बॉडी बिल्डर लड़के को पटाकर लंड चूसा

गे बॉय सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैं अपने PG में रहने वाले लड़के को पसंद करने लगा. मैंने उससे दोस्ती की और एक दिन मैं उसके कमरे में उसके लंड से खेल रहा था.

दोस्तो, मेरा नाम राहुल है. मेरी उम्र 25 साल है.

यह गे बॉय सेक्स कहानी 5 साल पुरानी तब की है, जब मैं स्नातक सेकंड ईयर का स्टूडेंट था.

वहां प्राइवेट पीजी में मेरे बाजू वाले कमरे में एक लड़का रहता था.
वह अभी मेडिकल के एंट्रेंस एग्जाम नीट की तैयारी कर रहा था.
उसको क्रिकेट और फुटबाल बहुत पसंद था.

वह मध्य प्रदेश के किसी गांव से आया था; वह किसी बड़े ठाकुर घराने का बेटा था.

उसका रंग सांवला सा जरूर था लेकिन उसकी स्किन पर बड़ी चमक थी.
ऐसे लगता था जैसे कोई बिना रैपर की फ्रेश चॉकलेट हो.
उसका कद 6 फीट से कुछ ज्यादा ही था; अच्छी कद काठी थी.

उसने अपनी बॉडी को जिम आदि करके काफी सुडौल कर रखा था, इसलिए लड़कियां उसके ज्यादा करीब आना चाहती थीं.
वो शरीर और रूप का धनी होते हुए भी बहुत सरल स्वभाव का था; लड़कियों से थोड़ा शर्माता था.

यहां लखनऊ की कई लड़कियां उसे प्रपोज कर चुकी थीं लेकिन वह शायद अभी पढ़ाई के कारण इस सबसे थोड़ा बच कर रहता था.
मगर बाद में उसके बारे में कुछ और जानकारी लगी तो मामला समझ में आया.

सेक्स कहानी में आगे आपको भी वह बात समझ आ जाएगी.

मैंने उसको पहली बार देखा तो भूल ही गया कि मैं लड़का हूं. मेरा दिल कहने लगा था कि काश ये मुझे मिल जाए तो क्या ही अच्छा हो.

मैं उसके करीब जाने लगा.
धीरे धीरे मैं उसका अच्छा दोस्त बन गया.

मेरी पढ़ाई अच्छी थी इसलिए वह मेरे साथ रहना ज्यादा पसंद करने लगा.
लेकिन उसे क्या पता था कि मैं उसके लंड का भूखा हूं.

तीन चार महीने बाद मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने रात को उससे कुछ बात करने के लिए बुलाया.
तब करीब 12 बज रहे थे.

वह करीब 20 मिनट बाद आया जबकि उसका कमरा बगल में ही था.

मैंने पूछा- इतनी देर क्यों लगा दी?
तो वह मुस्करा कर बोला- यार, जब तुमने मैसेज किया, तब मैं हिला रहा था.

मैंने जानबूझ कर पूछा- मतलब … मैं समझा नहीं?
तो वह बोला- अरे यार मुट्ठ मार रहा था.

मैंने ऐसे रिएक्ट किया, जैसे ये शब्द मैंने पहले कभी सुना नहीं, मैंने पूछा- ये मुट्ठ मारना क्या होता है?

वह बोला- अरे यार तुम ये भी नहीं जानते? जब लंड को हाथ से पकड़ कर आगे पीछे करके उसका सड़का निकालते हैं, उसको मुट्ठ मारना कहते हैं.

उसके मुँह से इतनी खुली बात सुनकर मेरा एकदम से ब्लड प्रेशर बढ़ गया.
मेरे सामने वह अपने लंड की बात कर रहा था और मुझे वही तो अपनी गांड में चाहिए था.

उस वक्त तो ऐसा लगा कि इस पर टूट पड़ूँ और इसके लंड को अपने मुँह में लेकर खूब चूसूँ.

