ब्रो सिस इन्फैचुएशन स्टोरी में पढ़ें कि नशे में फुफेरे भाई बहन सेक्स की अगली सुबह जब नशा उतरा तो दोनों ने एक दूसरे के प्रति अपनी वासनात्मक सोच का इजहार किया.
अन्तर्वासना के प्रबुद्ध पाठकों को एक बार फिर मेरा नमस्कार!
मेरी प्रथम शृंखला
लॉकडाउन में वासना का ज्वार
के लिए आपके बहुत सारे ईमेल आये.
अधिकतर पाठकों की भरपूर प्रशंसा मिली.
पात्रों का विस्तृत चरित्र-चित्रण, माहौल का भाव-रस, परिवेश की डिटेलिंग और लेखन-शैली की गुणवत्ता के साथ कुछ समर्पित पाठकों ने यह भी कहा कि उन्हें मेरी रचना अन्तर्वासना की उच्चतम कहानियों में से एक लगी.
आपकी प्रशंसा और प्रोत्साहन के लिए तहेदिल से धन्यवाद!
कुछ पाठकों ने कहा कि उनको कहानी थोड़ी धीमी लगी.
विनम्रता से आपको ये बताना चाहता हूँ कि ये व्याख्यान कोई कपोल-कल्पित कहानी नहीं अपितु मेरे सत्य अनुभव का लिखित विवरण है.
अतः मेरी रचना एक सामान्य सेक्स कहानी से थोड़ा हटकर है.
पिछली शृंखला में कथानक विस्तृत रखना आवश्यक था ताकि पाठक को वह समय, माहौल, पात्रों की पृष्ठभूमि, उनके अंदरूनी विचार, मानसिकता और पहली रात तक पहुँचने के सफ़र की झलक मिल सके.
यदि आपको फिर भी संदेह है और आप नार्मल सेक्स कहानी ही ढूंढ रहे हैं तो आप स्वेच्छा से अन्तर्वासना पर मौजूद अन्य सैकड़ों कहानियों का आनन्द उठा सकते हैं.
किन्तु फिर भी आपसे अनुरोध करूँगा कि एक बार यह शृंखला पढ़कर देखिये, मज़ा आएगा.
अधिकतर पाठकों ने पिछली कहानी के क्रमांश में ही आगे बढ़ते हुए अगले दिन की घटनाएँ जानने की इच्छा व्यक्त की.
अतः आप सबके आग्रह पर कथानक अगली सुबह से अगली सुबह से पुनः आरम्भ करता हूँ.
अब तक आपने पढ़ा कि शुक्रवार की रात को नशे में धुत्त मैं और दीदी, चुदाई के दूसरे राउंड के बाद, लगभग सुबह के चार बजे मेरे बिस्तर में घुसकर, एक दूसरे से चिपककर नंगे ही सो गए थे.
दीदी यानि मेरी कानपुर बाली बुआ की युवा बेटी मोनी, जिसका पूरा नाम मोनिका भारद्वाज है, मुझसे तीन साल बड़ी है.
अब आगे ब्रो सिस इन्फैचुएशन स्टोरी:
सुबह मेरी हल्की-सी नींद खुली, घड़ी में साढ़े आठ बज रहे थे.
मोनी अपना सर मेरे कंधे पर रखकर, घुटने मोड़कर एक टांग मेरे ऊपर रखकर, मेरे सीने पर हाथ रखके मुझसे चिपककर गहरी नींद में सो रही थी.
हम दोनों एक ही कम्फर्टर ओढ़े हुए थे.
मैं भी बिना कुछ ज़्यादा सोचे उस नींद का आनन्द लेने पुनः सो गया.
फिर पता नहीं कब मेरी नींद खुली, मैंने घड़ी में समय देखा.
सुबह के साढ़े ग्यारह बज रहे थे.
मैं बिस्तर में कम्फर्टर के अंदर पूरा नंगा था, एसी चालू था.
किन्तु मोनी मेरे बगल में नहीं थी, शायद वह पहले ही उठकर जा चुकी थी.
उठने के बाद मेरे दिमाग में पिछली रात का पूरा काण्ड एक बार रीप्ले हुआ.
रात में गांजा पीकर हम दोनों पर जो हवस चढ़ी थी, उसमें हम दोनों ने वह शर्मनाक हरकत की थी जिसने भाई-बहन के रिश्ते की मर्यादा को शर्मसार कर दिया था.
