रवि चुदक्कड़
नमस्कार दोस्तो, सभी दोस्तों का धन्यवाद करता हूँ जिनको मेरी पहली कहानी ‘दिल्ली की यादें’ बहुत पसंद आई।
मुझे बहुत दोस्तों की मेल मिली और बहुत से दोस्त मेरी आने वाली कहानी के बारे में पूछने लगे तो मैं आज आपके लिए यह एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ, मेरे दोस्त ने मुझे उसके साथ हुई घटना को बताया है।
मेरे दोस्त का नाम राहुल है और वो एक टीचर है।
उसके साथ दो लेडीज टीचर हैं, जो उसके साथ ही काम करती हैं। उसके उन दोनों टीचर्स के साथ सेक्स सम्बन्ध हैं, और ये सबंध काफी पुराने चल रहे हैं।
मैं यहाँ यह बता दूँ कि उसके साथ काम करने वाली टीचर का नाम संजना है जिसके पति कैनेडा में हैं और दूसरी टीचर का नाम रेनू है जिसकी शादी को दो साल हो चुके हैं।
एक दिन उन दोनों ने उसे संजना के घर पर बुलाया।
सन्डे का दिन था, राहुल संजना के घर पर उनके बताये समय पर पहुँच गया और रेनू पहले से ही वहीं पर मौजूद थी।
संजना ने चाय बनाई एवं तीनों एक साथ बैठ कर चाये पीने लगे।
संजना बिल्कुल राहुल के पास सोफे पर बैठी थी और रेनू उसके बिल्कुल सामने।
वो तीनों नॉनवेज बातें करने लगे।
तभी रेनू ने कहा- अरे राहुल… संजना की आज बहुत तड़प रही है।
तो राहुल ने मुस्कराते हुए कहा- अब आगे भी बता दे कि क्या तड़प रही है?
रेनू- तुम खुद ही पूछ लो संजना से?
संजना- चल साली… मुझ से ज्यादा तो तेरी तड़प रही है!
राहुल- अरे सालियो, मुझे मालूम है तुम दोनों ही बहुत बेशर्म हो, फिर हम तो वैसे भी बहुत खुल चुके हैं अब थोड़ा और बेशर्म होकर बताओ न क्या तड़प रही है और किसकी तड़प रही है?
रेनू- वही, जिसकी तलाश तुम्हें रहती है।
राहुल- साली नाम लेकर बता न?
संजना- कुतिया, तू मुझे फ़ंसाने लगी है, चल पहले तेरी ही चुदवाती हूँ।
संजना ने यह कह कर रेनू की कमीज़ की पीछे वाली हुक खोल दी जिसके खुलते ही, उसकी कमीज़ ऊपर से खिसक गई और उसके वक्ष नंगे हो गए, रेनू के चूचों के ऊपर सफ़ेद रंग की ब्रा चमक रही थी।
राहुल ने उठ कर रेनू के उरोजों को पकड़ लिया और बोला- साली, पहले तो लगता है तेरी ही तड़प रही है मेरी कुतिया !
