इंडियन वर्जिन चूत का मजा मुझे दिया मेरी नयी नयी बनी गर्लफ्रेंड ने! वह मेरे घर के पास रहती थी और बेहद सेक्सी माल थी. वह कैसे मेरे लंड के नीचे आई, इस कहानी में!
नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम दिनेश है और मैं राजस्थान के जयपुर में रहता हूँ.
मैं दिखने में एकदम हीरो जैसा हूँ.
मेरी हाईट 6 फीट है और लंड की साइज़ मस्त है, ये 6 इंच लंबा व 3 इंच मोटाई वाला सख्त दंड सा है.
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं और यहां पर मेरी ये पहली इंडियन वर्जिन चूत सेक्स कहानी है.
मेरी गर्लफ्रेंड का बदला हुआ नाम विद्या है. उसके जिस्म की साइज़ 32-28-34 की है. वह दिखने में काफी खूबसूरत है.
हर कोई उससे दोस्ती करना चाहता था लेकिन वह किसी को घास नहीं डालती थी.
मुझे भी वह बेहद खूबसूरत और मनमोहिनी लगती थी; उसकी चंचल आंखों को देख कर मैं मदहोश हो जाता था.
मैंने उसे कई बार देख कर अपना लंड सहलाया था और पहला मौका मिलते ही अपने लंड को हिलाया भी था.
कई बार ऐसा भी हुआ कि मैं जब उसे देख रहा होता था, तब उसकी नजरें भी मेरी नजरों से टकरा जाती थीं.
मैं झट से अपनी नजरों को झुका लेता था कि कहीं वह मुझे कुछ बुरा भला न कह दे.
बार बार ऐसा भी लगने लगा था कि आगे बढ़ कर उससे अपने दिल की बात कह दूँ.
पर मैंने कुछ लड़कों के प्रपोजल का अंजाम सुना था कि उसने बेहद बुरी तरह से उन्हें झिड़क दिया था, तो मेरी हिम्मत जबाव दे जाती थी.
फिर एक दिन उसने मुझसे हैलो कहा.
मैं सकपका सा गया और मैंने हकलाते हुए उससे हैलो कहा.
वह मेरे हैलो कहने के अंदाज पर हंस पड़ी और बोली- मुझसे दोस्ती करोगे?
मैंने उसकी तरफ हैरानी से देखा कि आज इसे क्या हुआ?
तभी उसने हाथ बढ़ा दिया और मेरे हाथ को अपने हाथ में लेते हुए प्रपोज कर दिया ‘क्या मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन सकती हूँ?’
उसकी मीठी सी आवाज ने मेरे कानों में मानो शहद घोल दिया था.
मैंने उसकी हथेली को गर्मजोशी से दबाते हुए हां कर दी.
उसकी तरफ से प्रपोजल आया देख कर मेरी तो मानो लॉटरी निकल गई थी.
हम दोनों ही बहुत खुश थे.
मैंने उससे कहा भी कि यह प्रपोजल तो मेरी तरफ से होना चाहिए था.
वह हंसी और बोली- हां, मैं काफी समय से इंतजार कर रही थी कि तुम अब कहोगे, तब कहोगे … पर जब तुमने नहीं कहा … तो मैंने ही कह दिया.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर प्रपोजल के अंदाज में सॉरी भी बोला और कहा- मैं डरता था कि कहीं तुम इंकार न कर दो.
अब वह मुझसे प्यार करने लगी थी तो हम दोनों की बातें होने लगी थीं.
फोन पर भी हमारी बात होने लगी थी.
मैंने उससे कहीं अकेले में मिलने के लिए बोला.
तो पहले तो उसने मना कर दिया लेकिन मेरे बार बार कहने से वह मिलने के लिए तैयार हो गई.
मैंने उससे मिलने की जगह पूछी तो उसने मुझे अपने घर पर ही आने का कह दिया.
उसने जब मुझे अपने घर आने का कहा तो मैं एक बार को तो घबरा गया कि उसके घर वाले मेरे बारे में मुझसे पूछेंगे, तो मैं उन्हें क्या जवाब दूंगा.
मेरी इस शंका को सुनकर उसने हंसते हुए कहा- अरे कुछ नहीं होगा, बस तुम हिम्मत से खड़े रहना और कह देना कि तुम मुझे प्यार करते हो और मुझसे अकेले में मिलने आए हो.
मैं उसकी हंसी देख कर समझ गया कि ये मुझसे मजाक कर रही है.
