भारी हैं.
तबस्सुम ने कहा- जब उमेश इन्हें रोज़ चूसेगा तब ये भी भारी हो जायेंगे.
सानिया आँखों में आंसू लाकर बोली- सुहागरात को उमेश ने उसके साथ जबरदस्ती की थी, तब से वह सेक्स से डर गयी है. पर उसे तबस्सुम के साथ कुछ भी करने में बजाये डर के मजा आता है.
तबस्सुम समझ गयी कि उमेश ने उतावलेपन में सानिया को डरा दिया है.
तब तबस्सुम ने सानिया को समझाया कि वह उमेश को समझा देगी कि वह जबरदस्ती न करे.
पर सानिया कुछ सुनने को तैयार नहीं थी.
वह बोली- अगर उमेश ने उससे सेक्स के लिए कहा तो वह अपने मायके चली जायेगी.
तबस्सुम ने उसे चिपकाते हुए अपने मोबाइल पर एक ब्लू फिल्म चालू की.
सानिया बड़े ध्यान से वह फिल्म देख रही थी.
उसमें लड़के और लड़की बहुत मजे के साथ सेक्स कर रहे थे.
स्पीड धीमी और आनंद दोगुना.
सानिया गर्म हो रही थी फिल्म देखकर.
तबस्सुम ने उसकी चूत में उंगली करी तो वह पानी बहा रही थी.
सानिया ने अपने होंठ उसके होंठ से भिड़ा दिए.
तबस्सुम ने अपनी उंगली और गहराई तक करी और उसका दाना मसलने लगी.
सानिया कांप रही थी.
उसके होंठों का दबाब तबस्सुम के होंठों पर बढ़ रहा था.
फिल्म देखकर गर्म हुई सानिया अब तबस्सुम के ऊपर लेट गयी और अपने मम्मों से उसके मम्मे दबाने लगी.
दोनों एक दूसरे को कस के भींचे थीं.
तबस्सुम ने सानिया से कहा- अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा, मुझे तेरे जीजू का लंड चाहिए. मैं जा रही हूँ.
सानिया ने उसे कस के भींचे रखा, बोली- दीदी आप मत जाओ. मुझे भी लंड चाहिए पर उमेश को प्यार करना नहीं आता. मैं क्या करूँ?
तबस्सुम ने कहा- तूने कभी सेक्स किया नहीं है इसलिए डर रही है, एक बार कर लेगी तो डर जाता रहेगा.
पर सानिया उमेश के नाम से ही डर रही थी.
तबस्सुम ने उससे कहा- जुनैद ने तो सुहागरात पर बहुत आराम से किया था. और अब तो मैं खुद ही उसे बिना सेक्स किये सोने नहीं देती.
सानिया बोली- तुम नसीब वाली हो जो तुम्हें जीजू जैसा मिला है.
तबस्सुम हंस कर बोली- एक बार तू जुनैद से करवा ले तो तेरा डर ख़त्म हो जाएगा.
सानिया शर्मा गयी.
तबस्सुम ने उसे अपने से चिपटा कर सुला लिया.
अगले दिन उमेश तो अपना बैग लेकर गया क्योंकि उसे रात को नहीं आना था.
जुनैद के जाने के बाद तबस्सुम ने सानिया से कहा- चल नहा लें.
सानिया ने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुराती हुई अपना तौलिया लेकर बाथरूम में आ गयी.
तबस्सुम ने आते ही अपनी नाईटी उतार दी, देखा देखी सानिया ने भी उतार फेंकी.
दोनों निपट नंगी थीं.
अब कोई शर्म नहीं थी दोनों के बीच.
तबस्सुम ने पहले से ही बेसन का उबटन रखा हुआ था जो उसने सानिया की गोरे गोरे जिस्म पर मल दिया.
फिर सानिया से कहा कि वह उसके जिस्म पर मल दे.
सानिया ने उसके मम्मों पर जोर जोर से मला तो तबस्सुम हंस पड़ी बोली- आज रात को जुनैद से इसे ही मसलवाऊंगी तेरे मम्मे!
तो सानिया बोली- मैं नहीं करने वाली उनके साथ
दोनों आराम से रगड़ रगड़ कर नहा लीं.
तब तबस्सुम ने शावर का आगे फव्वारा खोल कर निकाल दिया.
अब शावर से पानी की मोटी धार निकल रही थी.
तबस्सुम उस धार के नीचे फर्श पर अपनी टांगें चौड़ा कर लेट गयी.
शावर की धार उसकी चूत पर पड़ रही थी.
तबस्सुम ने अपने हाथों से अपनी फांक चौड़ी कर ली.
अब मोटी धार उसकी चूत पर सीधी पड़ रही थी.
तबस्सुम को मज़ा आने लगा, वह बहक कर हांफने सी लगी.
सानिया हैरान थी कि दीदी ये क्या कर रही है.
