लखनऊ वाली जवान मामी की कामुकता- 4

यह हॉट फॅमिली सेक्स कहानी मेरी जवान मामी की चूत चुदाई की है. मामी की कामवासना बहुत बढ़ी हुई थी. वो मेरे लंड पर बैठकर कैसे कूदी?

हैलो मित्रो, मेरी इस देसी मामी सेक्स कहानी में आप सभी का स्वागत है.
हॉट फॅमिली सेक्स कहानी के तीसरे भाग
मामी को रसोई की स्लैब पर चोदा
अब तक आपने पढ़ लिया था कि हम दोनों चुदाई के बाद ओरल सेक्स का मजा ले रहे थे.

अब आगे हॉट फॅमिली सेक्स कहानी:

कोई 5 मिनट तक हम एक दूसरे की चुसाई करते रहे.

मैंने उंगलियों से उनकी चूत खोली और जीभ को गोल करके उनकी चूत जीभ से चोदने लगा.
साथ साथ में मैं चूत के दाने को उंगली से रगड़ रहा था जिससे मामी और उत्तेजित हो गयी थीं.
उनकी चूत से नमकीन शहद की 4-5 बूंदें मेरे मुँह में गिर गईं.

मामी- आह उह्हम्म तूने क्या कर दिया रे … मेरी चूत की आग भड़का दी. अब चोद दे जल्दी से … उफ उफ्फ मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है … डाल दे अपना लंड मेरी चूत में … आह आहम्म उमम्म.

मामी घूमकर मेरी तरफ मुँह करके मेरे ऊपर आ गईं और मैंने उनको कसकर हग करते हुए अपने ऊपर ले लिया.

अब मामी अपनी चूत लंड पर रगड़ रही थीं.

मामी ने अपनी कमर उठाई और हाथ पीछे ले जाकर लंड पकड़कर चूत पर सैट कर दिया, अपनी आंखें बंद करके लंड पर बैठते हुए पूरा लंड अन्दर ले लिया.

लंड अन्दर लेते समय उनके चेहरे पर दर्द भी था और संतुष्टि भी थी.
उनकी आंखें मजे में कभी बंद हो रही थीं, कभी खुल रही थीं.
वो झुक कर मुझसे चिपक गईं.

अब वो धीरे धीरे अपनी कमर चला रही थीं- आह्म्म आह आह आह चोदो बाबु चोदो … आज जोर लगा दो पूरा … सारी प्यास मिटा दो इस चूत की ऊउम्म आहम्म मम्म ओह आह्हम्म ओह आह

मैं उन्हें कसकर हग करके नीचे से हल्के हल्के धक्के लगाने लगा.

हमारी आवाजें निकलने लगीं- आह आह्हम्म ओह्म्म आह्म्म आह्म्म ह्म्म आहम्म मम्म.

उनके दूध मेरे सीने से दब कर पिस रहे थे. उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और चूसने लगीं.

चुसाई के साथ चुदाई का मजा आने लगा था. मामी अपनी गांड उठा उठा कर झटके मारती हुई मुझे चोद रही थीं.

वो पूरी कमर उठा उठा कर पूरा लंड अन्दर ले रही थीं, जिससे ‘ठप ठप … ठप ठप …’ की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी.

मेरा हाथ कभी उनकी कमर, कभी चूतड़ पर घूम रहा था.

मैंने उंगली से उनकी गांड के छेद को टटोला और गांड में उंगली डाल दी.

इससे वो एकदम से चिहुंक गईं और उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया.

मामी- आह्ह आह्ह आउच … वो छेद मत छेड़ो बेबी … उसमें मैंने कभी नहीं करवाया. मैंने सुना है गांड में बहुत दर्द होता है.
मैं- आप मेरी तो आपका हर छेद मेरा. आपको दर्द देकर क्या मरना है मुझको. आप तो प्यार के लिए बनी हो. आप बिलकुल चिंता मत करो, आपके हर छेद को बराबर प्यार किया जाएगा.

ये कहकर मैंने उनके होंठ चूस लिए.

मामी- तुमसे तो बातों में कोई नहीं जीत सकता. चलो तुम भी क्या याद रखोगे … आज मेरी गांड भी तुम्हारी हुई. पर पहले चूत को तो प्यार करो आह आह … आह ओह चोद दे रे आह्हम्म.