लेकिन मैंने कंट्रोल किया और उससे कहा- तुम्हारे पास तो बहुत लड़कियां लाइन मारती हैं … तो मुट्ठ मारने की क्या जरूरत है. तुम चाहो तो चूत भी पा सकते हो.
तो वह हंस कर बोला- हां यार, लेकिन मुझे इधर किसी से सेक्स में नहीं फंसना. मैं अपने गांव की एक लड़की से प्यार करता हूँ.

उसकी ये वही बात थी, जो मुझे अब मालूम हुई थी.

मैंने कहा- अच्छा … अब ये बताओ कि कितने दिन में मुट्ठ मारते हो?
वह हंसने लगा और बोला- तुम तो यार … इसी बात पर अटक गए!

मैं बोला- अच्छा रहने दो यार!
तब तक वह बोला- एक दिन के गैप पर … और अक्सर सोने के पहले इसी टाइम हो जाता है.

मैंने कहा- ठीक है यार अब सुबह बात होगी, मैं सोने जा रहा.
वह गुड नाइट बोल कर चला गया.

मैंने सोचा आज इसने अपना लंड झाड़ा है मतलब अब ये परसों मुट्ठ मारेगा.
काश मैं उसी टाइम इसे सेक्स का ऑफर दे दूँ, तो शायद ये मेरे साथ सेक्स कर ही ले.
लेकिन यदि बुरा मान गया तो मुझसे बात भी नहीं करेगा.

मैंने सब कुछ किस्मत के सहारे छोड़ा और जब एक दिन छोड़ कर अगला दिन आया तो मैंने सोचा कि आज कोशिश करके रहूँगा.
जो होगा देखा जाएगा.

रात को साढ़े दस बजे ही मैं उसके रूम पर पहुंच गया.
मैं उस दिन घुमा फिरा कर सेक्स पर बात ले जा रहा था.

वह कुछ देर बाद बोला- यार, मुझे अब कुछ करना है, तुम जाओ!
मैंने पूछा- क्या करना है?

इस बात पर वह थोड़ा नाराज हो गया और बोला- यार हर बात बताना क्या जरूरी है, क्या तुम इसमें मेरी कोई मदद करोगे?
वह गुस्से में ही बोलता गया कि मुझे अपनी गर्लफ्रेंड से फोन सेक्स करके मुट्ठ मारना है बस!

मैं उसके पास जाकर बोला- तुम चाहो, तो मैं कुछ कर सकता हूं. एक बार ट्राई तो करो!
वह गुस्सा होकर बोला- यार, मुझे नहीं समझ आ रहा है कि तुम आज ये क्या बकवास कर रहे हो?

मैंने कहा- अच्छा सुनो. अगर तुम आंख बंद कर अपनी गर्लफ्रेंड से बात करो और तुम्हारा लंड चूत की तरह ही आनन्द पाए … साथ ही तुम्हें अपने लौड़े को हाथ भी न लगाना पड़े तो कैसा रहेगा?
तो वह हंस कर बोला- अरे तो चूत कहां है यहां … तुम्हारे पास है क्या?

मैंने कहा- तुम बस आंख बंद करके और लाइट ऑफ करके कुछ देर बात करो, फिर देखना.
उसे कुछ कुछ समझ में आ गया.
उसने यही किया.

करीब दस मिनट बाद मैंने उसका हाथ, जो वह ऊपर से अपने लंड पर फ़ेर रहा था, उसे हटा दिया और खुद अपने हाथ से उसके लंड को मसलने लगा था.
उसने मुझे रोका ही नहीं बल्कि एक बार हल्के से आंख खोल कर देखा और मुस्करा दिया.

उसने फिर से अपनी आंखें बंद कर लीं और अब वह बहुत गर्म हो गया था.
उसका लंड कड़क होने लगा था, जो उसकी पैंट के ऊपर से ही मुझे महसूस होने लगा था.

मैंने उसकी पैंट की जिप को खोल कर देखा, तो वह अंडरवियर भी नहीं पहने हुए था.