यह कहते हुए उसने उसकी ब्रा को हटा दिया और उसके उभारों पर चुम्बन करने लगा।
और संजना ने रेनू की कमीज़ को पकड़ कर उतारना शुरू किया, इधर राहुल की मस्ती बढ़ती जा रही थी, वो रेनू के चूचों को मसलता हुआ उसके होंठों पर किस करने लगा और तभी सामने से संजना ने आकर उनकी चूमाचाटी में हिस्सा लेना शुरु किया।
अब राहुल ने रेनू के होंठ छोड़ कर अपने होंठों में संजना के होंठ पकड़ लिए थे, एक हाथ से उसने संजना का मम्मा दबाना शुरू किया और दूसरे हाथ से रेनू का नंगा मम्मा दबाने लगा।
ऐसे करने से दोनों औरतें भी गर्म हो गई थीं।
रेनू ने आगे बढ़ कर राहुल की पेंट की जिप खोल दी और उसका लौड़ा बाहर निकाल दिया।
तभी संजना ने घूम कर राहुल का लौड़ा अपने हाथ में थाम लिया और फट से अपने मुँह में ले लिया।
और रेनू फिर से होंठ चुसवाने लगी।
इधर राहुल का लौड़ा गर्म हो चुका था।
संजना अपना थूक लगा कर लौड़े को गीला करके खूब मस्ती से चाट रही थी और लगतार उसे चूसे जा रही थी।
तभी रेनू ने भी अपने गर्म होंठ राहुल के होंठों से निकाले और उसके लौड़े के ऊपर लगा दिए।
अब दोनों औरतें राहुल के लौड़े को अपना थूक लगा लगा कर चूसे जा रही थी।
वो तीनों तो पहले से ही बहुत खुले थे इसलिए किसी को कोई परेशानी नहीं थी।
कभी कभी रेनू और संजना एक दूसरी के होंठों को किस भी कर लेतीं और फिर से अपने होंठ चूसवाने लगतीं।
ऐसे मस्तियाँ करते देख और अपना लंड चुसवाते हुए राहुल की उत्तेजना और भी बढ़ गई, उसने अधनंगी संजना को पकड़ा और उसकी पैंटी से खींच कर उसे पूरी तरह नंगी कर दिया, और रेनू जिसके शरीर पर सिर्फ पैंटी ही बाकी थी, को भी पूरी तरह नंगी कर दिया।
राहुल ने संजना को नीचे लिटाया और उसकी ऊपर रेनू को उल्टा कर दिया, अब रेनू और संजना के मुँह आपस की तरफ थे, और संजना एंव रेनू की चूतें बिल्कुल साथ साथ थी, और एक दूसरी के सामने थी।
अब राहुल ने अपना लौदा संजना की चूत के ऊपर रखकर झटका लगाया और लौड़ा सीधे संजना की चूत में लगा।
राहुल संजना को चोद रहा था।
चुदाई में ही राहुल ने एक झटके से अपना लौड़ा संजना की चूत से निकाल कर रेनू की चूत में डाल दिया।
रेनू की तो बैंड बज गई इस झटके से, तो संजना कहने लगी- देख साली कुतिया, पहल भी तूने ही की थी, अब चुद।
तभी संजना ने अपनी गांड हिलाई, तो राहुल को उसकी गांड देखकर रहा न गया, राहुल ने रेनू की चूत से लंड निकाला और संजना की गाण्ड में घुसा दिया।
पहले तो संजना को थोड़ा दर्द हुआ, परन्तु जब लौड़ा पूरी तरह गांड में समा गया तो उसे मज़ा आने लगा।
संजना को जब जोर का झटका लगा तो बोली- अरे मार देगा क्या आज? …आःह्ह्ह अह अह अह अह सी सीसी स्सीई सी सी सी इस इ..!
तो राहुल बोला- आज तेरी चूत और जवानी का मज़ा लूँगा साली, साली कुतिया, चुद… चुद यहीं पे चुदक्कड़ रांड चुद, ले इसे लौड़े को अपने अंदर..!
तभी रेनू भी उठ कर संजना के सामने खड़ी हो गई और अपनी चूत को उसके मुँह के पास कर दिया।
अब संजना रेनू की चूत चाट रही थी और रहुल उसकी गांड मार रहा था।
तभी रेनू की चूत का पानी संजना की चुसाई से छुटने लगा और रेणु के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी और वो ‘ऊननंआ ह्ह्ह हह्ह… आःह..अह्ह्ह… अआह उन्न्न सी सी सी सी अह अह अह अह अह हा ई ई आई ई आई आई… मैं मरी ब.ब..ब..बस बस ब.स ब..स ..चु…द..ग..ई… आह्ह्ह…!