मैं नीचे लेटे लेटे मामी की चुत के मजे ले रहा था.

कुछ देर बाद वो उठीं और उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरे सीने पर हाथ रख लिए. वो लंड पर चुत घिस रही थीं. इस पोज में उनके दोनों दूध ऊपर नीचे हो रहे थे. उन्होंने अपना एक दूध लटकाकर मेरे मुँह में लगा दिया.

मामी बोलीं- तुझे बहुत अच्छे लगते हैं न ये … ले चूस इन्हें.

इस पोजीशन में वो एकदम मास्टरनी सी लग रही थीं. मैं भी किसी आज्ञाकारी शिष्य की तरह उनका मम्मा चूसने लगा.

उनकी कामुक आवाज आने लगी- ऊउम्मउ उम्म चूस ले उम्म्म आह साले डबल मजा दे रहा है … आंह चूस मेरे थन.

मैं मामी की एक चूचि को अपने मुँह में लेकर खींचते हुए चूसने लगा.

वो चुदाई की उत्तेजना में ये सब बोले जा रही थीं- आहहह … और ज़ोर से … ओहह … हम्हह … आहहह … चूस डाल मेरे दूध … आहहह … अम्हह … आहहह … खा जा इन्हें आएए … आहहह!

मामी बारी बारी से अपने दोनों मम्मे मेरे मुँह में डाल रही थीं जिन्हें मैं बच्चों के तरह चूस रहा था.
हालांकि उनमें से दूध नहीं निकल रहा था … मगर चूसने में मजा बहुत आ रहा था.

उनकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी जिससे पूरे कमरे में फच फच्च फच फच्च की आवाज गूंज रही थी.

मामी- आह्हम्म आह्हम्म आह चोद मेरे राजा … आह आहम्म मम्म आहम्म.

अपनी कमर को मामी मेरे लंड पर आगे पीछे ऐसे घिस रही थीं जैसे सिल-बट्टे पर चटनी पीस रही हों.

मामी पूरे जोर से सिसकारियां ले रही थीं- ह्हम्म आह्ह आह आह आह्ह!

मैं भी उठ गया और उनको गोद में लेकर नीचे से धक्के लगाने लगा.

‘आह मामी आपकी चूत कितनी गर्म है … ये मेरे लंड को पिघला रही है … ह्हम्म आह्हम्म …’

हमारे होंठ फिर से एक दूसरे से चिपक गए.

मामी- अईयाया … आह्ह … आह उफ़फ्फ़ आपका आह्ह … तेज तेज और तेज कर ह्हम्म आह्हम्म आह आह उह्हम्म बेबी आह उफ्फ मैं गई.

झड़ते झड़ते मामी मेरे होंठ जोर से काटने लगीं. मुझे लगा कि आज तो मेरे होंठों से खून ही निकल जाएगा.

दस मिनट तक ऐसे ही चुदाई चलती रही.
मैं नीचे से धक्के लगाता रहा. मामी अपने चूतड़ों से मेरे साथ ताल से ताल मिलाती रहीं.

मामी- आह्ह … सस्स ऊह्ह सर आह्ह … बहुत मज़ा आ रहा है उई … धपाधप चोदो और ज़ोर से आह उफ़फ्फ़ कककक सी मेरी चूत आह्ह … का बांध टूटने वाला है … अई फास्ट आह्ह आंह फाड़ दो आह्ह … मेरी चूत को उफ़ मैं गई आह्ह!

मामी ने आंखें बन्द कर लीं.
वो चरमसुख का आनन्द लेने लगीं और एक मिनट बाद उनका बदन ढीला पड़ गया.
मगर मैं अब भी उनको ठोके जा रहा था.

मामी- आह्ह … आह मेरे राजा जी … आह्ह … अब लौड़ा बाहर निकाल भी लो आह.

मगर मैं उनकी बिना कुछ सुने लंड चुत में पेले जा रहा था.

वो मेरे ऊपर लेटकर तेज तेज सांसें लेने लगीं.
मैं नीचे से हल्के हल्के धक्के लगा रहा था क्योंकि मैं नहीं झड़ा था.