उसका लंड काफी बड़ा था.
मैंने छूकर देखा तो लगा कि इसे कहते हैं लौड़ा.

अपने गे बॉय जीवन में मैंने पहली बार इतना खुशी महसूस की थी.
मैंने तुरंत पोजीशन बनाई और बिना देरी किए उसका लंड मुँह में ले लिया.

वह ऊपर से देखने में बहुत स्टाइलिश रहता था लेकिन साला शायद अन्दर से लौड़े की सफ़ाई नहीं करता था.
उसके लंड से इतनी तेज महक आ रही थी कि मन खराब होने लगा था.
लेकिन उस समय इस बात को लेकर उससे कुछ भी बोलना ठीक नहीं था.

वह अपनी गर्लफ्रेंड से बात करते हुए मेरे सर पर हाथ फेर रहा था और लंड को उठा उठा कर मेरे मुँह में देने लगा था.

मैंने लंड को मुँह से निकाल कर उसकी तरफ देखा.
अभी मैं कुछ कहना चाहता ही था कि तभी उसने अपनी एक उंगली से मुझे इशारा किया कि बोलना मत.

उसने फिर से लंड की तरफ इशारा किया कि इसे चूस कर खुश करो.

दोस्तो, मैंने लगभग 20 मिनट तक उसके लंड को चूसा और उसके गोटों को भी चाटा.

अंत में वह झटके से उठा और उसने मुझे पलट दिया.

मैं कुछ समझ ही न पाया कि ये क्या करने वाला है.
तभी उसने अपना पूरा रस मेरे चेहरे पर निकाल दिया और गहरी सांस में हल्का सा हंसते हुए लेट गया.

मैं अपना मुँह पौंछ कर लज्जित सा बैठा था.

तभी उसने गुड बॉय कहते हुए फोन रख दिया और मुझसे बोला- आज तो मजा आ गया यार. सच में तुम बहुत मस्त चूसते हो. आज यहीं मेरे पास सो जाओ यार!

मैंने कहा- तुम्हें बुरा तो नहीं लगा?
वह हंसने लगा- अरे यार, मुझे तो चूत से ज्यादा मजा तुम्हारे मुँह को चोदने में आया. बस अब तुम किसी से इस बात को कहना मत. तुमसे तो कोई डर भी नहीं है. हालांकि तुमको लड़कियों की तरह फंसा तो नहीं सकता, लेकिन तब भी आज जिस तरह से तुमने लंड चूसा है ना … उसमें मजा आ गया. पोर्न में देखा था लेकिन पता नहीं था कि लंड चुसवाने में इतना मजा आता है. चलो अब सो जाते हैं.

मैं लेट गया, कुछ ही देर में गहरी नींद आ गई.

अगले दिन न जाने क्या हुआ कि उसने मुझसे कहा- अब तुम मुझसे बात मत करना.

मैं बहुत डर गया लेकिन फिर भी मैंने किसी तरह से उससे कुछ बात करने के लिए मना लिया.
उसने पूछा- ये सब कैसे किया तुमने … तुम तो एक लड़का हो यार!

मैं बोला- यार मैं गे हूं.
मैंने उसको सब समझाया.
तो वह बोला ठीक है … मैं तुम्हें अपना लंड दे सकता हूँ लेकिन कुछ शर्त पर.

मैंने सोचा कि अच्छा है शर्त के साथ दे रहा है … कम से कम दे तो देगा.
मैंने पूछा- क्या शर्त है?

वह बोला- पहली शर्त ये कि तुम इस बारे में कभी भी किसी से कुछ बताओगे नहीं. इसके लिए मुझे तुम्हारी लंड चूसते समय की फोटो लेना पड़ेगी ताकि तुम किसी से कहो, तो मैं तुम्हें एक्सपोज कर सकूं.
मैंने कहा- ठीक है.

वह बोला- दूसरी शर्त यह कि मुझे लड़कों में कोई रुचि नहीं है, इसलिए थोड़ा सा वाइल्ड या फिर गुस्सा से सेक्स करूंगा तो तुम्हें स्वीकार करना पड़ेगा.
मैंने इसमें भी हां कर दी.