मैंने और मोनी ने पिछली रात बेशर्मी से सेक्स का भरपूर आनन्द उठाया था.
मैं लड़कियों को लेकर आमतौर पर थोड़ा सतर्क रहता हूँ इसलिए एक पल को सोचने लगा कि मोनी से जाकर कैसे और क्या बात करूँ; कल रात के बारे में वह क्या बोलेगी? आखिर लड़की ही है, कोई भरोसा नहीं. क्या पता कुछ उल्टा पुल्टा बोले?
लेकिन आख़िरकार मोनी मेरी बहन थी, इसलिए भरोसे का पलड़ा थोड़ा भारी हुआ कि नहीं नहीं, मज़े तो उसने भी पूरे लिए, कुछ उल्टा नहीं होगा, पॉजिटिव रह बेटे नीलेश. जाकर एकदम नार्मल बात कर.
मैंने एक लम्बी अंगड़ाई ली और उठकर अपना बॉक्सर पहना.
मोनी की ब्रा कमरे के फर्श पर पड़ी थी.
मैंने बालकनी में झांककर देखा, उसकी बरगंडी मिनी स्कर्ट वहां फर्श पर बड़ी हुई थी, और सोफे पर था उसका टॉप, बिलकुल वहीं जहाँ मैंने उतार के फेंका था.
एसी बंद करके मैं कमरे से बाहर निकला तो देखा मोनी किचन में चाय बना रही है.
उसने वही टी-शर्ट पहन रखी थी जो रात में पहली चुदाई के बाद कॉफ़ी बनाते समय उसने पहनी थी.
टी-शर्ट से मोनी की सत्तर प्रतिशत नंगी गदरायी जांघें नुमाया हो रही थीं.
उसकी पीठ मेरी तरफ थी.
मेरे आने की आहट पाकर मोनी पलटी, उसकी शकल और बिखरे बाल देखकर साफ़ पता चल रहा था कि वह भी ज़्यादा पहले नहीं उठी थी.
अचानक से उसने धीमी आवाज़ में बोला- उठ गया तू … चाय पियेगा?
मोनी ने इतने आराम से बोला कि लगा ही नहीं कल रात कुछ हुआ भी है.
मैं भी सुनकर रिलैक्स हो गया.
मैंने बिना कुछ बोले गर्दन हिलाकर हाँ कहा और अपनी आंखें मलते एक और अंगड़ाई लेकर आराम से पूछा- कब उठी?
“आधा घंटा हुआ होगा … तू गहरी नींद में था इसलिए डिस्टर्ब नहीं किया!”
यह कहकर मोनी ने चाय को दो बड़े कप में छान दिया और दोनों कप उठाकर लिविंग रूम में सोफे की ओर बढ़ी.
मैं भी पीछे-पीछे सोफे पर जा बैठा.
जब तक मैंने चाय का पहला घूंट लिया, मोनी ने टेबल पर पड़ी डिब्बी में से एक सिगरेट निकालकर सुलगायी और दो गहरे कश खींचे.
इससे पहले मैं कुछ कहता, मोनी ने मुझे जलती हुई सिगरेट पास की और बोली- देख नीलू, मैं जानती हूँ तेरे दिमाग में कल रात को सोचकर अभी बहुत कुछ चल रहा होगा. लेकिन हमने सही किया या गलत, यह जज करने से पहले मैं तुझसे कुछ कहना चाहती हूँ.
मोनी ने एक गहरी सांस लेकर कहा- कल रात जो चरम सुख तूने मुझे दिया, वह आज तक शायद मेरे किसी बॉयफ्रेंड ने भी नहीं दिया. तेरे सीने पर सर रखकर कल रात मैं जिस सुकून के साथ सोई हूँ, ऐसी गहरी आनन्दभरी नींद मुझे न जाने कितने समय बाद आयी है. अगर तू चाहे तो सारी बात हमारे बीच रहेगी, यहाँ हम दोनों ही हैं बस. तू ज़्यादा मत सोचना इसको लेकर!
उसके ऐसा कहने के साथ ही मेरे अंदर की आखिरी एक प्रतिशत शंका भी ख़त्म हो चुकी थी.
मैंने सिगरेट से कश खींचकर कहा- दीदी, फालतू इतनी टेंशन मत लो. मैं बहुत ओपन-माइंडेड और मॉडर्न हूँ. सच कहूँ तो मुझे भी कल रात बहुत मज़ा आया. अब जब साथ ही रहना है तो हमें खुलकर बात करनी चाहिए!
