मौसी की बेटी मेरी रखैल बनी

Xxx फॅमिली सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी मौसी अपनी बेटी को लेकर हमारे घर रहने आई तो उसकी जवानी ने मुझे बेचैन कर दिया. मैंने उसे गर्म करके चोदा लेकिन वो चालू माल निकली.

मेरा नाम अजय है, मैं जयपुर में रहता हूं. मेरी फैमिली में सब मस्त हैं और मज़े करते हैं.

बात तब की है, जब मैं 20 साल का था और नया नया जवान हुआ था.
दिन रात मैं बस मुठ पेलता रहता था और लौंडियों के बारे में सोचता रहता था।

बात गर्मियों की छुट्टियों की है, तब मेरी मौसी और उनकी लड़की हमारे घर कुछ दिन के लिए आयी हुई थीं.

मेरी मौसी की लड़की का नाम चिक्की है. मैं उससे बहुत टाइम बाद मिला था.
यह Xxx फॅमिली सेक्स कहानी इसी चिक्की की है.

जब मैंने उसे देखा तो मैं देखता रह गया. वह भरपूर जवान हो चुकी थी, उसके बड़े बड़े दूध मेरे लंड को बेचैन कर रहे थे.

मेरी मौसी, मम्मी और पापा अलग कमरे में सोते थे.
उन्होंने चिक्की से पूछा तो वह बोली- मैं भैया के पास सोऊंगी और रात में टीवी देखूंगी.

रात हुई.
मेरा छोटा भाई सो चुका था.

अब मैं आपको चिक्की के बारे में बता देता हूँ.
चिक्की सिर्फ 19 साल की थी और उसके बूब्स 34 और गांड 36 की थी.
साली एक नंबर माल थी.

आपको क्या बताऊं दोस्तो … उसकी चूत और गांड और स्तन क्या मस्त हिलते थे … और वो क्या ठुमक कर चलती थी कि लंड से पानी टपकने लगता था.
अब रात का सीन कुछ यूं था कि एक साइड में मेरा भाई सोया हुआ था, बीच में चिक्की और दूसरी साइड में मैं था.

मेरी रात को एक दो बार नींद जरूर खुलती है.
तब मैंने देखा चिक्की की स्कर्ट उसकी जांघों के ऊपर आ गई है।

उसकी चिकनी जांघ देख कर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया.
मैंने अपने ऊपर काबू किया और बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ मार कर वापिस आकर सो गया।

अगली रात में भी फिर से वैसे ही हुआ.
जब मेरी नींद खुली तो मैं देखता रह गया.
आज चिक्की एक हाथ से अपनी बुर में फिंगरिंग कर रही थी, दूसरे हाथ से बूब्स दबा रही थी।

मैं चुपचाप लेटा देखता रहा और मज़े लेता रहा.
थोड़ी देर में उसका पानी निकल गया और वो सो गई.

कूलर की हवा इतनी तेज़ चल रही थी कि उसकी स्कर्ट फिर से ऊपर हो गई.
उसकी पैंटी साफ दिख रही थी

अब मुझे खुद पर काबू नहीं रहा.
मैं उसके पास सरक कर लेटा और पीछे की साइड से उससे सट गया.

उसकी गांड की दरार के बीच में मैं अपना लौड़ा घिसने लगा.
उस कुतिया को भी शायद मज़ा आ रहा होगा, उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया.

कुछ ही देर के बाद वो मेरी तरफ घूम गई और उसने अपनी चड्डी नीचे कर दी.
चड्डी नीचे करने के बाद उसने अपने हाथ से मेरा लौड़ा पकड़ा और अपनी चूत में लगाने लगी.

मैंने भी पोज बनाया और उसके ऊपर चढ़ गया.
उसने भी अपनी टांगें खोल दीं और मेरे लंड को पकड़ कर उसे जन्नत के दरवाजे पर लगा दिया.

उसी समय मैंने अपना फौलादी लौड़ा उसकी चूत में घुसा दिया.
आह की एक हल्की सी आवाज आई और बहन की लौड़ी मेरा पूरा लंड खा गई.

मुझे पता चल गया था कि ये रंडी पहले से ही खुली पड़ी है और किसी और से चुद चुकी है.

मैंने दस मिनट तक चूत लंड चलाया और उसके दूध चूसते हुए उसकी चूत में ही झड़ गया.
कुछ देर बाद मैंने अपने कपड़े सही किये और सो गया.

अगले दिन मैंने उसे अकेले में बुलाया और पूछा- चिक्की, ये बता तू पहले भी किसी से चुदी है ना?
वो हंस रही थी और ना में सर हिला रही थी.

“देख, सब सच बता दे.”
उसने बताया कि उसके गणित वाले सर ने उसे घर पर बुला कर खूब चोदा था.