तीसरी शर्त में वह बोला कि सेक्स में जो मेरा मन कहेगा, वह होगा … न कि तुम्हारे कहने से कुछ होगा!
मैंने इस पर भी हां कर दी.

फिर वह हंसा और बोला- ठीक है. यार एक बात और कि मैं रोज ही मुट्ठ मारता हूं. उस दिन मैंने झूठ बोला था कि एक दिन छोड़ कर एक दिन करता हूँ.
मैं उसकी तरफ देख रहा था.

वह फिर से बोल- समझे इसका मतलब?
मैंने कहा- नहीं!

वो बोला- मतलब हर 24 घंटे में एक बार लंड को तुम्हें खुश करना होगा.
मैं बोला- ठीक है.

वह मुस्कुराने लगा.

फिर मैंने कहा- यार मुझे भी कुछ कहना है.
वह बोला- क्या?

तो मैंने कहा- यार लंड थोड़ा साफ रखा करो, बहुत दुर्गंध आ रही थी.

इस पर वह हंस कर बोला- बेटा ये सब काम खुद ही संभाल लो. बाल साफ करना या लंड धोने का काम सब तुम्हें ही करना है … और हां अब गंध सूंघने की कुछ आदत भी डाल लो.

जब से मैंने उसका लंड चूसा, तब से वह बहुत बदल गया था.
उसके बाद से तो वह जैसे मुझे सेक्स के हिसाब से देखने लगा.

हम दोनों चुप थे.

वह बोला- ठीक है यार बहुत थका हूं थोड़ा सोने जा रहा हूँ, उठने के बाद आ जाना. मैंने मैसेज करूंगा तब आ जाना.

मैं बोला- ठीक है.
अब मैं अपने कमरे की तरफ चल दिया.

मैं रूम पर पहुंचा ही था कि उसने तुरंत मैसेज किया कि थका हूँ, तुम्हें मेरी मालिश करना है, तो आ जाओ!
मैं बोला- नहीं यार.

मैंने फोन रख दिया.
कुछ मिनट बाद वह खुद मेरे रूम में आ गया और बोला- यार, फिर से एक बार चूस दो, तब ही सो पाऊंगा.

मैंने शर्त के मुताबिक हां किया और काम पर लग गया.

बीच में देखा तो वह लंड चुसवाते हुए वीडियो बना रहा था.
जिसमें उसका चेहरा नहीं आने वाला था सिर्फ लंड की फ़ोटो आनी थी. बाकी मैं लंड चूसते हुए साफ दिखूँ … वह ऐसी वीडियो बना रहा था.

लंड चुसवाने के बाद उसने कहा- अब मालिश भी कर दो.
मैं कुछ नहीं बोला.

उसने किस करके कहा कि मर्द की सेवा करो, तुम्हें भी मजा मिलेगा.
उसके किस से मैं खुद को कंट्रोल नहीं कर पाया और मैंने मन लगा कर उसकी मालिश की.

वह मेरे कमरे में ही सोने लगा था, फिर अचानक से उठा और बोला- अब अकेले में मुझे नाम से मत बुलाना. ठाकुर साहब या मालिक कहना. मुझे यही पसंद है.
मैंने हां में सर हिला दिया और वह बाहर चला गया.

जाते जाते उसने कहा- आज रात को हम दोनों सुहागरात मनाएंगे. मैं कमरा सजवाने का इंतजाम करता हूँ. तुम मेरी दुल्हन बन कर और सज धज कर रेडी रहना. आज रात तुम्हारी गांड चुदाई की जाएगी.
मैंने खुश होकर हां में सर हिला दिया.

तो दोस्तो, अगली गे बॉय सेक्स कहानी में मैं लिखूँगा कि किस तरह ठाकुर साहब का लंड मेरी गांड में घुसा और क्या क्या हुआ.

आप मेरी गे बॉय सेक्स कहानी पर अपने विचार जरूर बताएं.
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