मामी- आह्हम्म रुक जाओ जान … थोड़ी देर … मेरी चूत जल रही है आह्ह आह आह्ह!
मैं- मामी बस दो मिनट रुको, मेरा भी होने वाला है.

और मैं नीचे से तेज तेज धक्के लगाने लगा.

मामी- आई आई ओह उफ्फ्फ तो तुम ऊपर आ जाओ … मैं थक गई हूं.

मैंने उन्हें पलटाकर नीचे लिया लेकिन इस बात का ध्यान रखा कि लंड उनकी चूत से बाहर न निकले.

उनके दोनों पैर अपने कंधे पर रखकर मैं धक्के लगाने लगा. मैंने उनके दोनों दूध मैंने कसकर पकड़ लिए और हचक कर चोदने लगा.

थप थप्प ठप्प थप की आवाज आने लगी.

मामी- ओह्हम्म ह्हम्म आह आह और और आह ह्हम्म आह उफ्फ उफ़्फ़आ हहम्म आह्म्म आई दर्द हो रहा है जालिम आह छोड़ दे.

वो एक बार झड़ चुकी थीं तो उनकी चूत जलने लगी थी. वो ‘आउफ आउफ उफ उफ्फ्फ थोड़ी देर रुक जा बेबी आउफ आउफ …’ करके चीख रही थीं.

मुझ पर बीयर का नशा हावी था. मुझे तो बस उनकी चूत नजर आ रही थी.

राजधानी एक्सप्रेस की तरह मैं धक्के पर धक्के लगा रहा था- आह मामी मेरी जान बस मेरा भी होने वाला है.
मैं उनके दूध मसलते हुए बोला.

उनके मम्मों पर लाल निशान पड़ गए थे, जो ये बता रहे थे कि मैंने उन्हें कितना चूसा है … मामी के दोनों निप्पल भी फूल गए थे.

दसेक तेज तेज धक्के लगाकर मैंने उनको बोला- आंह मामी … मैं भी आ गया.
मामी- आंह आजा … अन्दर ही रस निकाल दे … आंह मेरी चूत जल रही है … आंह तेरे पानी से ही आराम मिल जाएगा उफ्फ्फ आह आह आउच.

मैंने तेज तेज धक्के लगाए और उनकी चूत में ही झड़ने लगा.

कसकर मैंने मामी के दूध पकड़ लिए और सारा माल चूत में भर दिया.

झड़ कर मैं उनके ऊपर ही गिर पड़ा और उनके बूब्स के ऊपर सिर रखकर लेटकर अपनी सांसों को कंट्रोल करने लगा.

मामी मेरे बालों में हाथ फिराती हुई बोलीं- तुम्हारे मामा के बाद तुम दूसरे हो, जो मेरे इतना करीब हो.

ये कहकर मामी ने मेरे सिर पर किस कर लिया.
‘ऊउम्ममह.’

मैं- यू आर अमेजिंग स्वीटहार्ट मामी … आई लव यू सो मच. आपने आज जो मुझे दिया है, उसे मैं सारी जिंदगी नहीं भूलूँगा.

मैंने भी उनके माथे पर प्यार से चूम लिया.

मामी- मुझे भी आज तुम्हारे साथ बहुत मजा आया … तुम्हारा स्टेमिना, चोदने का तरीका, उस सबकी मैं फैन हो गयी. वैसे कहां से सीखा?

मैं- पोर्न फिल्म से और अन्तर्वासना से.
यह बोलकर मैं हंसने लगा.

मामी- अच्छा मेरे राजा. अब जरा हटो मैं वॉशरूम जाती हूं. थोड़ा फ्रेश होकर आती हूँ.

मैं उनके ऊपर से हटते हुए बोला- आप कहें तो मैं भी चलूं आपके साथ!
मामी- तुम यहीं रुको … चोद चोद कर मेरी हालत खराब कर दी. अब अन्दर भी साथ जाओगे, तो वहां भी शुरू हो जाओगे.

मामी बाथरूम में चली गईं.
मैं वहीं लेटा रहा.

दस मिनट बाद वो वापस आईं.