मैंने उससे कहा- देख चिक्की, आज से तू मेरी रखैल है. मैं तुझे पूरा मज़ा दूंगा और जो तुझे चाहिए, वो भी मिलेगा. बस तू मेरे लंड की गुलाम बन जा!
उसने कहा- ओके भैया, पर ये बात किसी को बताना मत प्लीज!
मैंने बोला- ठीक है.

उसके बाद तो वो साली रोज़ मेरे लौड़े की क्या मस्त सवारी करती, मजा आ जाता.
मैं उसके दूध चूस चूस कर उसको धकापेल बजाता.

वो अपनी मम्मी के साथ एक महीने तक हमारे यहां रही.
मैंने उसको खूब पेला और ढोलक के जैसे दोनों ओर से बजाया.

साली की चूत गांड दोनों छेद खुले हुए थे, जिनको मैंने और ज्यादा ढीला कर दिया.

वो साली पक्की रंडी बन चुकी थी.
जून का महीना शुरू हो चुका था.

अचानक ख़बर आई कि नाना जी की तबीयत ज्यादा खराब है तो मेरी मम्मी मौसी और छोटा भाई नाना के यहां चले गए.
मेरा और पापा खाना बनाने के लिए चिक्की रुक गई.

मुझसे रुका नहीं जा रहा था.
नाइट का टाइम था.

खाना खाकर मैं और चिक्की अलग कमरे में चले गए … और पापा अलग कमरे में सो गए.
उस रात भी मैंने चिक्की को चार बार चोदा और उसकी चूत का चौपड़ा बना दिया.

वो भी लंड की प्यासी थी तो साली खूब उछल उछल कर चुदी.
फिर हम दोनों सो गए.

अचानक मेरी नींद खुली, तो देखा चिक्की नहीं है.
मैंने सोचा मूतने गई होगी, पर वो काफी देर तक नहीं आई.

मैं उसे देखने गया, तो उसकी आवाज पापा के कमरे से आ रही थी.
“आह धीरे मौसा जी … धीरे पेलिए ना!”

मेरे पैरों के नीचे से जमीन निकल गई ‘ये मादरचोदी पापा से भी चुदवा रही है.’

भैन की लौड़ी … ये तो नेशनल हाइवे निकली. अनगिनत ट्रक निकल गए होंगे इस छिनाल के ऊपर से तो!

मैंने कमरे से आती आवाजों पर ध्यान लगाया तो पापा भी बोल रहे थे- आह साली ले भैन की लवड़ी … तेरी मां तो मेरी रखैल है ही … अब आज से तू भी बन गई आह ले मेरे लंड की खाज मिटाने वाली रंडी.

मैं सकते में था कि पापा तो मुझसे भी बड़े चोदू मास्टर निकले.
इन्होंने तो मौसी को भी बजाया है.

अब मेरी बुद्धि सटक गई थी और मैं भी मौसी की चूत मारने की प्लानिंग बनाने लगा था.

दोस्तो इस तरह चिक्की कभी मुझसे, तो कभी पापा से चुदती रही.

चार दिन बाद मैंने उससे पूछा- पापा से कैसे चुदी तू?
वह बोली- मौसा जी को हमारे बारे में भी सब पता है. उन्होंने बोला कि मेरा लौड़ा नहीं लेगी, तो मैं सबसे कह दूंगा. बस फिर मैं क्या करती, मैं डर गई थी.

मैंने पूछा- अच्छा तो ये बता कि पापा का लंड तुझे कैसा लगा?
वो मुस्कुरा दी और बोली- सच में यार मौसा जी तो गजब पेलू हैं … मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया. बड़ी लंबी चुदाई करते हैं और देर तक टिकते हैं.

मैंने कहा- मतलब तुझे पापा का लेने में मजा आया?
वो बोली- हां यार, उनका लंड मस्त है. फिर उन्होंने मेरी मम्मी को भी पेला है.

मैंने कहा- अरे हां, वो मुझे मालूम है. उस समय जब वे तेरी सवारी गांठ रहे थे, तब उनके मुँह से मैंने सुना था कि तेरी मम्मी भी उनकी रंडी रही हैं … और अब तू भी उनकी रांड बन गई है.
वो हंस दी.

मैंने कहा- ओए मूरख लड़की … कहीं पापा ने मौसी की चूत से तुझे ही तो पैदा नहीं किया था?
इस पर वो होंठ काटती हुई बोली- तो तेरे पापा बेटीचोद हो गए.

मैं उसकी इस साफगोई से हैरान था.
फिर पता चला कि नाना जी नहीं रहे तो पापा को भी जाना पड़ा.

मैं दुकान की वजह से नहीं जा पाया और चिक्की मेरे खाने की वजह से रुक गई थी।

अब मेरे दिमाग में और खुराफात चलने लगी. मैंने सोचा क्यों ना इस रंडी का गैंग-बैंग करवाया जाए.

मेरे कुछ दोस्त ऐसे मादरचोद किस्म के थे ही.
मैंने अपने दो खास दोस्तों को घर बुलाया और बोला- आज खाना भी मेरे घर पर ही खा लेना और मूवी देखेँगे तो कोई अच्छी सी हॉलीवुड की मूवी लेकर आना.