मोनी मेरी बातें सुनकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी.
वह तपाक से बोली- चल फिर बता, तू मुझे कबसे लाइक करता है?
मैंने चाय पीते हुए सिगरेट बढ़ाई और कहा- 2013 से दीदी … जब मैं बारहवीं पास करके आपके घर आया था कुछ दिन के लिए छुट्टियों में!
मैं उस वक़्त 18-19 का रहा होऊंगा और आप करीब 22-23 की. उस वक़्त पहली बार मेरे मन में आपके लिए सेक्सुअल थॉट्स आये. खैर, उस टाइम तो मैं छोटा था. अब आप भी बताओ, आप मुझे कब से पसंद करती हो?
मोनी ने सिगरेट से एक कश लिया और बोली- तीन-चार साल पहले रोहित (कजिन) की शादी में जहाँ हम मिले थे. उस टाइम तू कॉलेज में था और जवान होने लगा था. तब पहली बार मेरे मन में तेरे लिए चिंगारी भड़की. व्हाट्सप्प वगैरह पर यदा कदा तेरे स्टेटस देखती थी. लेकिन फिर तू अपनी लाइफ में बिजी था!
सिगरेट बढ़ाते हुए मोनी ने आगे कहा- जिस दिन मैं यहाँ अपना सामान लेकर आयी और तू नीचे आया, मैं तुझे देखती ही रह गयी … तेरी हाइट, तेरा गठीला बदन, मजबूत कंधे और चौड़ा सीना देखकर मेरे अरमान फिर से भड़क उठे. उस पर तेरी स्ट्रांग पर्सनालिटी, तेरा करियर और तेरी लाइफस्टाइल देखकर मैं दीवानी हो गयी!
वह आगे बोली- जब तेरे सामने छोटे कपड़े पहनती थी तो देखती थी कि तू भी मुझे चेक-आउट करता है. खासकर मेरी चिकनी टांगों को … पर आगे बढ़ने से थोड़ा संकोच करता है … लेकिन उस दिन जब मैं बाथरूम में अपने कपड़े धोने के लिए गयी, मेरी गन्दी पैंटी में तेरी हरकत देखकर मैं सब समझ गई.
मैंने सिगरेट ख़त्म करते हुए ऐश-ट्रे में डालते हुए कहा- दीदी, मेरी नीयत तो आपको तभी देखकर डोल गयी थी जब आप कैब से उतरी थी, आपका गदराया बदन देखकर मैंने सोचा था ज़्यादा से ज़्यादा आँखें सेक लूंगा. लेकिन साथ रहते हुए मेरे भी हॉर्मोन उफान मारने लगे. बची खुची असर आपकी पैंटी की गंध और स्वाद ने कर दिया. मैं खुद पर कण्ट्रोल ही नहीं रख पाया.
मोनी मुझे काटते हुए बोली- सच कहूँ नीलू … मैं अपनी उस पैंटी की हालत देखकर बहुत गर्म हो गयी थी. तूने मेरा पूरा डिस्चार्ज चाट डाला था और उसकी जगह अपनी सफ़ेद मलाई छोड़ गया था. इतनी गाढ़ी मलाई देखकर मुझसे भी कण्ट्रोल नहीं हुआ और मैं वह पूरी चाट गयी. उफ्फ नीलू, तेरी मलाई के स्वाद ने मुझे पागल कर दिया था. तब बस मैं इंतज़ार कर रही थी कब वह मौका आएगा जब तू मुझे अपनी आगोश में लेगा.
मैंने कहा- मौके का इंतज़ार तो मैं कर रहा था दीदी! लेकिन सोचा नहीं था कि मौका इतनी जल्दी मिल जाएगा. डी यू की इतनी सेक्सी लड़की, रात के साढ़े-बारह बजे मेरे रूम में माल फूंकने आये, वह भी इतनी छोटी स्कर्ट में. ऐसा मौका कभी न जाने दूँ मैं! और दीदी … लड़की अगर स्कर्ट में हो तो मज़ा आलरेडी दोगुना हो जाता है.