दोस्तो, मैं आपको एक बात शेयर करना चाहता हूँ कि कुंवारी लड़की को चोदने से ज्यादा मजा शादीशुदा औरतों को चोदने में आता है क्योंकि शादीशुदा औरतें सब जानती हैं, उन्हें ज्यादा मनाना नहीं पड़ता. जबकि कुंवारी लड़कियां नख़रे ज्यादा दिखाती हैं.

खैर … मैं और मामी दो बार चुदाई का आनन्द ले चुके थे.
मुझे मामी को चोदकर बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा था.

पहली बार में ही मामी की भरपूर चुदाई करके मैं निहाल हो गया था.

मैं बेड पर लेटकर सोच रहा था कि कहां मैं अपनी जीएफ को चुदाई के लिए मनाता रहता था … और वो साली भाव खाती रहती थी.
इतनी कोशिश अगर मामी पर पहले की होती तो कब की चूत मिल गयी होती.

मगर कहते हैं ना कि जब जब जो जो होना है, तब तब वो वो हो जाता है.

यही सोचते सोचते मेरी आंख लग गयी.

करीब 15 मिनट बाद मुझे मेरे लंड पर कुछ हरक़त सी मालूम हुई.

मैंने आंखें खोल कर देखा तो मामी मेरे पैरों के बीच बैठकर मेरे लंड को सहलाती हुई चूस रही थीं.

मैं- मुझे उठा ही लिया होता मामी … आप तो अकेले अकेले ही शुरू हो गईं.

मामी मुँह में से लंड निकाल कर बोलीं- तुम सो रहे थे, तो तुम्हें उठाने का मन नहीं हुआ. लेकिन तुम्हारा लंड जाग रहा था … तो मैं इसी से प्यार करने लगी.

उन्होंने मुस्कुराते हुए लंड फिर से मुँह में ले लिया.

मैंने अपने हाथ अपने सिर के नीचे रख लिए और मामी से लंड चुसाई के मजे लेने लगा.

मामी के होंठ उनकी चूत से कम नहीं थे. वो मुझे उतना ही मजा दे रहे थे, जितना चूत चोदने में आ रहा था.

वो मुँह को कसकर मेरे लंड को चूस रही थीं. वो मेरा पूरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी थीं और बीच बीच में टट्टे भी चाट रही थीं.

मेरे मुँह से मादक आवाजें निकलने लगीं- उम्म्म्म आंह मेरी जान और मजे से लंड चूसो … आह कितना मस्त चूसती हो!

कुछ पल बाद उन्होंने मेरे लंड को अपने मम्मों के बीच में दबा लिया और बूब्स से लंड को मसाज देने लगीं.
बीच बीच में लंड का टोपा अपनी जीभ से चाटने लगीं.

ये सीन बड़ा ही दिलकश था. मेरी आहें बढ़ गईं और आवाजों की ध्वनि तेज हो गई.

‘उम्म्म्म मामी … सच में यार आप तो जादूगरनी हो … मेरा लंड हार्ड हो गया है आंह ऊमह.’

मुझे अपनी मामी से लंड मसलवाने में और चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था.

फिर मैंने मामी के बालों को पकड़कर उनके मुँह में पूरा लंड दे दिया और गांड उठा कर उनके मुँह को चोदने लगा.

‘आह्म्म मामी आह्ह ओह्ह चूसो … कितना अच्छा चूस रही हो यार … ओह्ह ओह्ह.’

मामी ऐसे ही लंड को चूसती रहीं. कुछ मिनट बाद मैं उनके मुँह में ही झड़ गया. मामी ने टोपा मुँह में ले लिया और सारा पानी पी गईं.

अब वो मेरे बगल में आकर लेट गईं और बोलीं- तुम्हारा तो हो गया, मेरी चूत का क्या होगा ह्म्म्म … मेरी चूत जल रही है बेबी … उसे भी कुछ चाहिए.
मैं- सब मिलेगा पूरा मिलेगा हर छेद को रस मिलेगा … मेरी जान.

हम दोनों हंसने लगे और एक दूसरे को चूमने लगे.

दोस्तो, आपको मेरी हॉट फॅमिली सेक्स कहानी कैसी लग रही है प्लीज़ मेल करना न भूलें.
[email protected]

हॉट फॅमिली सेक्स कहानी का अगला भाग: लखनऊ वाली जवान मामी की कामुकता- 5

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