करते हुए अपनी चूत से रस निकाल रही थी।
रेनू को देखकर राहुल और संजना भी झड़ने की कगार पर पहुँच गए थे।
तभी राहुल ने जल्दी से संजना की गांड से अपना लंड बहर निकाला और संजना की चूत में पेल दिया, अब संजना जोर जोर से राहुल के लंड से चुद रही थी।
राहुल ने संजना को अपने ऊपर कर लिया था। अब राहुल ने जोर जोर से झटके लगाने शुरू किये और राहुल ने अपना एक हाथ रेनू की चूत में डाल दिया, रेनू की चूत पूरी तरह गीली थी और राहुल उसकी चूत में से रस निकाल कर चाटने लगा था।
हर झटके में संजना को भी पूरा मज़ा आ रहा था, रेनू उन दोनों की मस्त चुदाई का यह खेल देखकर अभी भी अपनी चूत से रस छोड़ रही थी।
तभी संजना के सबर का प्याला भी फूट पड़ा, संजना ने कस कर राहुल को पकड़ लिया और जोर से ‘आ..ह्ह… आ.ह्ह सी.सी.. सी ..उ.ह. इ…ह ब.चा.ओ… मैं …गई.. आ.ह…अह.उई’ करती हुई अपनी चू.त से रस टपकाने लगी।
संजना की चूत का फव्वारा राहुल के लंड पर दबाव बनाने लगा और उसके लंड का जवालामुखी भी भड़क उठा, उसने भी एक साथ ही अपने लंड का रस संजना की चूत में छोड़ना शुरू कर दिया।
अब राहुल ने भी संजना को कस कर पकड़ा हुआ था और संजना और राहुल दोनों सब कुछ भूल कर अपने झड़ने का मज़ा ले रहे थे, रेनू उनके पास नंगी खड़ी उनका खेल देख रही थी।
जैसे ही दोनों अलग अलग हुए तो रेनू ने दोनों को किस की और दोनों ने आपस में भी एक किस की।
उसके थोड़ी देर बाद शुरू हुआ चुदाई का दूसरा राउंड रेनू के साथ!
अब रेनू की चूत में राहुल का लौड़ा था, राहुल नीचे लेटा हुआ था और रेनू उसके ऊपर से अपनी गांड को ऊपर करके उसके लंड को अपनी चूत में लेकर चुदवा रही थी।
रेनू के पीछे से संजना ने अपने हाथ की तीन उंगलियाँ रेनू की गांड में डाल दी जिससे रेनू को और मस्ती आने लगी थी।
रेनू तो डबल चुदाई का मज़ा ले रही थी, उसकी मस्ती से सिसकारियाँ निकल रही थी और पूरे कमरे में उसकी आवाजें गूंज रही थीं- ‘आ..ह.अ.ह.. अ.ह. चो..दो.. मुझे.आ.ह ..अ…ह. उ…ह.. सी..सी…सी..सी… औ.र..ते…ज… चो..दो…चोद… डा…लो… साली… संज..ना चु.द..वा.. दे… मु…झे. कु..ति.या.. हूँ..मैं…ते.री… आ..ह… आ.ह… सी.सी..सी…सी.. सी.. उ…ही. उ.ई…अ.ह..अ.ह..
ऐसी आवाजें निकाल कर वो मजेदार चुदाई का मज़ा लूट रही थी।
राहुल भी नीचे से पूरी तेजी से झटके लगा कर चोद रहा था।
राहुल ने रेनू की चूचियाँ भी अपने मुँह में ले रखीं थी और जोर-जोर से उसकी चूचियों को भी चूस रहा था।
इस बार समय कुछ ज्यादा ही लग गया था, राहुल ने रेनू को उल्टा किया और आप उसकी गांड के अंदर लंड डालने लगा, दो तीन झटकों में उसने रेनू की गांड फाड़ कर रख दी थी।
अब रेनू कराहने लगी थी और उसका सारा मज़ा दर्द में बदल गया था।
वैसे तो रेनू ने पहले भी गांड मरवाई थी, परन्तु संजना तो गांड मरवाने में माहिर थी इसलिए उसे इतना दर्द नहीं होता था।
संजना ने रेनू को थोड़ा होंसला देते हुए कहा- रुक मेरी प्यारी बहना, बस कुछ ही देर की बात है तुझे मज़ा ही मज़ा आएगा।
और साथ ही संजना रेनू की चूत को अपनी उँगलियों से सहलाने लगी, इससे रेनू को थोड़ी राहत मिली और संजना की बात से रेनू को कुछ हौंसला हुआ और उसने अपनी जीभ दांतों के नीचे दबा ली।