मोनी खिसियाई हंसी हंसती हुई बोली- जानती हूँ मेरे भाई, मिनी स्कर्ट तुझे उकसाने के लिए जान-बूझकर पहनी थी मैंने! उस रात जब मैं किचन समेटकर तेरे कमरे में घुसी, तेरे सैंडो से तेरी मांसल बाजुएँ, चौड़ा सीना, और तेरे छोटे से बॉक्सर से निकलती तेरी विशालकाय मांसल जांघें और पिंडलियाँ देखकर मेरे अंदर विस्फोट हुआ. इतना सेक्सी मर्द मेरे सामने था, मन किया कि सीधे तेरी मर्दाना जांघ पर बैठकर तेरी पटरानी बन जाऊं. लेकिन तेरा खून गर्म किये बिना मज़ा कैसे आता! इसलिए इतनी छोटी स्कर्ट पहन कर आयी. जिस हिसाब से तू मुझे घूर रहा था, मुझे मेरा आईडिया सफल होते हुए दिख रहा था. और फिर जॉइंट पीने के बाद जैसे तूने चोदा … उफ्फ्फ! पहली बार इतना ज़्यादा मज़ा आया है!
मैं हंसा और मोनी की जांघ पर हाथ रखते हुए कहा- तो फिर दीदी, कल रात के काण्ड के बाद आगे का क्या सोचा है?
मोनी ने मेरी आँखों में देखते हुए, मंद-मंद मुस्कुराते हुए कहा- वही जो तू सोच रहा है … कौन रोकेगा हमें यहाँ?
मैंने आँख मारते हुए कहा- वाह मेरी बहना रानी, ये हुई न बात … टाइमिंग स्पॉट ऑन और अय्याशी फुल ऑन! लगता है ये कोरोना लॉकडाउन रंगीन होने वाला है!
मोनिका ने प्रत्युत्तर में एक चौड़ी अश्लील मुस्कान दी.
फिर उसने आँख मारकर कहा- हाँ मेरे राजा! सच कहूँ तो मुझे इस बात से एक अलग ही मज़ा आ रहा कि इस लॉकडाउन के समय में हम दोनों साथ में हैं. वह भी यहाँ गुड़गाँव में … बाहर सुनसान सन्नाटा है, लोग अपने ही घरों में बंद होकर परेशान हैं, वहां हम दोनों फ्लैट पर फुल ऑन मौज-मस्ती करेंगे!
मैंने मोनी की जांघ पर हाथ फेरते हुए कहा- वाह दीदी! टिपिकल दिल्ली-गर्ल बन गयी हो यहां आकर. आग लगे बस्ती में, हम अपनी मस्ती में!
मोनी ने अपना हाथ मेरे सीने पर फिराते हुए कहा- पोटेंशियल हमेशा से था तेरी दीदी में नीलू … दिल्ली ने तो बस अनलॉक किया है. कॉलेज में जब चलती हूँ तो इतने लौंडों का खून जलता है कि पूछ मत, आई एम श्योर, सब के सब मुठ मारते होंगे मेरे नाम की!
“ऑफ़ कोर्स दीदी! पोटेंशियल तो आपका 2013 से दिख रहा, उभर उभर के. और लौंडे-लपाड़ों से ऊपर बढ़ो दीदी, ये वर्किंग मर्द आपका पोटेंशियल अच्छे से अनलॉक करेगा!
मेरे इतना कहते ही मोनी मेरे पास आई और मेरे होंठों का एक गहरा चुम्बन लिया, फिर बोली- दो हफ्ते से तेरे साथ रह रही हूँ मेरे भाई! तेरे अंदर का भूखा शिकारी दिखता है मुझे! एक बात कहूँ, तू अब मुझे बेबी, स्वीटी बोल, दीदी नहीं … बल्कि तू मुझे मोनी डार्लिंग बोल!
“ओह डार्लिंग, टेंशन नॉट. अब तो बस हम दोनों हैं यहाँ, टाइम ही टाइम है. धीरे धीरे पूरे खुल जाएंगे!”
“ओह याह बेबी … .ये हुई न बात! मैं तेरे लिए गर्मागर्म नाश्ता तैयार करती हूँ, तब तक मेरे लिए मेडिकल स्टोर से इमरजेंसी पिल ले आ!”
ब्रो सिस इन्फैचुएशन बातों से मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे.
मैं मुस्कुराते हुए मन ही मन ईश्वर को धन्यवाद देते हुए फ्लैट से निकला.
मैंने बाइक निकाली और पास के काम्प्लेक्स में एक फार्मेसी में गया और वहां से इमरजेंसी पिल्स, कंडोम और ल्यूब (लुब्रीकेंट/चिकनाई) खरीदा.
वापस फ्लैट में घुसा तो देखा कि मेज टेबल पर नाश्ता लगा था, मोनी शायद नहाने अपने बाथरूम में जा चुकी थी.