मैंने कहा- मतलब तुम मुझे पिटवाने की स्कीम समझा रही हो!
उसने हंसते हुए कहा- नहीं यार तुम भी पूरे चिलगोजे हो. अरे जब मैं तुम्हें अपने घर बुला रही हूँ … तो पहले पूरा प्लान तो सुन लेते!
मैंने उसकी तरफ सवालिया नजरों से देखा तो वह बोली- रात के अंधेरे में चुपके से छत पर आ जाना.
मैं उसकी बात सुनकर खुश हो गया कि अब तो मामला सीधा धकापेल वाला लग रहा है.
मैं तो इसे सिर्फ चूमाचाटी के लिए मिलने के लिए कह रहा था और ये तो खुद ही चुदने के लिए मरी जा रही है.
प्लान तय हुआ और मैं रात के 11 बजे उसके मकान की खिड़की से उसकी छत पर चढ़ गया.
यह मेरी पहली चुदाई होने वाली थी, तो मैं भी काफी उत्तेजित था.
छत पर मुलाकात करने की बात हुई थी तो मैं छत पर आ गया था और मुंडेर से नीचे सर किए हुए बैठा उसके आने का इंतजार कर रहा था.
ये सर्दियों के दिन थे तो ठंड से गांड फट रही थी लेकिन चूत के चक्कर में सब कुछ सह लिया था.
दस मिनट बाद वह आई और मुझे देख कर छत के एक कोने की तरफ चली गई.
उधर नीचे से ऊपर आने वाले जीने की दीवार बनी थी, जिसकी वजह से आड़ बन गई थी.
मैं भी उसी तरफ चला गया.
उसके करीब पहुंचते ही पहले तो मैंने उसे गले लगाया और उसकी बांहों की गर्मी का अहसास करने लगा.
वह भी मेरे सीने से लिपट गई थी.
फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा.
पहले तो उसने मेरा साथ नहीं दिया, फिर वह भी मेरे होंठों पर किस करने लगी.
अब मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके मम्मों पर रखा तो उसने मेरा हाथ हटा दिया.
लेकिन मैंने दुबारा से उसकी चूचियों को सहलाया तो इस बार उसने कुछ नहीं कहा.
मैंने अब उसकी कुर्ती ऊपर कर दी और ब्रा से उसके मम्मे बाहर निकाल लिए.
वह कुछ नहीं कह रही थी तो मैं उसके एक दूध को चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा.
इससे वह थोड़ी ही देर में गर्म हो गई.
वह बोली- लेट जाते हैं.
मैंने कहा- कुछ बिछाने को है क्या?
वह बोली- हां, मैंने शाम को दो बोरा लाकर रख दिए थे.
मैंने बोरा बिछाए और उसे लेटा दिया.
उसने बोरा पर लेट कर अपनी टांगें फैला कर मेरी तरफ देखा.
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके मम्मे चूसने लगा.
मम्मे चूसते चूसते मैं उसके पेट पर आ गया और उसकी नाभि चाटने लगा.
वह भी मेरे लंड को टटोलने लगी थी तो मैंने समझ लिया कि लौंडिया गर्म हो गई है.
मैंने हाथ नीचे को बढ़ाया और उसके पजामा का नाड़ा खोल दिया.
वह मुझे रोकने लगी.
लेकिन मुझे मालूम था कि ये खुद चुदने को मरी जा रही है; सिर्फ नाटक कर रही है.
मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसे किस करने लगा.
फिर मैंने अपने दोनों हाथ उसकी पैंटी में डाल दिए जिसको वह निकालने के लिए बोलने लगी.
लेकिन मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी पैंटी उसके घुटनों तक सरका दी और उसकी चूत पर मुँह रख दिया.
वह एकदम से सिहर गई और मेरे सर को हटाने लगी.
मैं नहीं माना और उसकी इंडियन वर्जिन चूत चाटने लगा.
इससे वह गर्म होने लगी और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी.
अब मैंने भी अपनी पैंट और अंडरवियर निकाल दी और खुल कर चूत चाटने लगा.
कुछ मिनट तक चूत चाटने के बाद मैंने उसकी पैंटी घुटनों से निकाल कर बाजू में रख दी और अपना लंड उसकी चूत पर घिसने लगा.
मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसाना चाहा.
लेकिन उसका भी पहली बार था और मैं भी चुदाई का कच्चा खिलाड़ी था तो घुस नहीं पाया.