राहुल ने एक जोर का झटका लगया और उसका पूरा लौड़ा रेनू की गांड के अन्दर चला गया।
अब रेनू की चूत के ऊपर संजना की उँगलियाँ घूम रही थी, जिससे रेनू को काफी मज़ा आ रहा था।
संजना ने अपनी दो उँगलियाँ रेनू की चूत में डाल दी और उसके दाने को रगड़ने लगी।
इधर राहुल जोर जोर से झटके लगाकर रेनू की गांड मारने लगा, अब रेनू को फिर से मज़ा मिलना शुरू हो गया था, रेनू का मज़ा अब दुगना हो गया।
अब रेनू की चूत फिर से पानी छोड़ने लगी थी, इधर संजना का एक हाथ अपनी चूत में था और दूसरे से रेनू की चूत को खुजा रही थी।
राहुल भी संजना की चूत और चूचियों पे अपना एक हाथ फेर रहा था।
अब रेनू की चूत में एक सैलाब सा आ गया और उसने धार मारते हुए संजना का हाथ भिगो दिया।
इस बार पानी ऐसे निकल रहा था जैसे रेनू पेशाब कर रही हो।
राहुल ने ज़ल्दी से रेनू को संजना की चूचियां के ऊपर उल्टा कर दिया था और रेनू की चूत से निकल रहा सारा पानी संजना की चूचियों पर गिरने लगा था और तीनों के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी, पूरा कमरा उनकी सिसकारियों से गूंज रहा था- आह्ह.. ऊं.ह… उ…ह..आ.ह… आ…ई… आ…या…इ… आ…हुं…ह…ई.. ह्ह्हाआः… आ.ह…आह… आ..ह…उ.ई..उ.ई..सी…सि.सि.सि.. सि.सि.सी… सी. ..सी.सी…सी….ही… आई…ई..ऐ..ई ..ऐ…आ.इ… उ.ई…!
ऐसी आवाजें पूरे कमरे से आ रही थीं। रेनू की चूत से निकल रहे रस ने जैसे ही संजना को गर्म किया तो संजना की चूत ने अपने आप ही रस छोड़ दिया, क्योंकि काफी देर से राहुल की उंगलियाँ संजना की चूत का बैंड बजा रही थीं।
अब संजना और रेनू दोनों का गर्म रस निकलते हुए देखकर राहुल से भी रहा न गया और उसने भी अपने लौड़े को बाहर निकाला और रस की धार सीधी संजना के मुख पर मारी और रेनू ने भी ज़ल्दी से पासा पलट कर राहुल का झड़ रहा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और अपनी जीभ के ऊपर राहुल के लंड से गिर रहे रस की हर बूँद गिराने लगी।
संजना ने भी एक हाथ से लंड पकड़ा हुआ था और दूसरा हाथ अपनी चूत के ऊपर रखा हुआ था।
दोनों औरतें आज की चुदाई का मज़ा खूब मस्ती से ले रही थीं।
अब सभी का पानी निकल चुका था और सभी पस्त हो गए थे।
उसके बाद एक बार सभी ने वाशरूम में जाकर सफाई की और उसके बाद चाय पी।
चाये पीते वक्त भी सभी चुदाई की बातें करते रहे और फिर वो काफी देर तक स्टाइल बदल बदल कर चुदाई करते रहे।
आखिर तीनों बुरी तरह से थक गए और काफी बार सभी का छूट चुका था।
अब राहुल ने आखिरी बार अपना पानी निकाला और लण्ड से टपक रहा वीर्य सीधा संजना और रेनू के मम्मों पर गिर रहा था।
ऐसे उन्हें बहुत मस्त लगा।
आखिर वो सभी एक साथ नहाए और फिर सभी ने एक साथ खाना खाया।
और फिर किसी दिन चुदाई करने का वादा करके सभी ने एक दूसरे को चूमा और राहुल वापिस आ गया।
दोस्तो, यह थी मेरे दोस्त की एक कहानी जो मैंने बहुत ही शोर्ट तरीके से आपके बताई है।
मेरी कहानियाँ आपको कैसी लगती हैं, आप मुझे मेल करके जरूर बताना, मुझे आपकी मेल का इंतज़ार रहेगा।
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