मुझे और चिक्की को हॉलीवुड मूवी देखना बहुत पसंद हैं.
वो दोनों रात 8 बजे आ गए.

घर पर कोई नहीं था तो हम लोगों ने मेन दरवाजा बंद कर दिया.

हम सबने पहले दारू पी.
चिक्की ने भी दो पैग लगा लिए.

उसने दारू पीने के बाद डांस भी किया और “मैं मालगाड़ी तू धक्का लगा वाले …” गाने पर अपनी जवानी के जलवे दिखाए।
खाना खाया और रूम में चले गए.

दोस्तों ने मूवी चालू की.
एक साइड में मैं, बीच में चिक्की और दूसरी साइड मेरे चोदू दोस्त लेट गए.

हरामी दोस्तों ने नंगी चुदाई वाली मूवी लगा दी.
थोड़ी ही देर में फिल्म में चुदाई शुरू हो गई.

मैंने चिक्की से कहा- डार्लिंग, आज तुझे जन्नत की सैर करवा देंगे … जल्दी से नंगी हो जाओ.
वो बोली- भैया, तीन तीन से तो मैं मर ही जाऊंगी!

“साली नखरे मत कर … और जल्दी से नंगी हो जा. चुदाई से आज तक कोई नहीं मरी.”

फिर क्या था, वो दोनों हरामी उस पर टूट पड़े, उसके कपड़े फाड़ दिए और ब्रा पैंटी भी फाड़ दी.

मैं लेटा लेटा अपने मोबाइल में चिक्की की चुदाई की वीडियो बना रहा था.
उसके आगे पीछे के दोनों छेदों में लौड़े घुसे हुए थे और वो हवा में थी।

उस रात उसको हम तीनों ने बारी बारी से इतनी बुरी तरह चोदा कि साली दो दिन तक चल भी ना पाई।
इसी तरह साली को खूब चोदा.

अब जुलाई का महीना आ चुका था, तो उसके स्कूल खुलने वाले थे.
वो और मौसी घर वापस जा रही थीं.
मुझे बहुत बुरा लग रहा था.

कुछ दिन बिना चुदाई के निकल गए.
फिर राखी आ गई.

मेरी मम्मी ने कहा- तू मौसी के यहां हो आ. उन्हें कुछ गिफ्ट भी देकर आना.
मैं वहां चला गया. मैं कुछ दिन रुकने के प्लान से ही आया था.

सालों पहले मेरे मौसा जी की डेथ हो चुकी थी. मौसी और मौसी की दो लड़कियां और उनका एक बेटा अपने दादा दादी के साथ रहते थे.

मौसी के बारे में बताऊं दोस्तो … तो वे एक नंबर की पटाखा माल थीं.
मुझे ये संदेह तो हो गया था कि इतनी सेक्सी माल बिना लौड़े के नहीं रह सकती.

उनका बेटा जॉब करने बाहर ही जाता रहता था.
दिन में उनकी सास भजन करने मंदिर जाती थीं और लड़कियां स्कूल और कोचिंग में.

मौसी और उनके ससुर जी ही घर में रहते थे.
तब मौसी अपने ससुर जी के घुटनों में तेल की मालिश करती थीं.

मैंने खिड़की से देखा तो अन्दर अलग ही मालिश चल रही थी.
ससुर बेड पर पूरा नंगा होकर लेटा हुआ था और मौसी उसके लौड़े पर कूद रही थीं.

साली रंडी कहीं की अपनी चूचियाँ अपने ससुर को पिला रही थी और आह आह करके लौड़े पर डिस्को डांस कर रही थी.
मुझे समझ आ गया कि मौसी की चूत आसानी से मिल जाएगी.

कुछ ही समय बाद मौसी का ससुर झड़ गया और वो मौसी से लौड़े से हटने की कहने लगा.

मौसी बोलीं- अरे यार, मजा खराब कर दिया. तुमसे दवाई के बिना चुदाई होती ही नहीं है. अब कल चिक्की से दवा मंगाती हूँ, तब मजा ले पाऊँगी.

मैं ये सुनकर हैरान था कि साली माँ बेटी दोनों सड़क छाप रांड बन गई हैं.
उस समय तो मैं उधर से हट गया.

मगर रात को चिक्की को पेलते समय उससे पूछा तो उसने बताया- हां, मम्मी मेरी राजदार हैं.

अब चिक्की भी अपने दादा जी से चुदवाती थी या सिर्फ उसकी मम्मी ही दादा जी के लौड़े की सवारी करती थीं.
चिक्की और उसकी मम्मी को मैंने कैसे एक साथ एक ही बिस्तर पर चोदा?
ये सब मैं आपको अगली बार की सेक्स कहानी में लिखूँगा.

तब तक आप मुझे कमेंट्स करके बताएं कि आपको यह Xxx फॅमिली सेक्स कहानी कैसी लगी?
थैंक्स दोस्तो!

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