फिर मैंने अपने लंड पर बहुत सारा थूक लगाया और उसकी चूत के मुख पर रख कर तेज से धक्का दिया तो मेरा आगे का टॉप उसकी इंडियन वर्जिन चूत में घुस गया.
उसकी चीख निकलने वाली थी लेकिन मैंने अपना मुँह उसके मुँह पर रख दिया और उसकी आवाज मुँह के अन्दर ही रह गई.
मैंने एक और जोर से धक्का मारा, तो मेरे आधा लंड उसकी चूत में जा चुका था.
वह रो रही थी और मुझे हटाने की नाकामयाब कोशिश कर रही थी.
लेकिन मैं कहां हटने वाला था.
मैंने एक और तेज से झटका मारा और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था.
उसकी चूत से खून निकल रहा था और वह बेहोश हो गई थी.
उसके बेहोश होते ही मेरी तो मानो गांड ही फट गई थी.
मैं घबराहट के मारे कुछ मिनट तक उसको किस करता रहा.
फिर वह होश में आ गई, तब जाकर मुझे चैन पड़ा.
अब मैंने उससे पूछा- क्या हुआ था?
वह कुछ नहीं बोली और जवाब में अपनी गांड हिलाने लगी.
उसकी गांड हिलने से मुझे समझ आ गया कि अब इसको मजा आ रहा है.
मैंने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए.
लेकिन वह अभी भी सही से मेरा साथ नहीं दे रही थी.
उसके हाथ मेरे सीने पर अड़ कर मुझे रोकने लगे थे.
मैं वापस उसे चूमने लगा और उसके होंठों को अपने होंठों से खाने सा लगा.
उसी दरमियान उसने मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी.
एक साथ दो जगह मेरे अंग उसके अन्दर घुसे हुए थे.
नीचे चूत में लंड था और ऊपर मुँह में जीभ घुसी हुई थी.
यूं ही कुछ मिनट बाद मेरा लंड अन्दर ही अन्दर फूलने लगा जिससे उसकी चूत में भी कसावट बढ़ती सी महसूस होने लगी थी.
एक दो मिनट बाद मैंने धक्के देने शुरू किए तो वह मेरे लौड़े से मजा लेने लगी और अगले कुछ ही पलों बाद उसने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर से लपेट दीं.
अब वह खुद से अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी, साथ ही उसकी कामुक आवाजें भी मुझे गर्म करने लगी थीं.
मैं समझ गया कि अब इसे भी भरपूर मजा आ रहा है.
मैंने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी.
हम दोनों का मजा बढ़ने लगा.
वह बेहद उत्तेजना में आ गई थी और मेरी गर्दन को चूमती हुई काटने सी लगी थी.
मुझे वे पल इतने ज्यादा सुखद लग रहे थे कि क्या ही लिखूँ.
सर्द मौसम का बाल बराबर भी अहसास नहीं हो रहा था.
फिर 5 मिनट बाद वह अपने बदन को अकड़ाती हुई झड़ गई.
अभी मेरा काम नहीं हुआ था तो मैंने तेजी से धक्के लगाने चालू कर दिए.
अगले 20 से 25 धक्कों के बाद मैं भी झड़ने को तैयार था.
उस वक्त मैं अपने पूरे होश में था.
मैंने जल्दी से लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और उसके पेट पर अपना वीर्य निकाल दिया.
मेरी तेज तेज चलती सांसों को वह बड़ी ही प्यारी नजर से देख रही थी और मेरे सीने पर अपने हाथ को फेर रही थी.
शायद उसे मेरा जोश में होश न खोना बेहद पसंद आया था.
अब मैं उसके बाजू में लेट गया था.
छत पर चल रही ठंडी हवा हम दोनों को बेहद सुकून दे रही थी.
कुछ मिनट तक हम दोनों वहीं पड़े रहे और फिर दोनों ने कपड़े पहन कर एक दूसरे को किस किया.
वह उठने की कोशिश करने लगी तो उससे खड़ी नहीं हुआ जा रहा था.
मैंने उसको सहारा देकर उठाया और उसके लाख मना करने पर भी मैं उसे उसके रूम के सामने छोड़ कर छत से उतर कर वापस नीचे सड़क पर आ गया.
उसके बाद उसने मुझे मिलने नहीं बुलाया.
अभी फिलहाल हाथ से ही काम चलाना पड़ता है.
दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी इंडियन वर्जिन चूत की कहानी … प्लीज जरूर बताएं.
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