झटपट नाश्ता किया मैंने और अपने रूम में जाकर फ्रेश होकर नहा-धोकर रेडी हो गया.
मैंने एक ढीला शॉर्ट्स और एक टी-शर्ट पहन ली.
लगभग एक बज रहा था, मोनी किचन में लंच की तैयारी कर रही थी.
उसने एक छोटी प्रिंटेड शॉर्ट्स और एक झीना टॉप पहन रखा था.
मैंने पीछे से जाकर मोनी को आलिंगन करते हुए गर्दन पर चूम लिया.
प्रत्युत्तर में मोनी पलटी और मेरे सीने पर चूमती हुई बोली- बेबी अब तो खुलकर बता दे … कितनी गर्लफ्रेंड रहीं हैं तेरी आजतक … सीरियस कैज़ुअल सब मिलाकर?
मैंने कहा- कुल मिलकर आजतक मेरे सात लड़कियों के साथ शारीरिक सम्बन्ध रहे हैं. फ़्लर्ट तो बहुतों से चलता रहता है. ये श्रद्धा मेरी तीसरी सीरियस गर्लफ्रेंड है लेकिन अब मेरा मन उससे लगभग भर चुका है. बाकी नयी सेटिंग्स से चैटिंग वगैरह तो चलती रहती है. … खैर आप बताओ दीदी, ये पारस का क्या सीन है?
मोनी ने कहा- पारस मेरा आज तक का चौथा बॉयफ्रेंड है जिसको मैंने अपने खर्चे, पैसे उड़ाने और दिल्ली में घूमने के लिए बॉयफ्रेंड बनाया है. सच कहूँ तो वह तुझसे 8 साल बड़ा है, लेकिन तेरी हाइट और पर्सनालिटी के सामने बच्चा लगता है. इसके अलावा 2 कैज़ुअल सीन हुए हैं पब्स में. कोरोना के पहले लगभग हर वीकेंड मैं और मेरी पीजी की सहेलियां पार्टी करने पब्स जाती थीं, वहां बहुतेरे लड़के हम पर लाइन मारते थे.
मैंने निक्कर के ऊपर से ही मोनी की गांड की दरार में हाथ डालकर चुहल की और एक शरारती मुस्कान देते हुए उसकी गांड पर एक थप्पड़ बजा दिया.
मोनी ने मेरी इस हरकत से मस्त होकर अपने होंठ काट लिए.
उसके पश्चात हमने लंच किया.
फिर मोनी फ्लैट की सफाई करने लगी और मैं देवेश के फ्लैट प्लेस्टेशन खेलने चला गया.
मेरे वापस आने के बाद शाम को लगभग साढ़े चार बजे मैं जिम जाने को हुआ तो मोनी भी स्पोर्ट्स ब्रा और टाइट शॉर्ट्स पहनकर, अपने बाल पोनी टेल में बांधकर जिम चलने के लिए रेडी हो गयी.
जिम मेरी बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर ही था, साथ में इंडोर गेम्स रूम और स्विमिंग पूल भी था.
लॉकडाउन के उस एकांत समय में जिम में बस मैं और मोनी थे.
हमने डेढ़ घंटा जमकर वर्कआउट किया और पसीना बहाया.
एक्सरसाइज करवाने के नाम पर मैंने जिम में मोनी के जिस्म को खूब मसला.
वापस आकर मैंने प्रोटीन शेक पिया और शावर लिया.
फिर एक डीप वी-कट फ्रेंची चड्डी पहनी, और उसके ऊपर से सफ़ेद बाथरोब पहना.
वह ब्रांडेड चड्डी सफ़ेद रंग पर सूक्ष्म प्रिंट्स के साथ थी, एकदम शार्प ‘V’-आकर और साइड कवरेज अल्पतम था.
कुछ साढ़े दस बजे डिनर करने के बाद सिगरेट पीते हुए मोनी ने मुझसे कहा- बेबी, आज रात जॉइंट हो जाये फिर से?
मेरे अंदर हवस की लहरें फिरसे उफान मार रही थीं
मैंने आँख मारकर कहा- व्हाई नॉट डार्लिंग, कल के 2 जॉइंट तो बचे ही हुए हैं … बैडरूम में करते हैं न आज रात फिर से कल का सीन रिपीट!
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ब्रो सिस इन्फैचुएशन स्टोरी का अगला भाग: लॉकडाउन में भाई बहन की हवसलीला- 2