तब तबस्सुम ने उससे कहा कि वह भी ऐसे ही लेट जाए और अपनी चूत की फांकों को खोल ले और पानी की धार पड़ने दे.
सानिया ने ऐसे ही किया.
उसे ऐसा लगने लगा जैसे कोई लंड अंदर घुस रहा है.
सानिया की चूत कुलबुलाने लगी.
वह भी हांफने-सी लगी और नीचे से उचकने लगी.
तबस्सुम ने उसके होंठों से होंठ भिड़ा दिए.
थोड़ी देर में दोनों की कामाग्नि कुछ शांत हुई तो हँसते हुए उन्होंने अपने बदन को पौंछा.
दोपहर को तबस्सुम ने फिर सानिया को टटोला कि वह आज रात जुनैद के साथ कर ले.
अब सानिया बोली- दीदी डर लगता है. और अगर जीजू बुरा मान गए तो?
तबस्सुम बोली- वह मेरी गारंटी है. पहले तो उसे पता ही नहीं चलेगा और जब तक पता चलेगा तब उसके बाप के भी बस का नहीं होगा अपने को रोकना!
सानिया हंस पड़ी.
तब सानिया ने फिर पूछा- और अगर कभी जीजू ने उमेश को बता दिया तो?
तबस्सुम बोली- अगर ऐसा हुआ तो तेरी खातिर मैं उमेश से चुदवा लूंगी, हिसाब बराबर.
सानिया ने खिलखिला कर चूम लिया तबस्सुम को और बोली- नहीं दीदी, हिम्मत नहीं पड रही मेरी सेक्स के लिए!
तबस्सुम बोली- चलो एक काम करते हैं, रात को तुम हमारे कमरे में नीचे गद्दे पर लेटना और सोने का नाटक करना.
मैं और जुनैद जब सेक्स करने लगें और तेरे को मन करे तो मेरी टांग खींच लेना नीचे से, बाकी मैं देख लूंगी.
सानिया चुप रही.
तबस्सुम ने उससे कहा- अब चुपचाप सो जा, आज रात को सोने में देर हो जायेगी.
शाम को जुनैद के आने पर तबस्सुम ने सानिया को चाय बनाने को कहा और खुद जुनैद के साथ कमरे में चली गयी.
वहां उसने जुनैद को अपनी योजना बताई.
रात को खाना खाकर तबस्सुम ने सानिया से कहा- तुम भी फ्रेश होकर हमारे कमरे में ही आ जाना, नीचे गद्दा लगा लेना और हमारे साथ ही सो जाना.
सानिया ने ना नुकुर भी की.
तो जुनैद ने हंसकर कहा- अकेले डर लगेगा, फिर भाग कर आएगी. आज मौसम खराब है, बिजली कड़केगी तो तुम्हें डर लगेगा.
सानिया तबस्सुम का हाथ पकड़कर उसे बाहर ले गयी और बोली- सो तो मैं जाऊंगी पर करुँगी कुछ नहीं! डर लगता है मुझे सेक्स से! और फिर अगर उमेश को मालूम पड़ गया तो?
तबस्सुम ने उसे चूमते हुए कहा- तेरा डर ही तो निकलना है. और उमेश की तू चिंता न कर मेरे रहते. बस इतना समझ ले कि वह कोई दूध का धुला नहीं है. वह और जुनैद आपस में खूब उलटा सीधा करते हैं, उसे मैंने ही सेक्स सिखाया है.
सानिया हंस पड़ी और नहाने चली गयी.
वह अपनी नाईटी पहन कर आई तो देखा कि बेड पर तबस्सुम छोटी नाईटी में जुनैद से चिपके लेटी है और टीवी देख रही है.
सानिया को देख कर तबस्सुम बोली- अभी तू भी ऊपर ही आ जा और फिर सोते समय नीचे सो जाना.
तो सानिया बोली- नहीं, मुझे नींद आ रही है, मैं नीचे सो रही हूँ.
तबस्सुम बोली- चलो हम भी सोते हैं और ऊपर बेड पर काफी जगह है, तू ऊपर ही सो जा.
कह कर तबस्सुम जुनैद से और चिपक गयी ताकि सानिया को पूरी जगह मिल जाए लेटने के लिए.
सानिया उसके बगल में लेट गयी.
तबस्सुम ने कमरे की लाईट और टी वी बंद कर दिया.
थोड़ी देर तक तो अँधेरे में तीनों हंसी मजाक करते रहे.
फिर सानिया का जवाब आना बंद हो गया तो तबस्सुम बोली- ये तो सो गयी, चलो हम भी सो जाते हैं.
जुनैद ने तबस्सुम को अपने से चिपटा लिया.
दोस्तो, इस बीवी की कामुकता सेक्स स्टोरी पर अपनी राय मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
धन्यवाद.
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